बिहार में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का कोई ख्याल नहीं रखा गया है। भले ही बिहार देश के सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित राज्यों की सूची में सबसे ऊपर है। कोसी बाढ त्रासदी (2008) के पुनर्वास का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। सरकार की ही रिपोर्ट के मुताबिक इस त्रासदी में कुल 2,36,632 घर बर्बाद हुए थे, इनमें क्षतिपूर्ति के तौर पर महज 67,758 घर (24 फीसदी) ही बन पाए हैं। 76 फीसदी काम नहीं हो सका। वर्ल्ड बैंक ने 2010-11 में बिहार कोशी फ्लड रिकवरी प्रोजेक्ट के तहत 770 मिलियन डॉलर का बजट दिया था। 2018 तक इस बजट में से पुनर्वास का महज 24 फीसदी ही काम हो पाया। जबकि 250 मिलियन डॉलर वाले बजट का दूसरा चरण कोशी बेसिन डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के नाम से शुरु हुआ, जिसमें पुनर्वास का प्रावधान निकाल दिया गया। जो भी मकान अभी तक बनाए गए वह पूर्ण ध्वस्त श्रेणी के थे, आंशिक श्रेणी के मकानों पर तो अभी तक काम ही नहीं शुरु हुआ।