एमबीबीएस डाॅक्टर और नीट-पीजी के उम्मीदवार डाॅ शैराने फ्रेडरिक ने डाउन टू टर्थ से कहा, ‘ जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर अनिवार्य रूप से वाॅर्डों, आकस्मिक विभागों और ऑपरेशन थिएटरों में फ्रंटलाइन वर्कर के रूप में काम करते हैं। उनकी गैर-मौजूदगी से अस्पतालों में मरीजों की तादाद बढ़ रही है ,जो आने वाले समय में बड़ी दिक्कतें पैदा करेगी। इसका डाॅक्टरों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर पड़ेगा। ’