अगस्त के पहले सप्ताह से शुरू हो रही भारी बारिश के कारण केरल, महाराष्ट्र और कर्नाटक में बाढ़ का कहर जारी है। तीनों राज्यों में लगभग 200 लोगों की मौत और 100 से अधिक लापता होने की सूचना है। यह आंकड़ा राज्य सरकारों द्वारा जारी किया गया है। आशंका है कि बाढ़ से मरने वालों की संख्या और अधिक हो सकती है।
13 अगस्त शाम को केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में 8 अगस्त से 13 अगस्त के बीच आई बाढ़ का असर सभी 14 जिलों में हुआ है। सबसे अधिक नुकसान थ्रिसूर में हुआ है। यहां लगभग 48523 लोग प्रभावित हुए हैं। लेकिन वायानाड में सबसे अधिक लगभग 6000 घरों को नुकसान पहुंचा है। इसी तरह मलापुरम में कन्नूर में भी काफी नुकसान हुआ है।
प्राधिकरण द्वारा जारी आंकड़े बताते हैं कि 6 दिन में 68920 परिवारों के 226491 लोग विस्थापित हुए हैं और उन्हें राहत शिविरों में भेजा गया है। लगभग 12200 घरों को नुकसान पहुंचा है। लगभग 34 लोगों को चोट आई है। 59 लोग लापता है और 91 लोगों की मौत हो चुकी है। बुधवार को भारी बारिश की आशंका देखते हुए कुछ जिलों में अवकाश घोषित कर दिया गया है।
महाराष्ट्र में भी बाढ़ की वजह से लगभग 40 लोगों के मारे जाने की खबर है। महाराष्ट्र के वरिष्ठ पत्रकार अशोक अड़तुल के मुताबिक, महाराष्ट्र में 4 अगस्त से बारिश हुई। ज्यादातर बारिश कोल्हापुर, सांगली जिले में हुई। कोल्हापुर में सामान्य से 124 फीसदी और सांगली में 223 फीसदी बारिश अधिक हुई, लेकिन हालात तब बेकाबू हुए, कर्नाटक की अलमट्टी इलाके में बने बांध को खोला नहीं गया, जिससे महाराष्ट्र के इन दो इलाकों में पानी ने बाढ़ की शक्ल ले ली।
मंगलवार को इस मुद्दे पर राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने कैबिनेट बुलाई और उसके बाद बताया कि राज्य के बाढ़ प्रभावित इलाकों के लिए 6813 करोड़ रुपए की घोषणा की गई है। इनमें से 4708 करोड़ रुपए सबसे अधिक प्रभावित कोल्हापुर, सांगली व सतरा को दिए जाएंगे जाएंगे, जबकि 2105 करोड़ कोनकन, नासिक व दूसरे प्रभावित इलाके पर खर्च किए जाएंगे।
उधर कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने 13 अगस्त सुबह 10 बजे तक बाढ़ की स्थिति की जानकारी अपने एक ट्विट में दी। उन्होंने बताया कि बाढ़ की वजह से राज्य में 48 लोगों की मौत हुई है, जबकि 13 लोग लापता हैं। लगभग 837 पशुओं की मौत हुई है और लगभग 6 लाख 77 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। राज्य में 1224 राहत शिविर लगाए गए हैं। 2217 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं और 4.30 लाख हेक्टेयर में बोई गई फसल व बागवानी का नुकसान हुआ है।
सबसे अधिक नुकसान बेलागावी और धारवाड़ जिले में हुआ है। बेलागावी में 13789 घर टूट गए हैं, जबकि 157301 हेक्टेयर में लगी फसल बर्बाद हो चुकी है,जबकि धारवाड़ में 7931 घर टूटे हैं और 107077 हेक्टेयर में लगी फसल खराब हो चुकी है।