राजू सजवान/पुरुषोत्तम सिंह ठाकुर
छतीसगढ़ के बेलाडीला क्षेत्र स्थित नंदराज पर्वत पर अदानी समूह को खदान की लीज दिए जाने के विरोध में आदिवासियों का संघर्ष अभी जारी है। राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा इस परियोजना के वर्तमान कार्यों पर रोक लगाने के आदेश के बाद अब आदिवासियों ने केंद्र सरकार को सीधे निशाने पर ले लिया है। उनका कहना है कि जब तक केंद्र सरकार खदान की लीज रद्द नहीं कर देती, तब तक वे एनएमडीसी (राष्ट्रीय खनिज विकास निगम) के कार्यालय के बाहर धरना देंगे।
गौरतलब है कि मंगलवार को आदिवासियों का प्रतिनिधिमंडल छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात की। बैठक के बाद जारी एक आदेश में राज्य सरकार ने कहा कि ग्राम हिरोली, जिला दंतेवाड़ा में एनएमडीसी की 13 नंबर खदान के विरोध में तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इनमें 2014 की ग्राम सभा के संबंध में की गई शिकायत की जांच कराई जाएगी। वर्तमान में परियोजना से संबंधित कार्यों पर रोक लगाई जाएगी। इसके साथ ही अवैध रूप से पेड़ काटे जाने की शिकायत की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया।
उधर, मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद आदिवासियों का प्रतिनिधिमंडल धरना स्थल पर पहुंचा और उसके बाद बैठक में निर्णय लिया गया कि जब तक केंद्र सरकार अदानी की लीज रद्द नहीं करेगी, तब आंदोलन जारी रहेगा। आदिवासी इस आंदोलन को भी ओडिशा के नियमगिरि स्थित डोंगरिया आदिवासियों के आन्दोलन की तरह कामयाब करना चाहते हैं। आदिवासियों मल्टी नेशनल कम्पनी वेदांता के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, जो सफल रही।
हालांकि अब मामला केंद्र सरकार के पाले में है, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि राज्य सरकार कितने समय तक इस परियोजना को रोक सकती है। आंदोलनकारियों का कहना है कि यदि राज्य सरकार जंगल नहीं काटने देगी तो अदानी समूह वहां खदान का काम शुरू नहीं कर पाएंगे। बावजूद इसके, उनकी मांग पूरी परियोजना को ही समाप्त करने की है। संघर्ष समिति के नेता नंदा कुंजाम ने बताया कि फर्जी ग्राम सभा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने पर विचार किया जा रहा है।
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर संभाग के दंतेवाडा जिला लौह अयस्क का भण्डार है, इनमें से एक नंदराज पहाड़ पर स्थित एनएमडीसी की डिपाजिट -13 नंबर खदान अदानी को दिए जाने के खिलाफ सात जून से आदिवासियों ने मोर्चा खोल दिया।शुक्रवार को हजारों की तादाद में आदिवासी दंतेवाड़ा के दूरदराज के इलाकों से पिछले एक दो दिन से पैदल मार्च करते हुए किरंदुल में एनएमडीसी दफ्तर पहुंच गए। यह ग्रामीण आदिवासी अपने साथ अनाज लेकर चले हैं।