कुदरती व्यवस्था ढहने से लगभग सभी राज्यों में प्रबंधित मधुमक्खियों को कोसों दूर ले जाकर कृत्रिम परागण की प्रवृत्ति तेजी से पनप रही है। इससे जहां एक नया व्यवसाय जन्म ले रहा है, वहीं परागण पर निर्भर फसलों पर मंडराते गंभीर संकट की तस्कीद भी होती है, साथ ही फसल बचाने के लिए किसानों की छटपटाहट भी जाहिर होती है