विश्व मलेरिया दिवस: मलेरिया की वजह से हर साल मर जाते हैं 6 लाख से अधिक लोग

कोरोना के कारण 2030 तक दुनिया भर में मलेरिया के मामलों और मृत्यु दर को 90 प्रतिशत या उससे ज्यादा कम करने का लक्ष्य हुआ धूमिल
विश्व मलेरिया दिवस: मलेरिया की वजह से हर साल मर जाते हैं 6 लाख से अधिक लोग
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विश्व मलेरिया दिवस, हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है, मलेरिया एक जानलेवा बीमारी है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से होती है। मादा एनाफिलीज मच्छर अपनी लार के माध्यम से प्लाज्मोडियम परजीवी फैलाते हैं, जिससे मलेरिया की बीमारी होती है। दुनिया भर में मलेरिया को समाप्त करने के प्रयासों के लिए निरंतर राजनीतिक प्रतिबद्धता की आवश्यकता होती है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने विश्व स्तर पर इस बीमारी से प्रभावित देशों से आग्रह किया है कि वे मलेरिया को रोकने, इसका पता लगाने और इलाज के लिए अधिक असरदार उपकरणों और रणनीतियों में तेजी लाएं। यह सुनिश्चित करते हुए कि कोई भी व्यक्ति या आबादी पीछे न छूटे, सबसे कमजोर लोगों तक पहुंचने पर ध्यान केंद्रित किया जाए।

क्या है विश्व मलेरिया दिवस 2023 की थीम?

विश्व मलेरिया दिवस 2023 को "मलेरिया शून्य का समय: निवेश, नवाचार, कार्यान्वयन" विषय के तहत नामित किया गया। इस विषय के अंतर्गत, डब्ल्यूएचओ तीसरे "आई" पर ध्यान केंद्रित करेगा, इसके अंतर्गत लागू करें और विशेष रूप से आज उपलब्ध उपकरणों और रणनीतियों के साथ सीमांत आबादी तक पहुंचना महत्वपूर्ण है।

डब्ल्यूएचओ की दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह के अनुसार, कोविड-19 संकट के साए में दुनिया मलेरिया 2016-2030 के डब्ल्यूएचओ वैश्विक तकनीकी रणनीति (जीटीएस) के दो महत्वपूर्ण लक्ष्यों तक पहुंचने के रास्ते से बहुत दूर है। जो कि 2030 तक दुनिया भर में मलेरिया के मामलों और मृत्यु दर को 90 प्रतिशत या उससे अधिक कम करना है।

डॉ पूनम ने कहा कि 2020 में 625,000 की तुलना में 2021 में वैश्विक स्तर पर मलेरिया से लगभग 619,000 लोग मारे गए।

2020 में 24.5 करोड़  की तुलना में मलेरिया के अनुमानित 24.7 करोड़ नए मामले सामने आए।

डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने कहा कि, कोविड-19 की महामारी के बीच, मालदीव और श्रीलंका ने अपनी मलेरिया-मुक्त स्थिति को बनाए रखा है और क्षेत्र के पांच देश  भूटान, कोरिया, नेपाल, थाईलैंड और तिमोर-लेस्ते 25 देश ऐसे हैं जो 2025 तक मलेरिया को खत्म करने की क्षमता रखते हैं।

तिमोर-लेस्ते के सितंबर 2023 में लगातार तीन साल पूरे होने की संभावना है, जहां स्थानीय स्तर पर मलेरिया का संक्रमण शून्य रहा। इसलिए यह मलेरिया मुक्त घोषित होगा।

पूनम ने कहा कि 2022 में, पूरे क्षेत्र के स्वास्थ्य मंत्रियों ने सर्वसम्मति से मलेरिया उन्मूलन के लिए नवीनीकृत प्रतिबद्धता का समर्थन किया, जिसमें नवीन रणनीतियों और उपकरणों को अपनाने के साथ-साथ सिद्ध कार्यान्वयन रणनीतियों को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया गया।

2020 के अंत तक, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र एकमात्र डब्ल्यूएचओ क्षेत्र था, जिसने 2015 की तुलना में मलेरिया के मामले और मृत्यु दर में 40 प्रतिशत की कमी हासिल की थी।

वहीं मलेरिया को लेकर अफ्रीकी देशों की बात करें तो, नवीनतम विश्व मलेरिया रिपोर्ट के अनुसार, इन देशों ने सबसे अधिक खतरे वाली आबादी तक मलेरिया की सेवाओं की पहुंच बढ़ाने में कुछ कदम बढ़ाएं हैं:

2021 में, 15 अफ्रीकी देशों में मौसमी मलेरिया कीमोप्रिवेंशन (एसएमसी) से लगभग 4.5 करोड़ बच्चे पीड़ित हुए, जो 2020 में 3.34 करोड़ और 2019 में लगभग 2.2 करोड़ की वृद्धि हुई। अत्यधिक मौसमी मलेरिया वाले क्षेत्रों में रहने वाले बच्चों के लिए निवारक चिकित्सा की सिफारिश की जाती है। 

घरेलू सर्वेक्षणों के आधार पर, 2005 से 2011 और 2015 से 2021 की अवधि के बीच उप-सहारा अफ्रीका में बुखार से पीड़ित बच्चों का अनुपात, जिन्हें एक डॉक्टर के पास ले जाया गया और उनका मलेरिया का परीक्षण किया गया, उनमें से लगभग 30 से 57 फीसदी के औसत से मलेरिया बढ़ा हुआ पाया गया।

आज तक, तीन अफ्रीकी देशों, घाना, केन्या और मलावी में 13लाख से अधिक बच्चों को आरटीएस,एस मलेरिया वैक्सीन की कम से कम एक खुराक दी गई है। अफ्रीका के और 29 देशों ने अपनी राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण रणनीतियों के हिस्से के रूप में मलेरिया के टीके को अपनाने में रुचि दिखाई है।

डब्ल्यूएचओ द्वारा अक्टूबर 2021 में मध्यम से भारी फाल्सीपेरम मलेरिया संचरण वाले क्षेत्रों में रहने वाले छोटे बच्चों में मलेरिया को रोकने के लिए टीके की सिफारिश की गई थी।

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