प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मनाली में बादल फटने की घटना के बाद जनजीवन पर गहरा असर पड़ा है। बुधवार 24 जुलाई को देर रात 12 बजे के बाद मनाली से 10 किलोमीटर की दूरी पर भारी बारिश और बादल फटने से धुंधी और पलचान क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ है।
भारी बारिश के कारण अंजनी महादेव नाले में भारी बाढ़ आई, जिसकी वजह से मनाली लेह मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया है।
इस घटना से धुंधी क्षेत्र में 9 मेगावाट के पावर प्रोजेक्ट, तीन भवनों और लोगों की पशुशालाओं को नुकसान पहुंचा है। पलचान निवासी होटल व्यवसायी कपिल ठाकुर ने डाउन टू अर्थ को बताया कि भारी बारिश से हमारे क्षेत्र में भारी तबाही हुई है। नाले में आई भारी बाढ़ में बड़े-बड़े पत्थरों से मनाली लेह राजमार्ग, पावर प्रोजेक्ट, लोगों के भवन और पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं।
इसकी वजह से इस क्षेत्र में पर्यटकों के साथ आने जाने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मनाली लेह नेशनल हाईवे बंद होनें की वजह से लाहौल और लेह लद्दाख से आने-जाने वाले लोगों को चार घंटे का अतिरिक्त समय लगाकर रोहतांग पास से होकर आना जाना पड़ रहा है।
जिला प्रशासन की ओर से रात को ही बचाव और राहत का कार्य शुरू कर दिया गया है और सोलंग नाला में फंसे पर्यटकों को निकालने का काम किया जा रहा है।
पिछले वर्ष भी मानसून सीजन के दौरान हिमाचल प्रदेश को भारी तबाही हुई थी और उस दौरान प्रदेश को 12 हजार करोड़ रुपए को नुकसान पहुंचा था।
मौसम विभाग के डाटा के अनुसार इस वर्ष 1 जून से 25 जुलाई तक के मानसून सीजन में केवल 183 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जबकि सामान्य परिस्थितियों में 302 एमएम होनी चहिए थी। इस तरह इस मानसून सीजन में माइनस 39 फीसदी बारिश दर्ज की गई है। इसी तरह जुलाई माह में भी पूरे हिमाचल सामान्य से 32 फीसदी कम बारिश हुई है।
पिछले वर्ष कुल्लू जिला में जुलाई माह में 1980 के बाद सबसे अधिक 430 एमएम से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। जिससे इस विश्वविख्यात पर्यटन स्थल में लाखों पर्यटक फंसे हुए थे। अभी प्रदेश पिछले वर्ष के जख्मों से उबरने का प्रयास कर रहा है। ऐसे में एक बार फिर से बादल फटने और बाढ़ की घटनाओं के सामने आने से कुल्लू क्षेत्र के लोग सहम गए हैं। मौसम विभाग ने 27 से 30 जुलाई तक प्रदेश में भारी बारिश होने को लेकर यलो अलर्ट जारी किया है।