किसान अशरफ खान डाउन टू अर्थ से कहते हैं, "मेरे पास अपनी जमीन नहीं है। मैं किसी और की जमीन पर खेती करता हूं। फसल लगाने से लेकर खाद-बीज, पानी, मजदूरी तक मैं वहन करता हूं, लेकिन जब सूखा राहत वाला पैसा आता है, तो वह जमीन मालिक के खाते में आता है।" उनके जैसे हजारों किसान झारखंड में हैं जो खेती करते हैं, नुकसान उठाते हैं, लेकिन भरपाई का पैसा जमीन मालिक के खाते में चला जाता है।