हर साल 10 अक्टूबर को विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया जाता है, जो मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मानसिक स्वास्थ्य के लिए समर्थन जुटाने का एक वैश्विक प्रयास है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के नेतृत्व में इस पहल का उद्देश्य लोगों, समुदायों और कार्यस्थलों के लिए मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर ध्यान आकर्षित करना है।
इस साल विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस 2024 की थीम 'कार्यस्थल पर मानसिक स्वास्थ्य' है, इसलिए डब्ल्यूएचओ मानसिक स्वास्थ्य और काम के बीच संबंधों पर गौर करने की बात कर रहा है। कार्यस्थल पर एक मदद करने वाला वातावरण मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
सुरक्षित, स्वस्थ कार्यस्थल एक सुरक्षा प्रदान करने वाले के रूप में कार्य कर सकते हैं, लेकिन उपेक्षा, भेदभाव और उत्पीड़न जैसे खतरनाक माहौल मानसिक स्वास्थ्य को काफी नुकसान पहुंचा सकते हैं, जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकती हैं और कार्यस्थल की उत्पादकता को प्रभावित कर सकती हैं।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि दुनिया भर में आबादी के लगभग 60 फीसदी लोग जो अलग-अलग काम में लगे हुए है, इनके लिए इन खतरों को कम करने और मानसिक स्वास्थ्य का समर्थन करने वाली संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए तत्काल कार्रवाई की जरूरत है।
मानसिक स्वास्थ्य दिवस के इतिहास की बात करें तो 10 अक्टूबर 1992 को विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ की पहल पर पहला विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस मनाया गया था। यह एक वैश्विक मानसिक स्वास्थ्य संगठन है जिसके सदस्य 150 से अधिक देशों में फैले हुए हैं। तब से यह दिन हर साल मनाया जाता है। 1994 में संगठन ने इस दिन के लिए एक विशेष थीम का उपयोग करना शुरू किया, जिसका सुझाव तत्कालीन महासचिव यूजीन ब्रॉडी ने दिया था।
विश्व मानसिक स्वास्थ्य महासंघ (डब्ल्यूएफएमएच) 1948 में स्थापित एक वैश्विक संगठन है। इसका उद्देश्य मानसिक विकारों को रोकना है और यह सुनिश्चित करना है कि जरूरतमंद लोगों को उचित उपचार दिया जाए। शुरुआत में डब्ल्यूएफएमएच व्यक्तिगत सदस्यों या राष्ट्रों के बजाय 46 अलग-अलग देशों के लोगों से बना था।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, दुनिया में हर आठ में से एक व्यक्ति या 97 करोड़ लोग मानसिक विकार से पीड़ित हैं, मानसिक विकारों में सोच, भावनात्मक या व्यवहार में भारी गड़बड़ी होना है। मानसिक विकार कई प्रकार के होते हैं, प्रभावी रोकथाम और उपचार के विकल्प मौजूद हैं, अधिकांश लोगों के पास सही देखभाल तक पहुंच नहीं है।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि नियोक्ता और सरकारें मानसिक स्वास्थ्य को लेकर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। हर एक व्यक्ति भी अपने मानसिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए कदम उठा सकते हैं। तनाव प्रबंधन का अभ्यास करना और जरूरत पड़ने पर सहायता लेना स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी है।