'देशा में देश हरियाणा, जित दूध-दही का खाणा।' यह देसी कहावत भले ही यहां के पुरुषों पर फिट बैठती हो, पर आंकड़े और सर्वे रिपोर्ट बताते हैं कि स्वास्थ्य के मामले में हरियाणा की लड़कियों और महिलाओं की स्तिथि किसी दूसरे पिछड़े प्रदेश से अच्छी नहीं है। इस प्रदेश की 40 प्रतिशत लड़कियों का वजन उम्र और कद, काठी के लिहाज से कम है और करीब 60 प्रतिशत महिलाएं अनीमिया यानी खून की कमी का शिकार हैं।