गुजरात व राजस्थान पर बना डिप्रेशन, झारखंड में कम दबाव के कारण कई इलाके जलमग्न होने के आसार

कम दबाव के कारण अगले दो दिनों के दौरान झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना जताई गई है।
आज अगस्त को दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र और कच्छ के अधिकतर इलाकों में  हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा कुछ इलाकों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है।
आज अगस्त को दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र और कच्छ के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा कुछ इलाकों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है।
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मौसम विभाग के तजा अपडेट के मुताबिक, उत्तर गुजरात और उससे सटे दक्षिण-पूर्व राजस्थान पर बना गहरा अवसाद या डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ गया है।

कल, 26 अगस्त को भारतीय समयानुसार 23:30 बजे यह उत्तरी गुजरात के पूर्व में पाटन के पास, डीसा से लगभग 70 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में, गुजरात के अहमदाबाद से 80 किमी उत्तर-उत्तर-पश्चिम में, गुजरात के सुरेंद्रनगर से 140 किमी उत्तर-पूर्व में और गुजरात के भुज से 270 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व में बना था।

इसके गुजरात से होते हुए धीरे-धीरे पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने तथा 29 अगस्त की सुबह तक सौराष्ट्र और कच्छ तट और पाकिस्तान से सटे इलाकों तथा उत्तर-पूर्व अरब सागर तक पहुंचने का अनुमान है।

वहीं एक और कम दबाव का क्षेत्र झारखंड और उसके आसपास के इलाकों में बना हुआ है। पश्चिम बंगाल में गंगा के मैदानी इलाकों और उससे सटे झारखंड के ऊपर बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और कल यानी 26 अगस्त 2024 को भारतीय समयानुसार 23:30 बजे यह झारखंड और उसके आसपास के इलाकों में बना रहा। इसके अगले दो दिनों के दौरान झारखंड, उत्तरी छत्तीसगढ़ और उससे सटे दक्षिण-पूर्वी उत्तर प्रदेश में पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना जताई गई है।

उत्तर गुजरात और उससे सटे दक्षिण-पूर्व राजस्थान पर बना गहरा अवसाद या डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ गया है।
उत्तर गुजरात और उससे सटे दक्षिण-पूर्व राजस्थान पर बना गहरा अवसाद या डिप्रेशन पिछले छह घंटों के दौरान 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ गया है। स्रोत: आईएमडी

तूफानी गतिविधि के कारण भारी बारिश के आसार

तूफान के चलते आज, यानी 27 अगस्त को पश्चिमी मध्य प्रदेश के अधिकतर हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं। वहीं आज, दक्षिणी राजस्थान के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है।

आज, उत्तर गुजरात के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है, 28 अगस्त को उत्तर गुजरात के कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

आज, यानी 27 अगस्त को दक्षिण गुजरात और सौराष्ट्र और कच्छ के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश, कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश तथा कुछ इलाकों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है

27 और 28 अगस्त को कोंकण और गोवा के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का अनुमान है। इसी दौरान मध्य महाराष्ट्र के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश की आशंका है।

वहीं 27 और 28 अगस्त के दौरान ओडिशा के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार जताए गए हैं। आज पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों के अधिकतर हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होने की आशंका जताई गई है।

27 और 28 अगस्त को झारखंड के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है। इसी दौरान बिहार के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है।

तूफानी हवाएं चलने के आसार

तूफानी गतिविधि के चलते आज, दक्षिणी राजस्थान, गुजरात और उसके आसपास के इलाकों, उत्तरी महाराष्ट्र के तटों और उत्तर-पूर्वी अरब सागर में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तेज सतही तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है।

तूफानी गतिविधि के चलते समुद्र से दूर रहे मछुआरे

मौसम विभाग के मुताबिक आज, उत्तर और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी अरब सागर, मध्य अरब सागर के अधिकांश इलाकों और दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के उत्तरी हिस्सों, गुजरात, महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा, कर्नाटक के तटों, मन्नार की खाड़ी, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के अधिकतर इलाकों, दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों, मध्य बंगाल की खाड़ी के अधिकतर इलाकों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

वहीं आज, गुजरात तट, महाराष्ट्र तट, पूर्व-मध्य अरब सागर के उत्तरी हिस्सों और आसपास के इलाकों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।

आज, पश्चिम-मध्य, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों, सोमालिया, यमन तथा दक्षिण ओमान के तटों पर 45 से 55 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका है।

मौसम विभाग ने उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है। इसके साथ-साथ मछुआरों को मौसम विभाग के द्वारा सलाह दी गई है कि वे 30 अगस्त पूर्वोत्तर और उससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर तथा गुजरात और उससे सटे पाकिस्तान और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों पर न जाएं।

मौसम विभाग ने तूफानी गतिविधि के कारण नुकसान होने का अंदेशा जताया है

मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि स्थानीय स्तर पर सड़कों पर बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं। भारी बारिश के कारण दृश्यता में कमी आ सकती है। सड़कों पर जलभराव के कारण प्रमुख शहरों में यातायात बाधित होने से यात्रा का समय बढ़ सकता है। कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान हो सकता है। कमजोर संरचनाओं को नुकसान होने की आशंका जताई गई है। स्थानीय स्तर पर भूस्खलन या मिट्टी धंस सकती है। जलभराव के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है।

कृषि संबंधी सलाह

मौसम विभाग ने मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के अलग-अलग हिस्सों में बहुत भारी से भयंकर बारिश के कारण कृषि संबंधी सलाह भी जारी की है। जिसके अनुसार, मध्य प्रदेश, दक्षिण राजस्थान, गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र में जल जमाव से बचने के लिए फसल वाले खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करने को कहा गया है। बागवानी फसलों को बाहर से सहारा देना और सब्जियों के पौधों को तूफान से बचाने के लिए सहारा देने की बात कही गई है।

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