हिमाचल में चार अलग-अलग जगह ‘बादल’ फटे, मलाणा में बांध फटा, एक की मौत कई लापता

मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि स्पष्ट तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि बादल फटने से भारी बारिश हुई, लेकिन आपदा अधिकारियों ने बादल फटने की पुष्टि की
शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में समेज खडड में आई भारी बाढ़ के बाद बचाव और राहत कार्य में जुटे बचाव एवं राहत कर्मी। फोटो: रोहित पराशर
शिमला जिले के रामपुर क्षेत्र में समेज खडड में आई भारी बाढ़ के बाद बचाव और राहत कार्य में जुटे बचाव एवं राहत कर्मी। फोटो: रोहित पराशर
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हिमाचल प्रदेश में 31 जुलाई की रात को भारी तबाही का मंजर देखने को मिला है। प्रदेश के अनेकों स्थानों में बादल फटने और बाढ और भारी बारिश की घटनाओं की सूचनाएं मिल रही हैं। बादल फटने और बाढ़ की इन घटनाओं में 52 से अधिक लोगों के लापता बताए जा रहे हैं।

बादल फटने की सबसे बड़ी घटना रामपुर के झाकड़ी इलाके में देखने को मिली हैं जहां पर बादल फटने से समेज खड्ड में बाढ़ आने से 36 लोग लापता हैं और एक की मौत की पुष्टि जिला प्रशासन की ओर से की गई है।

जिला प्रशासन की ओर से लापता लोगों की सूची जारी की गई है।  इसके अलावा दुनिया के सबसे पुराना लोकतंत्र कहे जाने वाले मलाणा गांव में बने डैम के पास बादल फटने से डैम के फटने की भी सूचनाएं मिल रही हैं। डैम फटने से निचले क्षेत्र बलादी जहां मलाणा और पार्वती नदी मिलती है वहां पर कई भवन बह गए हैं और कई लोग फंसे हुए हैं।

कुल्लू जिले के श्रीखंड महादेव यात्रा के रास्ते पर सिंहगाड में भी बादल फटने से बागीपुल, जाओ और सरघा क्षेत्र में कई मकान बाढ़ में बह गए हैं और 7 लोग लापता बताए जा रहे हैं। इसके अलावा बागीपुल में 11 निजी भवन, सरकारी भवन और कई गौशालाएं बह गई हैं।

मंडी जिला के पधर क्षेत्र में भी देर रात 12 बजे बादल फटने की घटना हुई है। जिला के एसपी घटनास्थल पर पहुंच चुके हैं और उन्होंने बताया कि इस घटना में एक मृतक का शव मलबे से बरामद कर लिया गया है और 9 लोग अभी भी लापता हैं। उन्होंने बताया कि बचाव और राहत कार्य प्रगती पर है।

भारी बारिश और बाढ़ की वजह से एक बार फिर मलाली लेह हाईवे बंद हो गया है। कुल्लू से मनाली के बीच में कई स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग का हिस्सा व्यास नदी में बह गया है। जिसका असर यातायात पर पड़ा है। पर्यटन स्थल कुल्लू मनाली में देश दुनिया से आए पर्यटकों को आने जाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इसके अलावा ब्यास नदी पर बने पंडोह डैम में भारी पानी भरने के कारण डैम के गेट खोल दिए गए हैं जिससे मंडी, हमीरपुर और कांगड़ा जिला में नदी के किनारे रहने वाले लोगों को सतर्क रहने के लिए कहा गया है।

शिमला जिला प्रशासन की ओर से जारी की गई सूचना के अनुसार 36 लापता लोगों में से 2 लोगों को बचा लिया गया है और मौके पर जिला उपायुक्त अनुपम कश्यप और एसपी संजीव गांधी भी बचाव और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।

खास बात यह है कि हाल ही में हुई इस भारी बारिश और बादल फटने की चार घटनाओं में से दो घटनाएं पावर प्रोजेक्ट एरिया में देखने को मिली हैं। इसमें से मलाणा में जो घटना देखने को मिली है उसमें पिछले वर्ष भी भारी नुकसान हुआ था और इस बार एक बार फिर इस स्थान पर डैम के पानी ने भारी तबाही मचाई है।

रामपुर के झाकड़ी में भी भी बादल फटने की घटना पावर प्रोजेक्ट एरिया के साथ में देखने को मिली है। इससे पर्यावरण जानकार इन प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं को पावर प्रोजेक्टों से जोड़कर देख रहे हैं।

मौसम विभाग के वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने डाउन टू अर्थ को बताया कि कि जहां जहां ये घटनाएं हुई हैं वहां पर ऑबर्जवेशन सिस्टम नहीं हैं इसलिए यह कहना मुश्किल है कि बादल फटे हैं या नहीं। लेकिन हमारे डाटा के मुताबिक रात 12 से 6 बजे तक भारी बारिश हुई है।

सबसे अधिक बारिश कांगड़ा जिला के पालमपुर में 24 घंटे में 212 एमएम, चंबा के भटियात में 203 एमएम और मंडी के जोगिंद्रनगर में 161 एमएम बारिश दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुल मिलाकर प्रदेश में रात को भारी बारिश हुई है।

वहीं हिमाचल प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी जानकारी के अनुसार ने तीन स्थानों में बादल फटने की पुष्टि की है।

अभी भी सामान्य से कम है बारिश

इस वर्ष हिमाचल प्रदेश में मानसून धीमा चल रहा था और 1 जून से 30 जुलाई तक प्रदेश में सामान्य से 36 फीसदी कम बारिश दर्ज की गई है। लेकिन 31 जुलाई को मौसम विभाग ने प्रदेश के 10 जिलों में 1 से 2 जुलाई तक ऑरेंज अलर्ट जारी किया हुआ है।

इसे देखते हुए जिला प्रशासन कुल्लू ने 1 और 2 अगस्त को जिला के स्कूलों में अवकाश घोषित कर दिया है। साथ ही प्रशासन ने प्रदेश के लोगों से नदी नालों से दूर रहने और सतर्कता बरतने की अपील की है।

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