चक्रवात 'रेमल' से पश्चिम बंगाल में तबाही, पेड़ उखड़े, बिजली गुल, हजारों लोग हुए विस्थापित

तूफान के शुरू में उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने, बाद में उत्तर-पूर्व की ओर बढ़कर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है।
उत्तरी बंगाल की खाड़ी में 80 से 90 किमी प्रति घंटे से लेकर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवा चल रही है।
उत्तरी बंगाल की खाड़ी में 80 से 90 किमी प्रति घंटे से लेकर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवा चल रही है।
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चक्रवात रेमल आखिरकार पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तटीय इलाकों में पहुंच गया और इसके बाद से इन इलाकों में भारी बारिश और तेज तूफानी हवाओं का दौर जारी है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, तटीय बांग्लादेश और निकटवर्ती तटीय पश्चिम बंगाल के ऊपर बना भीषण चक्रवाती तूफान "रेमल" पिछले छह घंटों के दौरान 15 किमी प्रति घंटे की रफ्तार के साथ उत्तर की ओर बढ़ गया है। अब यह एक चक्रवाती तूफान कमजोर पड़ गया गया, भारतीय समयानुसार 05:30 बजे यह उसी इलाके में केंद्रित था।

आज, यानी 27 मई, 2024 को यह पश्चिम बंगाल के सागर द्वीप समूह से लगभग 150 किमी उत्तर पूर्व, बांग्लादेश के खेपुपारा से 110 किमी उत्तर पश्चिम, पश्चिम बंगाल के कैनिंग से 70 किमी उत्तर पूर्व में और बांग्लादेश के मोंगला से 30 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में बना हुआ है।

मौसम विभाग के मुताबिक, तूफानी प्रणाली के शुरू में उत्तर-उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ने, बाद में उत्तर-पूर्व की ओर बढ़कर धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना है।

भीषण तूफान के मद्देनजर, भारत और बांग्लादेश के कई इलाकों में तेज हवाएं और भारी बारिश हुई, कुछ इलाकों में अभी भी जारी है। बिजली के खंभे गिरने से लाखों लोग बिना बिजली के रह गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोलकाता में तूफान के चरम के दौरान कंक्रीट के टुकड़े गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई है।

तूफानी गतिविधि के चलते भारी बारिश की चेतावनी
चक्रवाती तूफान "रेमल" की वजह से आज, यानी 27 मई को पश्चिम बंगाल के तटीय जिलों और बांग्लादेश से सटे पश्चिम बंगाल में गंगा के तटीय इलाकों के पूर्वी जिलों के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है। मौसम विभाग ने कहा है की अधिकतम बारिश की गतिविधि के 27 मई की दोपहर तक होने के आसार हैं।

वहीं, 27 और 28 मई को उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के पूर्वी जिलों के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश और कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की आशंका जताई गई है।

तूफान का असर पूर्वोत्तर के राज्यों पर भी देखा जा सकता है, 27 और 28 मई को असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश, जबकि कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं।

27 और 28 मई को असम, मेघालय, 28 मई को अरुणाचल प्रदेश और 27 मई को मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग हिस्सों में अत्यधिक भारी बारिश, यानी इन हिस्सों में बादलों के 20 सेमी से अधिक बरसने की आशंका जताई गई है।

मौसम विभाग ने कहा है कि उत्तरी बंगाल की खाड़ी में 80 से 90 किमी प्रति घंटे से लेकर 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवा चल रही है। 27 मई की दोपहर तक इन तूफानी हवाओं के 60 से 70 किमी प्रति घंटे से घटकर 80 किमी प्रति घंटे होने और 27 मई की शाम तक तूफानी हवा की गति के घटकर 45 से 55 किमी प्रति घंटे से लेकर 65 किमी प्रति घंटे तक रहने के आसार हैं।

तूफानी गतिविधि को देखते हुए, मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
मौसम विभाग की मानें तो आज, मध्य बंगाल की खाड़ी में दोपहर तक 70 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 90 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं। सुबह तक तूफानी हवाओं की गति 50 से 60 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 70 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने का अनुमान है।

दोपहर तक 60 से 70 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 80 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने और रात तक बांग्लादेश और पश्चिम बंगाल के तटों पर 50 से 60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे तक की तेज तूफानी हवाएं चल सकती है। उत्तरी ओडिशा तटों पर और उसके आसपास 50 से 60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे तक की तेज तूफानी हवाओं के चलने का पूर्वानुमान है।

वहीं आज, मिजोरम, त्रिपुरा और दक्षिण मणिपुर में 50 से 60 किमी प्रति घंटे से लेकर 70 किमी प्रति घंटे तक की तेज तूफानी हवाओं के चलने की आशंका जताई गई है। वहीं, दक्षिण असम और मेघालय में 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे तक की तेज रफ्तार में तब्दील होने के आसार हैं।

मौसम विभाग ने उपरोक्त तूफानी हवाओं को देखते हुए मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

भीषण चक्रवाती तूफान टकरा चूका है, मौसम विभाग ने फिर भी इसका असर के जारी रहने की वजह से पश्चिम बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिलों में नुकसान होने की आशंका जताई है। मौसम विभाग ने कहा है कि तूफानी हवाओं के कारण घास-फूस के घरों या झोपड़ियों को भारी नुकसान पहुंच सकता है। कमजोर संरचना को नुकसान होने के आसार हैं, धातु से बनी चादरें उड़ सकती हैं।

पेड़ों की शाखाएं टूट सकती हैं, पेड़ उखड सकतें हैं, केले और पपीते के पेड़ों को सबसे ज्यादा नुकसान होने की भी आशंका जताई गई है। शाखाओं के टूटने और पेड़ों के उखड़ने से बिजली और संचार लाइनों को नुकसान हो सकता है। भारी बारिश के कारण कच्ची सड़कों को नुकसान और पक्की सड़कों को मामूली नुकसान होने का अंदेशा है।

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