
दुनिया भर में हर साल 14 अप्रैल को विश्व चागास रोग दिवस मनाया जाता है। भारत में स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने इस कम जानकारी वाले रोग के प्रति व्यापक जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया है।
चागास को अक्सर खामोश बीमारी कहा जाता है क्योंकि अधिकतर संक्रमित लोगों में कोई लक्षण नहीं होते या बहुत हल्के लक्षण होते हैं। इसके कारण हर साल दुनिया भर में 70 लाख लोग संक्रमित होते हैं, यह स्वास्थ्य के लिए यह एक बड़ा खतरा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का अनुमान है कि हर साल चागास की बीमारी से 12,000 लोग मर जाते हैं और 10 करोड़ से अधिक लोगों को इस बीमारी के होने का खतरा बना रहता है।
चागास रोग महाद्वीपीय लैटिन अमेरिका की गरीब आबादी में सबसे ज्यादा प्रचलित है, लेकिन अन्य देशों और महाद्वीपों में भी यह तेजी से फैल रहा है।
विश्व चागास रोग दिवस 2025 की थीम 'रोकथाम, नियंत्रण, देखभाल: चागास रोग में सभी की भूमिका' है। जिसका उद्देश्य चागास रोग के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना तथा शीघ्र निदान और जीवन भर देखभाल के लिए अधिक से अधिक वित्त पोषण और सहायता सुनिश्चित करना है।
क्या है चागास रोग?
चागास रोग एक प्रोटोजोआ परजीवी (ट्रिपैनोसोमा क्रूजी) के संक्रमण के कारण होता है। हालांकि यह स्थिति उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों और सामाजिक रूप से निर्धारित रोगों की विशिष्ट जटिल स्वास्थ्य समस्या का परिणाम है। अधूरा उपचार या एक चूक या देर से निदान इस संक्रमण को जीवन के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
यह ट्राइएटोमाइन बग (वेक्टर-जनित) के साथ-साथ खाद्य पदार्थों, गर्भावस्था या जन्म के दौरान रक्त या रक्त के उत्पादों, अंग प्रत्यारोपण और प्रयोगशाला दुर्घटनाओं के माध्यम से फैल सकता है।
चगास रोग का इलाज संभव है यदि एंटीपैरासिटिक उपचार तीव्र चरण में जल्दी शुरू किया जाए। गंभीर संक्रमण में, उपचार से रोग की प्रगति को रोका जा सकता है, उदाहरण के लिए, गर्भावस्था और जन्म के दौरान।
शुरुआती जांच और उपचार के बिना, गंभीर संक्रमण वाले एक तिहाई लोगों में हृदय संबंधी बदलाव होते हैं और 10 में से एक में पाचन, तंत्रिका संबंधी या मिले-जुले बदलाव होते हैं, जिसके लिए विशिष्ट उपचार की जरूरत पड़ सकती है।
चागास रोग को रोकने के लिए प्रमुख रणनीतियों में वेक्टर नियंत्रण और प्रत्यारोपण से पहले खून की जांच, लड़कियों, प्रजनन आयु की महिलाओं, नवजात शिशुओं और संक्रमण से पीड़ित माताओं के भाई-बहनों का परीक्षण और उपचार करना जरूरी है। जल्द से जल्द जांच और व्यापक स्वास्थ्य देखभाल, समुदायों और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए जानकारी, शिक्षा और संचार इसमें शामिल हैं।
चागास रोग का इतिहास
चागास रोग का नाम ब्राजील के चिकित्सक और शोधकर्ता कार्लोस चागास के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने 14 अप्रैल 1909 को पहली बार किसी व्यक्ति में इस रोग का पता लगाया था।
चागास रोग एक समय पूरी तरह से अमेरिका के महाद्वीपीय ग्रामीण क्षेत्रों तक ही सीमित था। सामाजिक-पर्यावरणीय बदलावों और बढ़ती जनसंख्या गतिशीलता के कारण, अधिकांश संक्रमित लोग अब शहरी क्षेत्रों में रहते हैं और संक्रमण 44 देशों (कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका और कई यूरोपीय और कुछ पश्चिमी प्रशांत, अफ्रीकी और पूर्वी भूमध्यसागरीय देशों सहित) में पाया गया है।
कैसे फैलता है यह रोग?
लैटिन अमेरिका में, ट्रिपैनोसोमा क्रूजी परजीवी मुख्य रूप से संक्रमित रक्त-चूसने वाले ट्रायटोमाइन बग के मल व मूत्र के संपर्क से फैलता है। ये बग आम तौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में घरों और आसपास की संरचनाओं, जैसे गोदामों की दीवार या छत की दरारों में रहते हैं। आम तौर पर वे दिन के दौरान छिप जाते हैं और रात में सक्रिय हो जाते हैं जब वे जानवरों और मनुष्यों का खून चूसते हैं।
वे आम तौर पर चेहरे जैसे त्वचा के खुले हिस्से को काटते हैं और काटने के करीब शौच या पेशाब करते हैं। परजीवी शरीर में तब प्रवेश करते हैं जब व्यक्ति सहज रूप से बग के मल या मूत्र को काटने वाले स्थान, अन्य त्वचा के घावों, आंखों या मुंह पर लगाता है। टी. क्रूजी जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। आम ओपोसम को संक्रमण के सबसे बड़े जंगली भंडारों में से एक माना जाता है।
कैसे होता है चागास रोग का उपचार?
डब्ल्यूएचओ के अनुसार, चागास रोग का इलाज बेंजनिडाजोल या निफर्टिमॉक्स से किया जा सकता है। दोनों दवाएं परजीवी को मारती हैं और अगर इन्हें जल्दी, तीव्र चरण में, जन्मजात संचरण के मामले में भी दिया जाए तो रोग को ठीक करने में पूरी तरह से असरदार हैं। हालांकि जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक संक्रमित रहता है, तो उन पर इसका असर कम हो जाता है, साथ ही, प्रतिकूल प्रतिक्रियाएं अधिक बार होती हैं और बड़ी उम्र में गंभीर हो सकता हैं।
उपचार उन रोगियों के लिए भी दिया जाता है जिनमें फिर से संक्रमण हो गया है और शुरुआती चरण के दौरान, जिसमें प्रसव उम्र की लड़कियां और महिलाएं (गर्भावस्था से पहले या बाद में) शामिल हैं, ताकि जन्मजात संचरण को रोका जा सके।
संक्रमण से पीड़ित वयस्कों, विशेष रूप से बिना किसी लक्षण वाले लोगों को उपचार दिया जाना चाहिए क्योंकि एंटीपैरासिटिक दवाएं भी रोग की प्रगति को रोक सकती हैं। अन्य मामलों में चागास रोग के विकास को रोकने या देरी करने से उपचार की अवधि दो माह तक बढ़ सकती है।
गर्भवती महिलाओं या कमजोर किडनी या लीवर की वाले लोगों को बेंजनिडाजोल और निफर्टिमॉक्स नहीं दिया जाना चाहिए। न्यूरोलॉजिकल या मानसिक विकारों वाले लोगों के लिए भी निफर्टिमॉक्स को प्रतिबंधित किया जाता है। इसके अतिरिक्त, हृदय, पाचन या तंत्रिका संबंधी समस्याओं वाले लोगों के लिए जीवन भर चलने वाले विशिष्ट उपचार की आमतौर पर आवश्यकता होती है।