हिमाचल में दरक रहे हैं पहाड़ के पहाड़, 24 घंटे में 462 सड़कें बंद

चालू मानसून सीजन में हिमाचल में बादल फटने और भूस्खलन की 30 बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं, जिनमें 30 से अधिक लोगों की जानें जा चुकी हैं
सिरमौर जिले में देखने को मिली जहां पौंटा साहिब से शिलाई को जोडने वाले नेशनल हाईवे 707 का 100 मीटर से बड़ा हिस्सा ढह गया।
सिरमौर जिले में देखने को मिली जहां पौंटा साहिब से शिलाई को जोडने वाले नेशनल हाईवे 707 का 100 मीटर से बड़ा हिस्सा ढह गया।
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हिमाचल में हर रोज प्राकृतिक आपदाएं देखी जा रही हैं। पिछले 24 घंटे में बारीश के कारण हुए भूस्खलन की वजह से 462 सड़कें बंद पड़ी हैं। जिसकी वजह से प्रदेश के विभिन्न जिलों में हजारों पर्यटक फंसे हुए हैं। 30 जुलाई को भूस्खलन की बड़ी घटना सिरमौर जिले में देखने को मिली जहां पौंटा साहिब से शिलाई को जोडने वाले नेशनल हाईवे 707 का 100 मीटर से बड़ा हिस्सा ढह गया। यह भूस्खलन इतना भयावह था पहाड़ी का एक पूरा हिस्सा धंस गया और इससे आस-पास के लोग सहम गए। सड़क का एक बड़ा हिस्सा ढह जाने की वजह से शिलाई क्षेत्र से संपर्क टूट गया है। वहीं दो दिन पहले लाहौल-स्पीति में नाले में आई बाढ़ की वजह से अभी तक 7 शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि अभी भी 3 लोग लापता बताए जा रहे हैं। लाहौल स्पीति में 5 से अधिक स्थानों में नालों में बाढ़ा आने की वजह से ज्यादातर पुल टुट चुके हैं। जिसकी वजह से उदयपुर, पांगी सड़क बंद पड़ी हैं और इस स्थान पर देशभर के 241 पर्यटक फंसे हुए हैं।

इसके अलावा मनाली लेह हाईवे भी दारचा के पास बंद पड़ा है। जिसकी वजह से पर्यटकों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

उपायुक्त सिरमौर राम कुमार गौतम ने बताया कि भारी लैंडस्लाइड की वजह से शिलाई मुख्यमार्ग बंद हो गया है और सतौन से कमरउ व शिलाई-हाटकोटी की तरफ जाने के लिए पांवटा साहिब से वैकल्पिक सडक मार्ग कफोटा-वाया जाखना जोंग-किलौर का इस्तेमाल कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि इस भूस्खलन में किसी भी प्रकार की जान माल की हानि नहीं हुई है

गौरतलब है कि बारीश की वजह से सबसे ज्यादा 165 सड़के मंडी जिला में बंद हैं। शिमला में 116, कुल्लू में 47, हमीरपुर में 37, सिरमौर में 30, कांगड़ा में 21, लाहौल-स्पीति में 19, चंबा में 14, सोलन में 12, किन्नौर में छह और उना में एक सड़क अवरूद्व है। बिलासपुर में कोई सड़क बंद नहीं है। पांच जिलों में 94 पेयजल परियोजनाओं के ठप पड़ गई हैं। कुल्लू में सबसे ज्यादा सर्वाधिक 41 पेयजल परियोजनाएं ठप हैं। जबकि लाहौल-स्पीति में 35, सिरमौर में नौ, शिमला में सात और चंबा में दो पेयजल परियोजनाएं बंद हैं। इसके अलावा 41 ट्रांसफार्मर भी बंद हैं। लाहौल-स्पीति और चंबा में 18-18 और सिरमौर में चार और मंडी में एक ट्रांसफार्मर ठप है। बारिश के कारण 29 कच्चे व पक्के मकान और 14 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हुई हैं।

हिमाचल की राजधानी शिमला के उपनगर शोघी के पास कालका-शिमला नेशनल हाईवे पर पहाड़ी से गिरे पत्थर की चपेट में आने से एक कार क्षतिग्रस्त हुई। हादसे में चार सैलानी घायल हुए हैं। राजस्थान से ट्रैकिंग के लिए लाहौल-स्पीति आए तीन युवक संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए हैं। ये तीनों सिस्सू में एक होटल में रूके थे, लेकिन पिछले तीन दिनों से वापिस नहीं लौटे।

हिमाचल में अभी तक हुई बारीश की वजह से सबसे अधिक नुकसान लाहौल स्पीति में देखा गया है। लाहौल क्षेत्र में नालांे बाढ़ की वजह से ज्यादातर सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। जिसकी वजह से राहत कार्य में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं लाहौल में केवल एक ही फसल ली जाती है और आजकल मटर और अन्य सब्जियों की तैयार फसलांे को मंडियों तक न पहुंचा पाने की वजह से किसानांे को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।

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