मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक एक और चक्रवात बनने के आसार हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि दक्षिण-पूर्व विदर्भ और उसके आसपास के इलाकों में बने दबाव या डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान आठ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है।
आज, दो सितंबर, 2024 को भारतीय समयानुसार सुबह 05:30 बजे यह पूर्वी विदर्भ और उससे सटे तेलंगाना के पास बना हुआ था। जो छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से लगभग 220 किमी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम में, तेलंगाना के रामागुंडम से 110 किमी उत्तर-उत्तर-पूर्व में, महाराष्ट्र के ब्रम्हपुरी से 110 किमी दक्षिण और महाराष्ट्र के चंद्रपुर से 80 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व में बना था। इसके अगले 12 घंटों के दौरान विदर्भ में लगभग उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और अच्छी तरह से कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर कमजोर पड़ने का पूर्वानुमान है।
डिप्रेशन के कारण भारी बारिश
दक्षिण-पूर्व विदर्भ और उसके आसपास के इलाकों में बने अवसाद या डिप्रेशन के कारण आज, दो सितंबर को विदर्भ के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों भारी से बहुत भारी बारिश तथा कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है। वहीं आज, मराठवाड़ा के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं।
आज, यानी दो सितंबर को पूर्वी मध्य प्रदेश के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान लगाया गया है। इसी दौरान पश्चिमी मध्य प्रदेश के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
आज, पूर्वी राजस्थान के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ इलाकों में भारी बारिश के आसार हैं।
आज, गुजरात के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की आशंका है। वहीं आज, उत्तर मध्य महाराष्ट्र के अधिकतर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका है।
वहीं आज, दो सितंबर को उत्तरी तेलंगाना के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं। आज, दक्षिण छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।
तूफानी हवाएं चलने के आसार
मौसम विभाग के मुताबिक, अगले 12 घंटों के दौरान विदर्भ से सटे दक्षिण छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मराठवाड़ा में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं।
तूफानी गतिविधि के चलते मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
आज, उत्तरी अरब सागर, पश्चिम मध्य और उत्तर पश्चिम अरब सागर के कई हिस्सों और आसपास के इलाकों, कर्नाटक, केरल, तट, लक्षद्वीप, मन्नार की खाड़ी, श्रीलंका तट, दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी और दक्षिण पूर्व बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों, दक्षिण ओडिशा और आंध्र प्रदेश के तट के साथ पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के आसपास के हिस्सों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने का पूर्वानुमान है।
वहीं आज, पश्चिम-मध्य, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों, सोमालिया, यमन और दक्षिण ओमान के तटों के कई इलाकों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई हैं।
मौसम विभाग ने उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।
फ्लैश फ्लड और जलभराव की चेतावनी
मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 24 घंटों के दौरान तेलंगाना के निर्मल, निजामाबाद, जगातील, पेद्दापल्ली, मंचेरियल, कामरेड्डी, संगारेड्डी, मेडक, आदिलाबाद और कुमारभीन आसिफाबाद जिले में जलभराव व मध्यम फ्लैश फ्लड की आशंका है।
वहीं, विदर्भ के नागपुर, अकोला, वर्धा, वाशिम, बुलढाणा, अमरावती, चंद्रपुर और यवतमाल, मराठवाड़ा के परभणी, हिंगोली, उस्मानाबाद, लातूर, बीड और नांदेड़ जिले में भी इसी तरह के खतरे का अनुमान लगाया गया है।
गुजरात के वलसाड, तापी, दाहोद, महिसागर, अरावली, साबरकांठा, नवसारी, सूरत, नर्मदा, भरूच, वडोदरा और पंचमहल जिले में जलभराव व मध्यम फ्लैश फ्लड आने के आसार जताए गए हैं।
वहीं, पश्चिम मध्य प्रदेश के झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, मंदसौर, खरगोन, धार, इंदौर, रतलाम, उज्जैन, खंडवा, देवास, सीहोर, शाजापुर और आगर मालवा जिले में भी इसी तरह की आशंका जताई गई है।
तूफानी गतिविधि के कारण विदर्भ, तेलंगाना, मराठवाड़ा, मध्य प्रदेश, गुजरात और पूर्वी राजस्थान में नुकसान होने की आशंका
मौसम विभाग के मुताबिक, तूफानी गतिविधि के कारण उपरोक्त हिस्सों में सड़कों पर बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं। भारी बारिश के कारण दृश्यता भी कम हो सकती है। तूफानी हवाओं के कारण पेड़ उखड़ सकते हैं या उनकी शाखाएं टूट सकती हैं।
सड़कों पर पानी भर जाने के कारण प्रमुख शहरों में यातायात बाधित हो सकता है, जिससे यात्रा का समय बढ़ सकता है। कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान हो सकता है। कमजोर ढांचे को नुकसान पहुंचने के भी आसार हैं। भूस्खलन या मिट्टी धंस सकती है। जलभराव के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है।
डिप्रेशन के कारण भारी बारिश होने से फसलों का बचाव के उपाय करने की सलाह
विदर्भ, तेलंगाना, मराठवाड़ा, मध्य प्रदेश, गुजरात और पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश के कारण फसलों को नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग ने सलाह देते हुए कहा है कि जल जमाव से बचने के लिए फसल वाले खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें। बागवानी फसलों को बाहर से सहारा देना और सब्जियों के पौधों को तूफानी हवाओं से बचाने के लिए सहारा देने की बात कही गई है।