मौसम विभाग के अनुसार, ओडिशा के अंदरूनी इलाकों में बना डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान 22 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ रहा है, जो आज यानी 10 सितंबर, 2024 को भारतीय समयानुसार सुबह 05:30 बजे उत्तरी छत्तीसगढ़ और उससे सटे आंतरिक ओडिशा के ऊपर बना हुआ है।
यह ओडिशा के झारसुगुड़ा से लगभग 90 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, ओडिशा के संबलपुर से 70 किलोमीटर पश्चिम-उत्तर-पश्चिम, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर से 120 किलोमीटर पूर्व-दक्षिण-पूर्व और छत्तीसगढ़ के रायपुर से 170 किलोमीटर पूर्व-उत्तर-पूर्व में बना है। इसके उत्तरी छत्तीसगढ़ से होते हुए पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 10 सितंबर यानी आज, शाम के आसपास छत्तीसगढ़ और उससे सटे पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर एक कम दबाव के क्षेत्र मंय तब्दील होकर कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है।
मौसम विभाग के ताजा अपडेट में कहा गया है कि डिप्रेशन के चक्रवात में बदलने के आसार न के बराबर हैं।
भारी बारिश की आशंका
डीप डिप्रेशन के कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होने के गतिविधि के चलते आज, यानी 10 सितंबर को तटीय आंध्र प्रदेश और यनम के अधिकतर इलाकों में भारी बारिश होने के आसार जताए गए हैं।
आज, 10 सितंबर को ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश और 11 सितंबर को आंतरिक ओडिशा के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
वहीं आज, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है।
आज, तेलंगाना के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं। इसी दौरान पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा 12 सितंबर को कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।
10 और 11 सितंबर के दौरान दक्षिण झारखंड में भारी से बहुत भारी बारिश तथा 12 सितंबर को भी भारी बारिश होने के दौर के जारी रहने के आसार हैं। वहीं आज, यानी 10 सितंबर को विदर्भ के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।
डिप्रेशन के कारण समुद्र में भारी हलचल
आज, उत्तर-पश्चिम और उससे सटे उत्तर-पूर्व और मध्य बंगाल की खाड़ी तथा आंध्र प्रदेश-ओडिशा-पश्चिम बंगाल के तटों पर समुद्र की स्थिति बहुत खराब रहेगी। मौसम विभाग ने उसके बाद धीरे-धीरे इसमें सुधार होने की संभावना जताई है।
तूफानी गतिविधि के चलते मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
मौसम विभाग के अनुसार, आज दक्षिण अरब सागर के पूर्वी मध्य और कुछ उत्तरी हिस्सों, श्रीलंका तट, दक्षिण और मध्य बंगाल की खाड़ी के अधिकतर इलाकों, उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी, उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के तटों, उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
वहीं आज, मन्नार की खाड़ी, पूर्व मध्य बंगाल की खाड़ी के पश्चिम मध्य से सटे हिस्सों, उत्तरी आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के तटों, उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।
आज, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों और पश्चिम-मध्य अरब सागर के निकटवर्ती इलाकों तथा सोमालिया तट के आसपास 45 से 55 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक की दर तक पहुंचने की आशंका है।
उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।
फ्लैश फ्लड की आशंका
अगले 12 घंटों के दौरान मौसम विभाग ने तटीय आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी और विशाखापत्तनम जिले में फ्लैश फ्लड आने का अंदेशा जताया है। वहीं, छत्तीसगढ़ के बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, धमतरी, गरियाबंद, जांजगीर_चांपा, कांकेर, महासमुंद, नारायणपुर और सुकमा जिले भी फ्लैश फ्लड आने का अंदेशा जताया गया है।
वहीं, ओडिशा के अनुगुल, बलांगीर, बालेश्वर, बारागढ़, बौडा, भद्रक, कटक, देवगढ़, ढेंकनाल, गजपति, झारसुगुड़ा, कालाहांडी, कंधमाल, खोरधा, कोरापुट, मयूरभंज, नयागढ़, नुआपरहा, पुरी, रायगढ़, संबलपुर और सुबरनापुर जिलों में में फ्लैश फ्लड आ सकता है।
नुकसान होने के आसार
मौसम विभाग ने अपने अपडेट में कहा है कि तटीय आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, झारखंड और पश्चिम बंगाल में भारी बारिश और तूफानी हवाओं के कारण स्थानीय स्तर पर सड़कों में बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं। भारी बारिश के कारण दृश्यता में कमी आने के भी आसार हैं।
तूफानी हवाओं और भारी बारिश के कारण समुद्री इलाकों में भी दृश्यता में कमी हो सकती है। सड़कों पर जलभराव के कारण प्रमुख शहरों में यातायात बाधित होने से यात्रा में समय लग सकता है।
कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान होने के आसार हैं, कमजोर संरचना को नुकसान हो सकता है। स्थानीय स्तर पर भूस्खलन मिट्टी धंस सकती है। पानी भरने के कारण कुछ इलाकों में बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है। निचले इलाकों में बाढ़ आ सकती है।
उत्तरी ओडिशा और उससे सटे पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों में छोटे पेड़ों का उखड़ना और पेड़ों की शाखाएं टूटने के आसार जताए गए है, यहां केला, पपीता, मोरिंगा, बाग आदि को नुकसान पहुंच सकता है।
तूफानी हवाएं चलने तथा भारी बारिश होने से फसलों का बचाव के उपाय करने की सलाह
देश के अलग-अलग हिस्सों में भारी बारिश के कारण तेलंगाना में धान, सोयाबीन, लाल चना, मक्का, कपास और हल्दी के खेतों से अतिरिक्त जमा पानी को निकालने की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। वहीं ओडिशा में धान, रागी, मक्का और मूंगफली के खेतों में जलभराव से बचने के लिए अतिरिक्त पानी निकालने का सुझाव दिया गया है।
वहीं, उत्तरी तटीय आंध्र प्रदेश में धान की रोपाई को फिलहाल टालने के लिए कहा गया है। बागवानी फसलों और सब्जियों के पौधों को तूफानी हवाओं से बचाने के लिए बाहरी तौर पर सहारा देने को कहा गया है।