हिमाचल में इस बार मॉनसून के शुरूआती दिनों में ही बारिश का उग्र रूप देखने को मिल रहा है। मॉनसून के आने के चार दिनों के भीतर ही विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं में 9 लोगों की जानें जा चुकी हैं। साथ ही, बहुत अधिक बारिश, बाढ़ और बादल फटने की घटनाओं की वजह से अभी तक 102 करोड़ रुपए से अधिक की संपति का नुकसान पहुंच चुका है।
प्रदेश के स्पीति इलाके को छोड़कर सभी स्थानों पर जमकर बारिश हो रही है, जिसकी वजह से जगह-जगह भूस्खलन होने से 300 से अधिक सड़कें बंद पड़ी हैं। इसके अलावा बारिश से सबसे अधिक नुकसान प्रदेश में पेयजल परियोजनाओं पर पड़ा है।
बारिश के कारण प्रदेश की 1044 पेयजल और सिंचाई की परियोजनाएं ठप पड़ी हैं जिसकी वजह से लोगों को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले चार दिनों में हिमाचल प्रदेश मे भूस्खलन की 7 घटनाओं के साथ, बादल फटने की एक घटना और बाढ़ की चार घटनाएं दर्ज की गई हैं। इन घटनाओं में 9 लोगों की जानें जाने के साथ 14 लोग घायल हुए हैं और 312 पशुओं की जानें भी जा चुकी हैं।
अत्यधिक बारिश और भूस्खलन की वजह से प्रदेश के पर्यटन स्थल कुल्लू मनाली को जोड़ने वाला मुख्य राजमार्ग भी कई घंटों तक बंद रहा। जिससे हजारों पर्यटकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा है। मंडी जिला प्रशासन की ओर से कुल्लू मनाली जाने वाले पर्यटकों को सतर्कता के साथ सफर करने की हिदायत की गई है।
गौरतलब है कि इस बार अप्रैल, मई माह में भी बादल जमकर बरसे हैं जिससे हिमाचल प्रदेश में गर्मियां न के बराबर हुई है। मई में प्री मॉनसून सीजन में भी हिमाचल में रिकार्ड बारिश दर्ज की गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ सुरेंद्र पाल के अनुसार प्री मॉनसून सीजन में मई माह में सामान्य से 84 फीसदी से अधिक बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले 20 वर्षों में सबसे अधिक है। मौसम विभाग की ओर से प्रदेश में 30 जून तक अलर्ट जारी किया गया है।
प्रधान सचिव राजस्व ओंकार शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में हो रही तेज बारिश और आने वाले दिनों में जारी किए गए अलर्ट को देखते हुए पर्यटकों को अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में न जाने, सावधानी बरतने और सतर्क रहने की हिदायत दी गई है।
मॉनसून सीजन के शुरूआती दौर में ही इतनी बारिश होने की वजह से प्रदेश के किसानों और बागवानों की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। अधिक बारिश की वजह से वातावरण में नमी बढ़ने से बीमारियों का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
इसके अलावा आने वाले समय में अब प्रदेश की आर्थिकी की मुख्य रीढ़ सेब बागवानी का सीजन भी शुरू होने वाला है। ऐसे में भूस्खनल और बाढ़ की वजह से सड़कों को नुकसान पहुंचने से तैयार सेब मंडियों तक नहीं पहुंचेगा जिससे बागवानों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
प्रदेश पर्यटन विकास निगम की ओर से भी हिमाचल प्रदेश में आने वाले पर्यटकों को मौसम के अनुकुल होने के अनुरूप यात्रा करने की सलाह दी गई है। ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके।