चक्रवाती तूफान निवार 25-26 नवंबर की रात पुडुचेरी और तमिलनाडु के समुद्री तट से टकराया। जब निवार ने लैंडफाल किया, उस समय हवाओं की रफ्तार 120 से 140 किलोमीटर थी, इस वजह से तटीय क्षेत्रों भारी नुकसान की खबर है। हालांकि लैंडफाल के बाद हवाओं की रफ्तार कम हो गई।
पिछले कुछ घंटों के दौरान सबसे अधिक बारिश 246 मिलीमीटर रिकॉर्ड की गई। जबकि पुडुचेरी में 237 एमएस, चेन्नई में 89, कराईकल में 86 और नागप्पत्तिनम में 63 मिलीमीटर वर्षा हुई।
मौसम विज्ञान विभाग ने अनुमान लगाया था कि चक्रवात का पूर्वानुमान ट्रैक और तीव्रता इस प्रकार रहेगा
तिथि/समय(भारतीय समय के अनुसार) |
स्थिति (अक्षांश 0उत्तर/ देशांतर 0पूर्व) |
हवा की सतह पर अधिकतम गति (किमी प्रति घंटा) |
चक्रवाती बाधा की श्रेणी |
25.11.20/1130 |
11.0/81.3 |
110-120 से लेकर 135 |
गंभीर चक्रवाती तूफान |
25.11.20/1730 |
11.6/80.6 |
120-130 से लेकर145 |
भीषण चक्रवाती तूफान |
25.11.20/2330 |
12.1/80.0 |
120-130 से लेकर145 |
भीषण चक्रवाती तूफान |
26.11.20/0530 |
12.6/79.4 |
90-100 से लेकर110 |
गंभीर चक्रवाती तूफान |
26.11.20/1130 |
13.1/79.0 |
55-65 से लेकर75 |
गहरा दबाव |
27.11.20/2330 |
13.8/78.5 |
35-45 से लेकर55 |
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तूफान के गुजर जाने के बाद भी रहेगा असर
इससे पहले मौसम विभाग मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. एम. महापात्रा कह चुके हैं कि तूफान के गुजर जाने के बाद भी लगभग 6 घंटे तक चक्रवात की तीव्रता बनी रहेगी और धीरे-धीरे इसके कमजोर होने की संभावना है। उन्होंने कहा, 26 नवंबर को इसके प्रभाव के तहत अधिकांश स्थानों/ कई जगहों पर भारी से अत्यधिक भारी स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है जिनमें तमिलनाडु के रानीपेट, तिरुवन्नमलाई, तिरुपत्तूर, वेल्लोर जिले, आंध्र प्रदेश के चित्तूर, कुरनूल, प्रकासम और कुडप्पा जिले तथा दक्षिण-पूर्वी तेलंगाना के इलाके शामिल हैं। उत्तर आंतरिक तमिलनाडु, दक्षिण आंध्र प्रदेश और दक्षिण-पूर्व तेलंगाना के शेष जिलों में संभवतः अलग-अलग स्थानों पर भारी से अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है।
तमिलनाडु के आंतरिक जिलों (रानीपेट, तिरुवन्नमलाई, तिरुपत्तूर, वेल्लोर) और आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में 26- नवंबर को सुबह से शाम तक चलने वाली हवाओं की रफ्तार 65-75 किमी प्रति घंटे से बढ़कर 86 किलोमीटर प्रतिघंटे तक हो सकती है।
तमिलनाडु के रानीपेट, तिरुवन्नमलाई, तिरुपत्तूर, वेल्लोर जिलों और आंध्र प्रदेश के चित्तूर, कुरनूल, प्रकाशम और कुडप्पा जिलों में नुकसान की आशंका है।