खरीफ सीजन: साल 2021 के मुकाबले इस साल छह लाख हेक्टेयर में कम हुई बुआई

चालू खरीफ सीजन में दलहन का रकबा 8.59 फीसदी घटा है, जबकि सीजन की बुआई लगभग खत्म होने वाली है
खरीफ सीजन: साल 2021 के मुकाबले इस साल छह लाख हेक्टेयर में कम हुई बुआई
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देश में खरीफ सीजन की बुआई अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। 8 सितंबर 2023 को समाप्त सप्ताह तक देश में 1088.50 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी है, जो पिछले साल 2022 से लगभग 48 हजार हेक्टेयर अधिक है, लेकिन अगर चालू सीजन की तुलना 2021 के खरीफ सीजन से करें तो अभी भी लगभग 5.84 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में बुआई कम हुई है।

अगस्त के मध्य तक खरीफ सीजन की बुआई का रकबा काफी कम था, उसके बाद सुधार तो हुआ, लेकिन दलहन के मामले में कई राज्य बुरी तरह पिछड़ गए हैं।

कृषि मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि इस खरीफ सीजन में अब तक देश में 119.91 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती हुई है, जबकि पिछले साल सितंबर के दूसरे सप्ताह तक देश में 131.17 लाख हेक्टेयर में दलहन की फसलें लगाई जा चुकी थी। यानी कि इस साल अब तक देश भर में दलहन का रकबा 11.26 लाख हेक्टेयर (8.59 प्रतिशत) घटा हुआ है। लेकिन अगर तुलना 2021 से करें तो चालू सीजन में उस साल के मुकाबले 16.66 लाख हेक्टेयर में दलहन की बुआई कम हुई है।  

दलहन में सबसे अधिक कमी उड़द में दर्ज की गई है। पिछले साल के मुकाबले  इस साल 13.98 फीसदी कम रकबे में उड़द लगाई गई है। इसके अलावा मूंग के रकबे में 7.60 प्रतिशत और अरहर के रकबे में 5.89 प्रतिशत की कमी रिकॉर्ड की गई है। खरीफ सीजन में अरहर सबसे अधिक लगाई जाती है, इसके बाद उड़द और मूंग का नंबर आता है।

दलहन का रकबा लगभग हर राज्य में घटा है। मध्य प्रदेश और कर्नाटक सबसे अधिक प्रभावित राज्य है। यहां साल 2022 में 20.07 लाख हेक्टेयर में दलहन लगाई गई थी, लेकिन इस साल अब तक 16.70 लाख हेक्टेयर में ही लगाई जा सकी है। मध्य प्रदेश में 23.44 लाख के मुकाबले 19.52 लाख हेक्टेयर में दलहन की खेती हुई है। महाराष्ट्र में 18.79 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 16.15 लाख हेक्टेयर में दलहन की फसलें लगाई गई हैं। ओडिशा, उत्तर प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, पंजाब, हरियाणा में भी दलहन का रकबा घटा है।

लेकिन अन्य फसलों की तरह दलहन का रकबा राजस्थान में बढ़ा है। यहां पिछले साल लगभग 33.99 लाख हेक्टेयर में दलहन लगाई गई थी, जबकि इस साल 35.30 लाख हेक्टेयर में लगाई है। गौरतलब है कि मई में बिपरजॉप चक्रवात के कारण हुई बारिश के कारण राजस्थान में लगभग सभी फसलों की बुआई पिछले सालों के मुकाबले अधिक हुई है। हालांकि अगस्त में बारिश की भारी कमी के कारण यहां फसलें खराब होने की भी खबरें आ रही हैं।

इस साल तिलहन का रकबा भी घटा है। पिछले साल पूरे देश में 193.29 लाख हेक्टेयर में तिलहन की फसलों की बुआई हुई थी, लेकिन इस साल अब तक 191.49 लाख हेक्टेयर में तिलहन लगाया गया है। जो पिछले साल के मुकाबले 1.80 लाख हेक्टेयर कम है। तिलहन की बुआई के मामले में भी कर्नाटक सबसे पिछड़ा हुआ है। यहां 10.02 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 7.96 लाख हेक्टेयर में ही तिलहन लगाया गया है। आंध्रप्रदेश भी काफी प्रभावित हुआ है। यहां 6 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 3.43 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती हुई है।

2021 से तुलना जरूरी
यह सही है कि अगस्त के बाद कुछ राज्यों में बुआई का आंकड़ा बढ़ा है, लेकिन देश पिछले साल की स्थिति के समान पहुंच चुका है, लेकिन देश में यदि अच्छी बुआई की बात करनी है तो तुलना 2022 से नहीं, बल्कि 2021 से करनी चाहिए, क्योंकि मॉनसून में अनियमितता के चलते 2022 में खरीफ सीजन की बुआई काफी कम हुई थी।

23 सितंबर 2022 को खत्म खरीफ सीजन की बुआई के आखिरी आंकड़े जारी किए गए, जो बताते हैं कि पूरे देश में 2022 में  1097.57 लाख हेक्टेयर में सभी फसलों की बुआई हुई थी, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 1111.36 लाख हेक्टेयर रहा था। यानी कि लगभग 13.79 प्रतिशत कम बुआई हुई थी। हालांकि अक्टूबर 2022 में हुई बारिश के कारण फसलों के उत्पादन  पर कुछ खास फर्क नहीं पड़ा था।

धान का रकबा बढ़ा
ताजा आंकड़ा बताते हैं कि खरीफ सीजन की प्रमुख फसल धान का रकबा पिछले साल के मुकाबले बढ़ा है। पिछले साल 392.81 लाख हेक्टेयर धान लगाई गई थी, लेकिन इस साल अब तक 403.40 लाख हेक्टेयर में धान लगाई जा चुकी है, लेकिन तुलना 2021 से ही की जाए तो चालू सीजन में लगभग 10.90 लाख हेक्टेयर धान का रकबा घटा है। जो एक बड़ा आंकड़ा है और चावल के उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। जिन राज्यों में धान का रकबा घटा है, उनमें झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना शामिल हैं।
 
सूखे ने बढ़ाई चिंता
खरीफ सीजन की बुआई का आंकड़ा बेशक थोड़ा बहुत सुधर गया है, लेकिन अगस्त में बारिश की बेरूखी ने बुआई के बाद की चिंताएं बढ़ा दी हैं। अगस्त के आखिरी और सितंबर के पहले सप्ताह में कुछ राज्यों में भारी बारिश के बाद आंकड़ों में सुधार हुआ है। 31 अगस्त 2023 तक के बारिश के

आंकड़ों के मुताबिक देश में सामान्य से 36 फीसदी बारिश कम हुई थी, लेकिन 10 सितंबर 2023 तक के आंकड़े बताते हैं कि देश में सामान्य से 10 फीसदी कम बारिश हुई है। हालांकि केरल, झारखंड, बिहार, मणिपुर, मिजोरम में बारिश के आंकड़ों में सुधार नहीं देखा गया है। केरल में सामान्य से 42 फीसदी, झारखंड में 32 फीसदी, बिहार में 26 फीसदी, मिजोरम में 47 फीसदी, मणिपुर में 28 फीसदी कम बारिश हुई है।

छह सितंबर को जारी केंद्रीय जल आयोग के आंकड़े बताते है कि देश के 150 जलाशयों में लगभग 111.73 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) पानी है, जो कुल क्षमता के मुकाबले 62 फीसदी है। यानी कि देश के जलाशयों में क्षमता के मुकाबले 28 फीसदी कम पानी है। पिछले साल इन जलाशयों का जलस्तर 150.851 बीसीएम था, जबकि इन जलाशयों में स्टोरेज की कुल क्षमता 178.784 बीसीएम है।

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