संसद में आज: सरकार ने माना, जलवायु परिवर्तन के कारण देश में बढ़ रही हैं लू की घटनाएं

20 नवंबर, 2024 तक पीएम-सूर्य घर के तहत मुफ्त बिजली योजना के तहत कुल 616,019 रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं।
मार्च 2024 तक फोर्टिफाइड चावल के वितरण का 100 फीसदी कवरेज हासिल कर लिया गया है।
मार्च 2024 तक फोर्टिफाइड चावल के वितरण का 100 फीसदी कवरेज हासिल कर लिया गया है।
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आज संसद में लू की बढ़ती घटनाओं को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर में हर साल तापमान में वृद्धि हो रही है और इसका प्रभाव भारत सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में लू की बढ़ती आवृत्ति और तीव्रता पर पड़ता है। आने वाले सालों में लू के कारणों को कम करने के लिए भारत सरकार द्वारा राज्यों की मदद से विभिन्न तरह की पहलें शुरू की गई हैं।

उन्होंने बताया कि जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय कार्य योजना (एनएपीसीसी) और जलवायु परिवर्तन पर राज्य कार्य योजना (एसएपीसीसी) इस दिशा में मुख्य पहलों में से हैं। इसके अलावा भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन और आपदा-रोधी संरचना के लिए गठबंधन जैसी पहलों के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने में सक्रिय भूमिका निभाई है।

सिंह ने कहा, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) देश भर के विभिन्न अनुसंधान केंद्रों के साथ मिलकर निगरानी और पूर्व चेतावनी प्रणालियों में सुधार के लिए कई कदम उठा रहा है, जिससे चरम मौसम की घटनाओं, जिसमें लू भी शामिल है। इन प्रणालियों में सुधार करने से जान-माल की हानि को कम करने में मदद मिली है। सिंह ने कहा कि लू की स्थिति से प्रभावित 23 राज्यों में हीट एक्शन प्लान (एचएपी) को राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा राज्य सरकारों के सहयोग से मिलकर लागू किया गया है।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत फोर्टिफाइड चावल

सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री निमुबेन जयंतीभाई बंभानिया ने लोकसभा में बताया कि चावल फोर्टिफिकेशन पहल को तीन चरणों में बढ़ाया गया है। पहला चरण (2021-22) में एकीकृत बाल विकास योजना (आईसीडीएस) और पीएम-पोषण को शामिल किया गया। दूसरे चरण (2022-23) में आईसीडीएस, पीएम-पोषण और लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत 291 जरूरतमंद और अधिक कमी वाले जिलों को शामिल किया गया और तीसरे चरण (2023-24) में आईसीडीएस, पीएम पोषण और टीपीडीएस के तहत सभी जिलों को शामिल किया गया।

बंभानिया ने कहा, सरकार की हर योजना में कस्टम-मिल्ड चावल की जगह फोर्टिफाइड चावल का इस्तेमाल किया गया है और मार्च, 2024 तक फोर्टिफाइड चावल के वितरण का 100 फीसदी कवरेज हासिल कर लिया गया है।

रूफटॉप सोलर सिस्टम तक पहुंच

आज, लोकसभा में उठाए गए एक सवाल के जवाब में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने जानकारी देते हुए कहा कि पीएम-सूर्य घर के तहत मुफ्त बिजली योजना के तहत रूफटॉप सोलर सिस्टम तक समान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, इस योजना को राष्ट्रीय पोर्टल के माध्यम से लागू किया जा रहा है। यहां देश के किसी भी हिस्से में रूफटॉप सोलर (आरटीएस) प्लांट लगाने के इच्छुक सभी आवासीय उपभोक्ता पंजीकरण करा सकते हैं, आवेदन कर सकते हैं, विक्रेताओं का चयन कर सकते हैं, आपसी सहमति से स्थापना की दर तय कर सकते हैं और संबंधित बिजली वितरण उपयोगिता द्वारा सिस्टम के उचित अनुमोदन और निरीक्षण के बाद सीधे उपभोक्ता के बैंक खाते में सब्सिडी हासिल करने के पात्र होंगे।

नाइक ने कहा कि 20 नवंबर, 2024 तक पीएम-सूर्य घर के तहत मुफ्त बिजली योजना के तहत कुल 616,019 रूफटॉप सोलर प्लांट लगाए गए हैं।

स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों से बिजली उत्पादन

स्वच्छ ऊर्जा को लेकर पूछे गए एक अन्य प्रश्न के उत्तर में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में कहा कि राष्ट्रीय विद्युत योजना के अनुसार, देश की 334.8 गीगावाट की अनुमानित अधिकतम मांग और 2279.7 बिलियन यूनिट (बीयू) (20वें विद्युत शक्ति सर्वेक्षण के अनुसार) की ऊर्जा आवश्यकता को पूरा करने के लिए, साल 2029-30 के लिए स्थापित क्षमता 777,144 मेगावाट होने की संभावना है। जिसमें जीवाश्म आधारित क्षमता 2,76,507 मेगावाट (कोयला 2,51,683 मेगावाट, गैस 24,824 मेगावाट) और गैर-जीवाश्म आधारित क्षमता 5,00,637 मेगावाट, हाइड्रो 53,860 मेगावाट, पंप स्टोरेज परियोजनाएं (पीएसपी) 18,986 मेगावाट, लघु हाइड्रो 5,350 मेगावाट, परमाणु 15,480 मेगावाट, सौर 2,92,566 मेगावाट, पवन 99,895 मेगावाट और बायोमास 14,500 मेगावाट शामिल है।

साथ-साथ बैटरी ऊर्जा भंडारण क्षमता 41,650 मेगावाट/208,250 मेगावाट ऑवर है। तदनुसार, कुल स्थापित क्षमता में स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों का प्रतिशत 2029-30 तक 64.4 फीसदी होने की संभावना है।

पीएम-कुसुम के तहत स्थापित सौर पंप

सदन में सवालों का सिलसिला जारी रहा, एक और सवाल के जवाब में, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में बताया कि पीएम-कुसुम एक मांग आधारित योजना है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की मांग के आधार पर क्षमता आवंटित की जाती है। राज्यों द्वारा उठाई गई मांग के अनुसार, योजना के घटक ‘बी’ के तहत कुल 13,02,327 सौर पंप आवंटित किए गए हैं। राज्यों ने 9.7 लाख से अधिक के पुरस्कार पत्र जारी किए हैं, जिनमें से 31.10.2024 तक 5,40,499 सौर पंप स्थापित किए जा चुके हैं।

पंजाब में ग्रिड रूफटॉप सोलर सिस्टम

पंजाब में पिछले दो वर्षों और चालू वर्ष यानी 2022-23 से 2024-25 (31.10.2024 तक) के दौरान कुल 200.32 मेगावाट ग्रिड सोलर रूफटॉप क्षमता स्थापित की गई है। इस बात की जानकारी आज, सदन में पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने लोकसभा में बताया। नाइक ने पिछले दो सालों में, यानी 2022-23 और 2023-24 के दौरान पंजाब राज्य में कुल 146.5 मेगावाट सोलर रूफटॉप क्षमता स्थापित की गई, जो पिछले दो सालों, यानी 2020-21 और 2021-22 के दौरान राज्य में स्थापित कुल 120.3 मेगावाट सोलर रूफटॉप क्षमता की तुलना में अधिक है।

मेक इन इंडिया के तहत अक्षय ऊर्जा उत्पादन

आज, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा और बिजली राज्य मंत्री श्रीपद येसो नाइक ने सदन में उठाए गए एक सवाल के जबाव में बताया कि 31.10.2024 तक अक्षय ऊर्जा उत्पादन क्षमता बढ़कर लगभग 60.5 गीगावाट हो गई है। भारत में सौर पीवी मॉड्यूल निर्माण क्षमता में इस तीव्र वृद्धि में योगदान देने वाला एक प्रमुख कारण उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का क्रियान्वयन है।

नाइक ने कहा कि उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल के लिए पीएलआई योजना के तहत चुने गए सौर पीवी निर्माताओं द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 31.10.2024 तक लगभग 35,000 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है और लगभग 10,000 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किया गया है।

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