उड़ीसा के बाद पश्चिम बंगाल पहुंचा चक्रवात फोनी, नुकसान की खबर नहीं

पश्चिम बंगाल के बाद बांग्लादेश की ओर बढ़ रहा है फोनी, अब तक पश्चिम बंगाल से किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं आई है
Cyclone Fani pummeled Bhubaneswar railway station.
Cyclone Fani pummeled Bhubaneswar railway station.
Published on

उड़ीसा में तबाही मचाने के बाद चक्रवाती तूफान फोनी 4 मई को पश्चिम बंगाल पहुंच गया। इसके चलते कोलकाता में भारी बारिश हुई। इसके बाद फोनी उत्तरी पूर्वोत्तर की ओर बढ़ रहा है। हालांकि हवा की रफ्तार लगभग 90 किलोमीटर प्रति घंटा हो गई है।

मौसम विभाग के अनुसार शनिवार फोनी पश्चिम बंगाल के तट से टकराया। उस समय हवाओं की रफ्तार 90 से 100 किमी प्रति घंटा थी। इस कारण पश्चिम बंगाल के कई इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश होने लगी। हालांकि अब तक जानमाल की हानि के समाचार नहीं मिले हैं। चक्रवात के आने की आशंका के चलते पश्चिम बंगाल में रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया था और सरकार ने 3 मई को ही पूर्वी और पश्चिमी मिदनापुर, नादिया, उत्तर और दक्षिण 24-परगना और हावड़ा जिलों में लगभग 45,000 लोगों को अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया। तटीय शहर मंदारमणि, ताजपुर, संदेशखली और कोंताई फोनी की चपेट में आए।

तटरक्षक बल ने दीघा और दक्षिण 24 परगना के फ्रेजरगंज के रिसॉर्ट्स में कर्मियों को तैनात किया। राष्ट्रीय आपदा राहत बल की छह टीमों को झारग्राम, दो मिडनापोर और 24-परगना में तैनात किया गया था। कोलकाता के अलीपुर में रीजनल मीटरोलॉजिकल सेंटर के डिप्टी डायरेक्टर-जनरल संजीब बंद्योपाध्याय ने कहा, "ओडिशा के बालासोर से पश्चिम बंगाल में प्रवेश करने वाली फानी पर अनिश्चितता के बादल अब खत्म हो गए हैं।"

मौसम विभाग का कहना है कि तूफान की रफ्तार हल्की पड़ती जा रही है और जल्द ही यह तूफान बांग्लादेश पहुंच जाएगा, लेकिन उससे पहले नदिया और मुर्शिदाबाद इलाके में इसका असर दिखेगा। चक्रवात ने पूर्वी मिदिनापुर में लगभग 90 किमी की रफ्तार के चलते कई घरों और पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। चक्रवाती तूफान पश्चिम की ओर से खड़गपुर से होते हुए कोलकाता पहुंचा

इससे पहले शुक्रवार को ओडिशा में चक्रवाती तूफान की वजह से आठ लोगों के मारे जाने की खबर है। जबकि तूफान से सैकड़ों की संख्या में पेड़ों के उखड़ने और भवनों को नुकसान पहुंचने की खबर है। हालांकि तूफान के आने से पहले किए गए भारी इंतजाम काफी काम आए। प्रशासन ने लगभग 11 लाख लोगों को विस्थापित कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया था।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in