सर्पदंश की रोकथाम और नियंत्रण के लिए डब्ल्यूएचओ ने बनाई क्षेत्र आधारित कार्य योजना

शोध से पता चलता है कि भारत में हर साल सर्पदंश के 7.7 से 12.4 लाख मामलों में 58,000 मौतें हो जाती हैं
फोटो साभार : आईस्टॉक
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विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, सर्पदंश का जहर एक नजरअंदाज की गई उष्णकटिबंधीय बीमारी है जो गरीबी में रहने वाले लोगों को प्रभावित करती है। दुनिया भर में लगभग 18 से 27 लाख लोग सालाना सर्पदंश के शिकार हो रहे हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया के इलाके जहरीले सांपों के लिए एक जैव विविधता हॉटस्पॉट है और दुनिया के कुछ सबसे घनी आबादी वाले कृषि समुदायों का घर भी है।

इस क्षेत्र में सर्पदंश अनुमानित वैश्विक सर्पदंश से होने वाली मौतों का लगभग 70 फीसदी के लिए जिम्मेवार है। शोध से पता चलता है कि भारत में हर साल सर्पदंश के 7.7 से 12.4 लाख मामलों में 58,000 मौतें हो जाती हैं।

सर्पदंश से गरीबी में रहने वाले लोग सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। जिनमें कृषि श्रमिक, मछुआरे, काम करने वाले बच्चे और खराब तरीके से बने घरों में रहने वाले परिवार विशेष रूप से असुरक्षित हैं। अधिकांश मौतों और सर्पदंश के गंभीर परिणामों को सुरक्षित और प्रभावी एंटीवेनम द्वारा पूरी तरह से रोका जा सकता है

उपयुक्त एंटीवेनम तक न पहुंच पाने के कारण, ग्रामीण क्षेत्रों में युवा लोगों और बच्चों को सर्पदंश के जहर के कारण भारी संख्या में मौत का सामना करना पड़ता है। यह मातृ रुग्णता और गर्भावस्था की हानि का भी एक अहम कारण है, एक ऐसी असमानता जिसे हमें स्वीकार नहीं करना चाहिए।

कई नजरअंदाज किए गए उष्णकटिबंधीय रोगों की तरह, सर्पदंश के कारण अधिकांश मौतों और गंभीर नुकसान को सुरक्षित और प्रभावी उपचार से रोका जा सकता है। फिर भी जागरूकता की कमी, उचित उपचार जैसे एंटीवेनम तक असमान पहुंच और सामाजिक आर्थिक चुनौतियों के कारण लोग इसके शिकार हो जाते हैं।

दक्षिण-पूर्व एशिया 2022 से 2030 तक सर्पदंश की रोकथाम और नियंत्रण के लिए इस क्षेत्रीय कार्य योजना का उद्देश्य वैश्विक रणनीति के अनुरूप 2030 तक सर्पदंश से संबंधित मृत्यु और विकलांगता को 50 फीसदी तक कम करने के लिए प्रगति में तेजी लाना है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र के क्षेत्रीय निदेशक डॉ पूनम खेत्रपाल सिंह ने, क्षेत्रीय कार्य योजना की शुरुआत करते हुए कहा कि, सांप के काटने से सबसे ज्यादा प्रभावित लोग आमतौर पर सेवाओं और दवाओं तक कम पहुंच वाले लोग होते हैं।

इसलिए, मजबूत स्वास्थ्य प्रणालियों पर आधारित सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज और जन-केंद्रित प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सर्पदंश के जहर के प्रभाव को कम करने के लिए सबसे शक्तिशाली उपचार है। जितना संभव हो सके जागरूकता, जानकारी और देखभाल तक पहुंच बढ़ाने के लिए लोगों और राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों को शामिल करना यह सुनिश्चित करेगा कि कोई भी व्यक्ति या समुदाय पीछे न रहे और यह आवश्यक भी है।

क्षेत्रीय कार्य योजना को सदस्य राज्यों, विशेषज्ञों और भागीदारों के साथ एक परामर्श प्रक्रिया के माध्यम से निम्नलिखित उद्देश्यों के साथ विकसित किया गया:

सर्पदंश को रोकना और प्रभावी प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करना

जीवन रक्षक उपचार और देखभाल तक पहुंच सुनिश्चित करना

गुणवत्ता, प्रभावी, सुरक्षित और सस्ती एंटीवेनम की उपलब्धता में सुधार करना।

यह बहुक्षेत्रीय योजना स्वास्थ्य, पर्यावरण-स्वास्थ्य और सतत विकास लक्ष्यों की आकांक्षाओं और उनके लक्ष्यों के सिद्धांतों को पूरा करती है। यह डब्ल्यूएचओ की वैश्विक रणनीति को क्षेत्रीय योजना में ढालता है जो क्षेत्र के देशों सर्पदंश की जहरीली चुनौतियों का समाधान करना चाहते हैं।

दस्तावेज देशों, डब्ल्यूएचओ, दाताओं और भागीदारों के लिए सहयोगात्मक रूप से इन समस्याओं को हल करने और पूरे क्षेत्र में मानव और पशु स्वास्थ्य पर सर्पदंश के प्रभाव को कम करने के लिए महत्वपूर्ण मार्गदर्शन करता है।

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