खतरनाक रफ्तार से आगे बढ़ रहा है चक्रवाती तूफान, ओडिशा, पश्चिम बंगाल व झारखंड में भारी बारिश

तूफान के चलते ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रभावित जिलों में घास फूस से बनी झोपड़ियों को बड़ा नुकसान हो सकता है, छतें उड़ सकती हैं। पेड़ों की शाखाएं टूट सकते हैं और पेड़ उखड़ सकते हैं, बागवानी को नुकसान पहुंच सकता है।
ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करते समय तूफानी हवाओं की रफ्तार के 100 से 110 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंचने के आसार हैं।
ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करते समय तूफानी हवाओं की रफ्तार के 100 से 110 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंचने के आसार हैं।
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मौसम विभाग के द्वारा जारी अपडेट में कहा गया है कि बंगाल की खाड़ी के पूर्व-मध्य में बना डीप डिप्रेशन पिछले छह घंटों में 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और चक्रवाती तूफान "दाना" या "डाना" में तब्दील हो गया। यह आज, 23 अक्टूबर को भारतीय समयानुसार सुबह 05:30 बजे उसी क्षेत्र में बना रहा।

यह ओडिशा के पारादीप से लगभग 560 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व, पश्चिम बंगाल में सागर द्वीप से 630 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण-पूर्व और बांग्लादेश के खेपुपारा से 630 किमी दक्षिण-दक्षिण-पूर्व में जारी था। इसके उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 24 अक्टूबर की सुबह तक उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक भयानक चक्रवाती तूफान "दाना" या "डाना" में तब्दील होने की आशंका है।

इस खतरनाक चक्रवाती तूफान के 24 अक्टूबर की रात से 25 अक्टूबर की सुबह तक पुरी और सागर द्वीप के बीच उत्तरी ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों को पार करने के आसार हैं, इस बीच तूफानी हवाओं की रफ्तार के 100 से 110 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 120 किमी प्रति घंटा तक पहुंचने के आसार हैं।

पिछले छह घंटों में 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और चक्रवाती तूफान "दाना" या "डाना" में तब्दील हो गया।
पिछले छह घंटों में 18 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और चक्रवाती तूफान "दाना" या "डाना" में तब्दील हो गया।स्रोत: आईएमडी

तूफान के चलते आज, यानी 23 अक्टूबर को ओडिशा के बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी और खोरदा जिलों के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं, यहां 70 मिमी से 110 मिमी तक बरस सकते हैं बादल।

वहीं, 24 और 25 अक्टूबर को ओडिशा के बालेश्वर, मयूरभंज, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर केंदुझर, जाजपुर, कटक और ढेंकनाल, खोरदा और पुरी जिलों में कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश, यानी 210 मिमी और कुछ हिस्सों में बहुत भारी से भयंकर बारिश यानी, बादलों के 210 मिमी से अधिक बरसने के आसार हैं।

23 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल में गंगा के अधिकतर तटीय इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं। 24 और 25 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के गंगा तटीय इलाकों के दक्षिण एवं उत्तर 24 परगना, पूर्व एवं पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, हावड़ा, हुगली, कोलकाता और बांकुरा जिलों में के कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश होने की आशंका जताई गई है।

झारखंड के कुछ हिस्सों में भी दिखेगा चक्रवात का असर, यहां 24 अक्टूबर को हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने के आसार हैं, जबकि 25 अक्टूबर को झारखंड के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, झारखंड में भी 70 मिमी से लेकर 200 मिमी से अधिक बरस सकते हैं बादल।

समुद्र में भारी हलचल

तूफानी गतिविधि के चलते समुद्री इलाकों में उथल-पुथल बढ़ गई है, मौसम विभाग ने कहा है कि आज, मध्य और उत्तरी बंगाल की खाड़ी के साथ-साथ उत्तरी आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के तटों पर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की गति तक पहुंचने के आसार हैं।

वहीं आज, मध्य और उत्तरी बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में और इजाफा होकर 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने के आशंका जताई गई है।

आज, उत्तर बंगाल की खाड़ी से सटे मध्य के कई हिस्सों में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 70 किमी प्रति घंटे की दर तक पहुंचने के आसार हैं। वहीं, पूर्व मध्य और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी से सटे कई हिस्सों में 60 से 90 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 100 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।

तूफानी हवाओं की गतिविधि को देखते हुए, मौसम विभाग के द्वारा मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की गई है।

चक्रवात के कारण नुकसान होने के आसार

मौसम विभाग ने कहा है कि ओडिशा के बालेश्वर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खोरदा, मयूरभंज, केंदुझार, जाजपुर, कटक, ढेंकनाल और पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना, पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, झारग्राम, हावड़ा, हुगली, कोलकाता और बांकुरा जिलों में चक्रवाती तूफान का भारी असर पड़ सकता है।

विभाग ने कहा है कि इन हिस्सों में घास फूस से बनी झोपड़ियों को बड़ा नुकसान हो सकता है, छतें उड़ सकती हैं। धातु की चादरें उड़ सकती हैं। पेड़ों की शाखाएं टूट सकते हैं और पेड़ उखड़ सकते हैं।

मौसम विभाग ने बिजली और संचार लाइनों को नुकसान पहुंचने की भी आशंका जताई है। कच्ची सड़कों को बड़ा नुकसान और पक्की सड़कों को हल्का नुकसान होने के आसार हैं। कमजोर संरचनाओं को नुकसान पहुंचने की आशंका है। केले और पपीते के पेड़ों को भारी नुकसान होने का अंदेशा जताया गया है। बाढ़ और तूफानी हवाओं के कारण बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच सकता है।

सड़कों पर स्थानीय स्तर पर बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं। भारी बारिश के कारण दृश्यता में कमी आ सकती है।

भारी बारिश के कारण सड़कों में जलभराव और खराब दृश्यता के कारण प्रमुख शहरों और सड़कों पर यातायात बाधित हो सकता है, जिससे यात्रा का समय और दुर्घटनाएं बढ़ने की भी आशंका है। भूस्खलन व मिट्टी के धंसने की घटनाएं हो सकती है।

तूफानी गतिविधि से बचाव के सुझाव

ओडिशा और पश्चिम बंगाल के प्रभावित होने वाले तमाम जिलों के लिए मौसम विभाग के द्वारा सुझाव जारी किए गए हैं। मौसम विभाग ने कहा है कि मध्य और उत्तरी बंगाल की खाड़ी में 23 से 25 अक्टूबर के दौरान मछली पकड़ने का काम पूरी तरह से स्थगित करना होगा।

मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे 23 से 24 अक्टूबर के दौरान पूर्वी मध्य बंगाल की खाड़ी में न जाएं। 23 और 24 अक्टूबर को पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के आस-पास के इलाकों में जाने से परहेज करें। 23 से 25 अक्टूबर की सुबह के दौरान उत्तरी बंगाल की खाड़ी और ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटों पर न जाएं। इस दौरान मोटर बोट में यात्रा करना भी असुरक्षित होगा।

मौसम विभाग ने लोगों से कहा है कि तटीय इलाकों के झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जाएगा। प्रभावित इलाकों में रहने वाले लोगों को घरों के अंदर ही रहना होगा। तटीय क्षेत्रों में पर्यटन संबंधी गतिविधियों में सावधानी बरते। अपने गंतव्य के लिए रवाना होने से पहले अपने मार्ग पर यातायात का पता लगा लें, इस संबंध में जारी किए गए किसी भी यातायात परामर्श का पालन करें। उन क्षेत्रों में जाने से बचें जहां अक्सर जलभराव की समस्या होती है।

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