वैज्ञानिकों ने सम्भावना जताई है कि इस बार अटलांटिक हरिकेन सीजन में 17 से 21 तूफान आ सकते हैं। इनमें से 7 से 9 तूफान इतने शक्तिशाली हो सकते हैं कि वो हरिकेन में बदल जाएं। वहीं सम्भावना है कि इनमें से तीन से पांच तूफान, शक्तिशाली हरिकेन में बदल सकते हैं। गौरतलब है कि इस सीजन के दौरान अटलांटिक बेसिन में औसतन 6 तूफान ऐसे होते हैं जिनकी सम्भावना हरिकेन बनने की होती है।
वहीं शोधकर्ताओं का अनुमान है कि इनमें से तीन से पांच तूफान ऐसे होंगे जो गंभीर श्रेणी के होंगें। यह जानकारी नार्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा जारी अनुमान में सामने आई है। गौरतलब है कि अटलांटिक हरिकेन सीजन 1 जून से 30 नवंबर के बीच चलता है।
इस बारे में नार्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी में समुद्र, पृथ्वी और वायुमंडलीय विज्ञान के प्रोफेसर लियान झी का कहना है कि अटलांटिक बेसिन में इस साल आने वाले तूफानों की संख्या लम्बी अवधि के औसत (1951 से 2021) से ज्यादा है। हर साल औसतन इस बेसिन में 11 तूफान आते हैं। इस बेसिन में संपूर्ण अटलांटिक महासागर, मैक्सिको की खाड़ी और कैरेबियन सागर शामिल हैं।
सामान्य से ज्यादा सक्रिय रहेगा इस साल हरिकेन का मौसम
शोधकर्ताओं के मुताबिक मेक्सिको की खाड़ी में इस साल तूफानों के मामले में कहीं ज्यादा सक्रिय मौसम रहेगा। झी के आंकड़ों से पता चला है कि इस क्षेत्र में तीन से छह प्रमुख तूफान की सम्भावना है, जिनमें दो से पांच की हरिकेन बनने की सम्भावना है। वहीं इनमें से एक या दो शक्तिशाली हरिकेन का रूप ले सकते हैं। हालांकि इस खाड़ी में औसतन हर साल तीन नामित तूफान आते है, जबकि उनमें से एक की हरिकेन बनने की सम्भावना रहती है।
गौरतलब है कि झी की कार्यप्रणाली अटलांटिक महासागर के तूफान की स्थिति और तीव्रता पर 100 से अधिक वर्षों के ऐतिहासिक आंकड़ों का मूल्यांकन कर रही है। साथ ही प्रत्येक महासागर बेसिन में कितने तूफान बनेंगे इसे समझने के लिए मौसम के पैटर्न और समुद्र की सतह के तापमान सहित अन्य चरों का उपयोग करती है।
इससे पहले कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने सम्भावना जताई थी कि इस साल अटलांटिक हरिकेन सीजन में कम से कम 19 नामित तूफान आ सकते हैं। जिनमें से नौ हरिकेन और चार श्रेणी 3 या उससे ज्यादा शक्तिशाली हो सकते हैं। ऐसे में शोधकर्ताओं ने अमेरिकी तटरेखा और कैरिबियन में रहने वाले लोगों को इसके लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है।