
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, तमिलनाडु और पुडुचेरी के उत्तरी तटीय इलाकों में बना दबाव या चक्रवाती तूफान "फेंगल" का बचा-खुचा असर, पश्चिम की ओर बढ़ गया है। यह आज दो दिसंबर 2024 को भारतीय समयानुसार सुबह 05:30 बजे उत्तरी आंतरिक तमिलनाडु के ऊपर कमजोर पड़कर कम दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया है। शेष कम दबाव का क्षेत्र के तीन दिसंबर के आसपास उत्तरी केरल-कर्नाटक के तटों से दूर दक्षिण-पूर्व और उससे सटे पूर्व-मध्य अरब सागर में उभरने की आशंका जताई गई है।
तूफानी हवाओं के साथ बादलों के जमकर बरसने के आसार
तूफानी गतिविधि को देखते हुए आज, यानी दो दिसंबर को तमिलनाडु और पुडुचेरी के कई इलाकों गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। वहीं तीन दिसंबर को केरल से सटे तमिलनाडु के आंतरिक जिलों के कुछ हिस्सों में भारी बारिश के दौर के जारी रहने के आसार हैं।
वहीं आज, रायलसीमा के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ इलाकों में बादलों के जमकर बरसने का पूर्वानुमान है। तीन दिसंबर को दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है, जबकि आज भी यहां के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है।
मौसम विभाग के मुताबिक, दो और तीन दिसंबर को तटीय कर्नाटक के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का अंदेशा जताया गया है। केरल के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने के आसार हैं, जबकि आज, केरल के कुछ हिस्सों में भयंकर बारिश तथा तीन दिसंबर को कुछ इलाकों में बादलों के जमकर बरसने के आसार हैं।
वहीं तीन और चार दिसंबर को लक्षद्वीप के कुछ हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ इलाकों में भारी बारिश होने की आशंका व्यक्त की गई है।
तूफानी गतिविधि को देखते हुए मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी
तूफानी गतिविधि के कारण आज, दक्षिण पश्चिम बंगाल की खाड़ी से सटे पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के दक्षिण तमिलनाडु तट और मन्नार की खाड़ी, पूर्वी श्रीलंका के तटों के साथ-साथ, उत्तर तमिलनाडु-पुडुचेरी और उससे सटे दक्षिण आंध्र प्रदेश के तटों तथा पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के आसपास के इलाकों में 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं में इजाफा होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।
मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने या किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।
नुकसान की आशंका और लोगों को सतर्क रहने का सुझाव
तूफान के कमजोर पड़ने के बाद भी इसका असर देखने को मिल सकता है, मौसम विभाग ने कहा है कि अगले छह घंटों के दौरान रायलसीमा के चित्तूर जिले, तमिलनाडु के पुडुचेरी और कराईकल, धर्मपुरी, कृष्णगिरी, तिरुवन्नामलाई, वेल्लोर और विल्लुपुरम जिलों में बाढ़ आ सकती है। वहीं अलगे छह घंटों में भारी बारिश की वजह से इन जिलों के कुछ हिस्सों में जलभराव होने के भी आसार हैं।
मौसम विभाग ने कहा कि तूफानी बारिश की वजह से कच्ची सड़कों को अधिक नुकसान तथा पक्की सड़कों को मामूली नुकसान हो सकता है। धान की फसलों, केले, पपीते, सहजन के पेड़ों तथा बागों को कुछ नुकसान पहुंच सकता है।
सड़कों पर पानी भर जाने के कारण शहरों में यातायात बाधित हो सकता है, जिससे यात्रा का समय बढ़ सकता है। जलभराव के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी तथा खड़ी फसलों, जिनमें सब्जी की फसलें भी शामिल हैं, को नुकसान पहुंच सकता है।
तूफान से फसलों को बचाने के लिए किसानों को सुझाव
मौसम विभाग ने अपने ताजा अपडेट में कहा है कि धान, कपास, गन्ना, हल्दी, तम्बाकू और सब्जियों के खेतों, नारियल और केले के बागों से अतिरिक्त पानी निकालने के लिए पर्याप्त जल निकासी की तैयारी करें। केले के पौधों को गिरने से बचाने के लिए उन्हें बाहर से सहायता प्रदान करें। खड़ी फसलों और फलों के बागों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें।
पकी हुई फसलों की कटाई कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर रखने का भी सुझाव दिया गया है। साथ ही बागवानी फसलों को बाहर से सपोर्ट देने और सब्जियों की फसलों को भी सहारा देने का सुझाव जारी किया गया है।