विश्व न्यूरोलॉजी फेडरेशन हर साल 22 जुलाई को विश्व मस्तिष्क दिवस मनाता है, ताकि दुनिया भर में तंत्रिका संबंधी विकारों के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके और स्वस्थ मस्तिष्क को बढ़ावा दिया जा सके। विश्व मस्तिष्क दिवस को वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी डे के नाम से भी जाना जाता है, यह दिन लोगों को यह सोचने का एक शानदार अवसर देता है कि मानव मस्तिष्क वास्तव में कितना अद्भुत है।
आनुवंशिकी, तनाव और हमारी जीवनशैली मस्तिष्क के स्वास्थ्य में प्रमुख भूमिका निभाते हैं, लेकिन आहार को अनदेखा नहीं किया जा सकता है। हम जो खाते हैं उसका न केवल हमारे वजन पर बल्कि मस्तिष्क पर भी असर पड़ता है। इसलिए हमें "ब्रेन फूड्स" को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ऐसा कोई भोजन नहीं है जो डिमेंशिया जैसी उम्र से जुड़ी बीमारियों से बचा सकता है, लेकिन हमारे मस्तिष्क को पूरे दिन बेहतर एकाग्रता के लिए अच्छे भोजन की आवश्यकता होती है।
ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज स्टडी 2021 के आंकड़ों से पता चलता है कि न केवल न्यूरोलॉजिकल समस्याएं दुनिया भर में विकलांगता का मुख्य कारण हैं।
विश्व मस्तिष्क दिवस 2024 मस्तिष्क और इससे जुड़ी समस्याओं के रोकथाम पर आधारित है, जो विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की स्वस्थ मस्तिष्क की पहलों और मिर्गी और अन्य तंत्रिका संबंधी विकारों (आईजीएपी) पर दुनिया भर में किए जा रहे काम को सामने लाता है।
विश्व न्यूरोलॉजी महासंघ के सभी छह क्षेत्रों द्वारा रोकथाम पर ध्यान देने से न्यूरोलॉजिकल रोगों के व्यापक प्रभाव को कम करने, सक्रिय देखभाल और खतरों की रोकथाम करने की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला गया है।
दुनिया भर में ब्रेन स्ट्रोक से हर साल लगभग 18 लाख लोग प्रभावित होते हैं, जो मृत्यु और विकलांगता का प्रमुख कारण है।
वर्ल्ड फेडरेशन ऑफ न्यूरोलॉजी दुनिया भर के देशों को विश्व मस्तिष्क दिवस 2024 में नए सिरे से रुचि और जोश के साथ भाग लेने और मस्तिष्क स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और मस्तिष्क की चोट और बीमारी की रोकथाम के उद्देश्य से स्थानीय गतिविधियों में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करता है। वैश्विक सहयोग और प्रयासों को बढ़ावा देकर, विश्व मस्तिष्क दिवस 2024 सभी के लिए बेहतर मस्तिष्क स्वास्थ्य को आगे बढ़ाने के लिए उत्प्रेरक के रूप में कार्य करता है।
विश्व मस्तिष्क दिवस की शुरुआत 2014 में विश्व न्यूरोलॉजी महासंघ की जन जागरूकता समिति की एक परियोजना के रूप में हुई थी। यह अंतर्राष्ट्रीय संगठन 22 जुलाई, 1957 को स्थापित किया गया था जो 50 से अधिक वर्षों से काम कर रहा है। 2014 से दुनिया भर में मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए जागरूकता और समर्थन को बढ़ावा देने के लिए हर साल 22 जुलाई को विश्व मस्तिष्क दिवस के रूप में समर्पित किया जाता है।
भारत में तंत्रिका संबंधी विकार
भारत में तंत्रिका संबंधी विकार एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बन गए हैं, जिससे स्ट्रोक, मिर्गी, पार्किंसंस रोग, अल्जाइमर रोग और मल्टीपल स्क्लेरोसिस जैसी बीमारियों से पीड़ित लाखों लोग प्रभावित हो रहे हैं।
द लैंसेट के अध्ययन के अनुसार, भारत में कुल विकलांगता-समायोजित जीवन-वर्ष (डीएएलवाई) में गैर-संचारी तंत्रिका संबंधी विकार 1990 में चार प्रतिशत से बढ़कर 2019 में 8.2 प्रतिशत हो गया और चोट से संबंधित तंत्रिका संबंधी विकार 0.2 प्रतिशत से बढ़कर 0.6 प्रतिशत हो गया।
अध्ययन के निष्कर्षों में कहा गया है, इसके विपरीत, इसी अवधि के दौरान संचारी तंत्रिका संबंधी विकार 4.1 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत हो गए हैं। 2019 में, भारत में कुल तंत्रिका संबंधी विकार डीएएलवाई में सबसे बड़ा योगदान स्ट्रोक (37.9 प्रतिशत), सिरदर्द विकार (17.5 प्रतिशत), मिर्गी (11.3 प्रतिशत), सेरेब्रल पाल्सी (5.7 प्रतिशत) और एन्सेफलाइटिस (5.3 प्रतिशत) का था।