उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ने की सूचना है। फोटो: ट्विटर/उत्तराखंड पुलिस
उत्तराखंड के चमोली जिले में ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ने की सूचना है। फोटो: ट्विटर/उत्तराखंड पुलिस

चमोली आपदा: फिर से ऋषिगंगा का जल स्तर बढ़ा, अलर्ट जारी

ऋषिगंगा का जल स्तर बढ़ने के बाद अलर्ट जारी किया गया है, लेकिन अब कारण नहीं पता चल पाए हैं
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उत्तराखंड के चमोली जिले में आई आपदा के चार दिन बाद एक बार फिर से अफरातफरी मच गई।  ऐसा ऋषिगंगा का जलस्तर बढ़ने का हुआ। जल स्तर बढ़ने का स्पष्ट कारण अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि रैणी गांव से ऊपर एक और झील बनी हुई है, जहां से पानी आया है।

एसडीआरएफ के एसपी नवनीत भुल्लर ने बताया कि तपोवन में बचाव दल दोपहर तीन बजे टनल के 120 मीटर अंदर बचाव कार्य कर रहा था। तभी अलार्म बजा। वायरलैस से पता किया गया तो तुरंत टनल को खाली करने के लिये कहा गया। अभी बचाव कर्मचारी बाहर निकल आए हैं। 

जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया ने बताया कि अभी स्पष्ट नहीं है कि जल स्तर क्यों बढ रहा है, लेकिन एहतियातन अलर्ट जारी कर दिया गया है और बचाव कार्य को रोक दिया गया है।

वहीं, वैज्ञानिकों का अनुमान है कि संभव है कि रैणी गांव के उपर फिर से एक और झील बन गई हो, लेकिन अभी ऐसा साफ तौर पर नहीं कहा जा सकता, क्योंकि इस दौरान न तो उस क्षेत्र में बारिश हुई और न ही हिमपात हुआ।

गौरतलब है कि 7 फरवरी को अचानक ऋषिगंगा का जल स्तर बढ़ गया और ऋषिगंगा के पास बने बैराज और फिर तपोवन में बन रहे बांध को ढहा दिया। इससे अब तक 34 लोगों के शव मिल चुके हैं और 200 से अधिक लोग लापता हैं। 

वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी (डब्ल्यूआईएचजी) के निदेशक कलाचंद सेन ने बताया था कि एक बड़े आकार वाले रौंथी ग्लेशियर के ठीक बगल एक ग्लेशियर का टुकड़ा लटक रहा था। इस टुकड़े के नीचे एक बड़ा चट्टानी टुकड़ा (रॉक मास) भी था, जो कुछ समय में कमजोर हो गया। यानी धीरे-धीरे वीक प्लेन बना और ग्रैविटी के कारण यह ग्लेशियर और रॉक मास कमजोर होकर नीचे गिरा।

सेन ने कहा इस रॉक मास और ग्लेशियर टुकड़े के साथ आए मलबे के कारण नीचे रौंथी नाले में एक अस्थायी कृत्रिम डैम भी बन गया।  मिट्टी, बर्फ, ग्लेशियर का टुकड़ा, रॉक मास इन्होंने नाले के मुंह को बंद किया। इस कारण धीरे-धीरे वहां बड़ी मात्रा में पानी भी जमा हो गया और अचानक यह कृत्रिम मलबे का डैम टूट गया।

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