
अरब सागर और तटीय इलाकों में 75 से 85 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में इजाफा होकर 95 किमी प्रति घंटे में तब्दील होने के आसार।
मछुआरों को चार से सात अक्टूबर, 2025 तक समुद्र में न जाने की चेतावनी।
पूर्वी भारत में तूफानी हवाएं और बारिश-ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार में तूफानी हवाएं।
भारी बारिश का खतरा पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में भयंकर बारिश (210 मिमी से ज्यादा)।
पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार और सिक्किम में अचानक बाढ़ व जलभराव का खतरा
भारत में अक्टूबर महीने की शुरुआत चक्रवाती तूफान “शक्ति” के साथ हुई है। अरब सागर में बना यह तूफान अब और तेज हो चुका है तथा “गंभीर चक्रवाती तूफान” में तब्दील हो गया है। मौसम विभाग ने इसके असर को देखते हुए गुजरात तट, महाराष्ट्र के उत्तरी हिस्सों और पूर्वी भारत के कई राज्यों में चेतावनी जारी की है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, आज, शनिवार सुबह (चार अक्टूबर, 2025) 05:30 बजे तक चक्रवाती तूफान “शक्ति” उत्तर-पूर्व अरब सागर में सक्रिय रहा। यह द्वारका से 420 किमी पश्चिम, नलिया से 420 किमी पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम, पाकिस्तान के कराची से 390 किमी दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम तथा गुजरात के पोरबंदर से 480 किमी पश्चिम की दूरी पर केंद्रित रहा।
मौसम विभाग की मानें तो यह तूफान धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम और पश्चिम-मध्य अरब सागर की ओर बढ़ेगा और पांच अक्टूबर तक वहां पहुंचेगा। इसके बाद छह अक्टूबर की सुबह से यह अपनी दिशा बदलकर पूर्व-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा और धीरे-धीरे कमजोर पड़ने लगेगा।
तूफानी हवाओं का खतरा
तूफान के असर से देश के कई हिस्सों में तेज हवाएं चल रही हैं और आने वाले घंटों में इनकी रफ्तार और बढ़ने के आसार हैं। आंध्र प्रदेश तट और बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 55 किमी प्रति घंटे में तब्दील होने के आसार हैं। हालांकि शाम होते-होते इनकी तीव्रता कम होने लगेगी।
वहीं, ओडिशा और छत्तीसगढ़ में 40 से 50 किमी प्रति घंटा की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अंदेशा जताया गया है। देर शाम तक हवाओं के रफ्तार घटकर 25 से 35 किमी प्रति घंटा रह जाएगी। इसका असर झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार तक भी रहेगा।
अरब सागर (उत्तर-पश्चिम व मध्य भाग) में फिलहाल 55 से 65 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही हैं। आज शाम तक इनकी रफ्तार बढ़कर 75 से 85 किमी प्रति घटने से लेकर 95 किमी प्रति घंटे में तब्दील होने का अंदेशा जताया गया है।
गुजरात और उत्तर महाराष्ट्र के तटों पर 45 से 55 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने की आशंका जताई गई है।
मछुआरों को चेतावनी
मौसम विभाग ने मछुआरों को चार से सात अक्टूबर, 2025 तक समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी है। खास तौर पर उत्तर-पश्चिम अरब सागर, उत्तर-पूर्व अरब सागर, मध्य अरब सागर और गुजरात-उत्तर महाराष्ट्र तट पर समुद्र में जाना बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
भारी बारिश और अचानक बाढ़ का खतरा
चक्रवाती तूफान “शक्ति” के असर से देश के पूर्वी और उत्तर-पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश हो रही है और अगले 24 घंटों तक यह जारी रह सकती है। मौसम विभाग ने कहां है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम के कई इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश, जबकि कुछ हिस्सों में भीषण बारिश हो सकती है। इन राज्यों में 210 मिमी से अधिक बरस सकते हैं बादल। साथ ही बारिश के लिए रेड अलर्ट भी जारी किया गया है।
कहां-कहां है अचानक बाढ़ व जलभराव का खतरा?
बिहार के पटना, भागलपुर, गया, दरभंगा, पूर्णिया, मुजफ्फरपुर, सुपौल, मधुबनी, समस्तीपुर समेत कई जिलों में अचानक बाढ़ का खतरा है।
वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया जिले और सिक्किम व उत्तरी बंगाल (दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार) में भी जलभराव व अचानक बाढ़ आने का अंदेशा जताया गया है।
लोगों के लिए जरूरी सलाह
मौसम विभाग ने तूफान प्रभावित इलाकों में घर में रहने, खिड़कियां-दरवाजे बंद रखने और यात्रा करने से बचने की सलाह दी है। लोगों को पेड़ों के नीचे शरण न लेने और सुरक्षित आश्रय स्थल पर जाने का सुझाव दिया गया है।
बिजली के उपकरणों को बंद करने। पानी के स्रोतों और बिजली प्रवाह करने वाली चीजों से दूर रहने। मौसम अपडेट पर नजर रखने तथा जरूरत पड़ने पर प्रशासन की मदद से सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह भी दी गई है।
अरब सागर से उठे चक्रवाती तूफान “शक्ति” का असर केवल गुजरात और महाराष्ट्र के तटीय इलाकों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसका प्रभाव पूरे पूर्वी भारत तक देखा जा रहा है। तेज हवाएं, भारी बारिश और अचानक बाढ़ का खतरा कई राज्यों के लिए चुनौती बन गया है। आने वाले 48 घंटे तूफान की दिशा और असर को समझने के लिहाज से बेहद अहम होंगे।