अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान 'असना' भारतीय तट से दूर चला जाएगा : मौसम विभाग

बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी इलाकों में बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और डिप्रेशन में तब्दील हो गया है।
चक्रवात भारतीय तट से दूर उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम अरब सागर के ऊपर लगभग पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा और एक सितंबर की सुबह तक यह विकराल रूप धारण कर सकता है।
चक्रवात भारतीय तट से दूर उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम अरब सागर के ऊपर लगभग पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा और एक सितंबर की सुबह तक यह विकराल रूप धारण कर सकता है।
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मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, पाकिस्तान तट से दूर उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना चक्रवाती तूफान “असना” पिछले छह घंटों के दौरान 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ गया है। आज, यानी 31 अगस्त, 2024 को भारतीय समयानुसार सुबह के 05:30 बजे यह उसी क्षेत्र में बना था। यह गुजरात के नलिया से 310 किमी पश्चिम, पाकिस्तान के कराची से 200 किमी दक्षिण-पश्चिम, पाकिस्तान के पसनी से 300 किमी दक्षिण-पूर्व और ओमान के मस्कट से 760 किमी पूर्व में केंद्रित रहा।

मौसम विभाग ने कहा है कि यह भारतीय तट से दूर उत्तर-पूर्व और उत्तर-पश्चिम अरब सागर के ऊपर लगभग पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ना जारी रखेगा और एक सितंबर की सुबह तक यह विकराल रूप धारण कर सकता है। इसके बाद, इसके अगले 24 घंटों में पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने और दो सितंबर की सुबह तक धीरे-धीरे कमजोर पड़ने की संभावना जताई गई है।

मौसम के ताजा अपडेट के मुताबिक, उत्तर आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के तटों से सटे बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और उससे सटे उत्तर-पश्चिमी इलाकों में बना कम दबाव का क्षेत्र पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और अवसाद यानी डिप्रेशन में तब्दील हो गया

उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना चक्रवाती तूफान “असना” पिछले छह घंटों के दौरान 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ गया है।
उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर बना चक्रवाती तूफान “असना” पिछले छह घंटों के दौरान 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पश्चिम की ओर बढ़ गया है। स्रोत: आईएमडी

आज, 31 अगस्त, 2024 को भारतीय समयानुसार सुबह के 05:30 बजे यह उसी क्षेत्र में बना था। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और आज, 31 अगस्त 2024 की मध्यरात्रि के आसपास विशाखापत्तनम और गोपालपुर के बीच कलिंगपट्टनम के पास उत्तरी आंध्र प्रदेश और उससे सटे दक्षिण ओडिशा के तटों को पार करने के आसार जताए गए हैं।

कम दबाव के डिप्रेशन में तब्दील होने के कारण आज, यानी 31 अगस्त को ओडिशा के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका जताई गई है। इसी दौरान तटीय आंध्र प्रदेश के अधिकांश इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश होने की आशंका है।

वहीं एक सितंबर को भी ओडिशा के कई इलाकों में हल्की से मध्यम वर्षा तथा कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होने के आसार हैं। इसी दौरान तटीय आंध्र प्रदेश के अधिकतर इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश तथा कुछ हिस्सों में भारी बारिश होने का पूर्वानुमान लगाया गया है।

तूफानी हवाएं चलने की आशंका

चक्रवाती तूफान “असना” के कारण पाकिस्तान और उससे सटे सौराष्ट्र और कच्छ के तटों पर 40 से 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही तूफानी हवाएं और तेज होकर 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील हो गई हैं।

मौसम विभाग ने कहा है कि आज, 31 अगस्त की रात से इन तूफानी हवाओं की गति के कम होकर 35 से 45 किमी प्रति घंटे से 55 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।

उत्तर-पूर्व अरब सागर में 70 से 80 किमी प्रति घंटे से लेकर 90 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही है, जिनके आज, 31 अगस्त की सुबह से शाम तक जारी रहने की आशंका है और उसके बाद धीरे-धीरे कम होकर एक सितंबर की सुबह तक तूफानी हवाएं 40 से 50 किमी प्रति घंटे से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार तक चल सकती है, इसके बाद इनमें कमी आने की संभावना जताई गई है।

भयंकर समुद्री लहरों के उठने के आसार

मौसम विभाग की मानें तो 31 अगस्त तक गुजरात और उससे सटे पाकिस्तान और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों पर तूफानी मौसम के चलते समुद्री स्थिति के खतरनाक बने रहने की आशंका जताई गई है, यहां ऊंची-ऊंची समुद्री लहरें उठ सकती है।

तूफानी गतिविधि के चलते मछुआरों को समुद्र से दूर रहने की चेतावनी

मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर के उत्तरी व मध्य हिस्सों, दक्षिणी अरब सागर के उत्तरी इलाकों, गुजरात, महाराष्ट्र, कोंकण, गोवा, कर्नाटक, केरल के तटों, लक्षद्वीप क्षेत्र, मन्नार की खाड़ी, श्रीलंका के तटों, दक्षिण बंगाल की खाड़ी के कई हिस्सों, मध्य बंगाल की खाड़ी के अधिकतर इलाकों, उत्तर-पश्चिम और उससे सटे उत्तर-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्सों, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के तटों, उत्तरी अंडमान सागर के ऊपर 35 से 45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 55 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई है।

वहीं आज, गुजरात के तट, उत्तर-पूर्व अरब सागर, उत्तर-पश्चिम के कई इलाकों, पूर्व मध्य अरब सागर, निकटवर्ती पश्चिम-मध्य अरब सागर, मध्य के कई इलाकों और उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के आसपास के हिस्सों में 45 से 55 किमी प्रति घंटे की गति से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक पहुंचने के आसार हैं।

आज, पश्चिम मध्य के अधिकतर इलाकों, दक्षिण-पश्चिम अरब सागर के पश्चिमी हिस्सों, सोमालिया, यमन और ओमान के तटों पर 45 से 55 किमी प्रति घंटे की दर से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 65 किमी प्रति घंटे तक चलने के आसार हैं।

मौसम विभाग के मुताबिक, आज गुजरात के तट और उससे सटे पाकिस्तान तट तथा उत्तर-पूर्व और पूर्व मध्य अरब सागर में 55 से 65 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं के और तेज होकर 75 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में तब्दील होने की आशंका जताई गई हैं।

उपरोक्त तूफानी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने मछुआरों को इन इलाकों में मछली पकड़ने तथा किसी तरह के व्यापार से संबंधित काम के लिए न जाने की चेतावनी जारी की है।

तूफानी गतिविधि के कारण नुकसान होने की आशंका

मौसम विभाग के मुताबिक, तूफानी गतिविधि के कारण स्थानीय स्तर पर सड़कों पर बाढ़, निचले इलाकों में जलभराव और मुख्य रूप से शहरी क्षेत्रों में अंडरपास बंद हो सकते हैं। भारी बारिश के कारण दृश्यता भी कम हो सकती है।

सड़कों पर जलभराव के कारण शहरों में यातायात बाधित होने से यात्रा का समय बढ़ सकता है। कच्ची सड़कों को मामूली नुकसान हो सकता है। कमजोर संरचनाओं को नुकसान होने की आशंका जताई गई है। स्थानीय स्तर पर भूस्खलन या मिट्टी धंस सकती है। जलभराव के कारण कुछ क्षेत्रों में बागवानी और खड़ी फसलों को नुकसान हो सकता है।

किसानों को तूफानी गतिविधि के चलते फसलों का बचाव के उपाय करने की सलाह

तूफानी गतिविधि को देखते हुए मौसम विभाग ने गुजरात, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश होने की आशंका जताई है, जिसकी वजह से फसलों को नुकसान हो सकता है। मौसम विभाग ने सलाह देते हुए कहा है कि गुजरात, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में जल जमाव से बचने के लिए फसल वाले खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था करें। बागवानी फसलों को बाहर से सहारा देना और सब्जियों के पौधों को तूफान से बचाने के लिए सहारा देने की बात कही गई है।

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