वायरस विज्ञानियों ने की कोविड-19 के उपचार की पहचान

अध्ययन में कहा गया है 3सी जैसे प्रोटीज एंजाइम अवरोधक (इनहिबिटर) विट्रो में कोरोनावायरस को बढ़ने से रोक देते हैं
फोटो: विकास चौधरी
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नए अध्ययन से पता चला है कि कैसे छोटे अणु प्रोटीज को रोकने से लोगों में फैलने वाले कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ा जा सकता हैं। प्रोटीज एक एंजाइम है जो प्रोटीन और पेप्टाइड्स को तोड़ता है।

युनजॉन्ग किम और कायोंग-ओके 'केसी' चांग, अमेरिका की कैनसस स्टेट यूनिवर्सिटी में पशु चिकित्सा कॉलेज में वायरस वैज्ञानिक (वायरोलॉजिस्ट) हैं। उन्होंने एक अध्ययन किया है जिसमें कोविड-19 के संभावित चिकित्सीय उपचार के बारे में बताया गया है।

अध्ययन में कहा गया है 3सी जैसे प्रोटीज एंजाइम अवरोधक (इनहिबिटर) विट्रो में कोरोनावायरस को बढ़ने से रोक देते हैं। इससे अध्ययन में उपयोग किए गए चूहों के मॉडल, मर्स-सीओवी से संक्रमित चूहों के जीवित रहने में सुधार होता हैं। इससे पता चलता है कि छोटे अणु प्रोटीज इनहिबिटर मानव कोरोनावायरसों के खिलाफ लड़ने में सहायक हैं। 3सी-लप्रो (3CLpro) के रूप में जाने, जाने वाले ये कोरोनावायरस 3सी जैसे प्रोटीज एंजाइम, कोरोनावायरस को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाते हैं।

नैदानिक चिकित्सा और रोगविज्ञान के प्रोफेसर चांग ने कहा, टीके का विकास और उपचार कोविड-19 शोध का सबसे बड़ा लक्ष्य है। यह अध्ययन कोरोनावायरस 3सी-लप्रो प्रोटीज एंजाइम अवरोधकों के बारे में जानकारी देता है, जो चिकित्सा के लिए जरूरी है।

अध्ययन में बताया गया है कि सुधार किए गए कोरोनावायरस 3सी-लप्रो अवरोधकों की इस श्रृंखला ने मानव कोरोनावारस मर्स-सीओवी और सार्स-सीओवी-2 की संवर्धित कोशिकाओं में और मर्स के लिए चूहों के मॉडल में संक्रमण दोहराना बंद कर दिया। इन निष्कर्षों से पता चलता है कि मानव कोरोनावायरस संक्रमण के यौगिकों की श्रृंखला की जांच की जानी चाहिए। यह अध्ययन मेडिकल जर्नल साइंस ट्रांसलेशनल मेडिसिन में प्रकाशित हुआ है।

चांग और किम मर्स और मानव कोरोनावायरस संक्रमण के इलाज के लिए तथा एंटीवायरल दवाओं को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुदान संस्थान का उपयोग कर रहे हैं। उनका काम अन्य मानव वायरस जैसे कि राइनोवायरस और सार्स-सीओवी-2 तक फैला हुआ है।

पीटर के. दोहौत ने कहा, अध्ययनकर्ता कई वर्षों से सार्स और मार्स के लिए एंटीवायरल और इसको रोकने (इनहिबिटर) पर काम कर रहे हैं। बढ़ती महामारी को रोकने के लिए सार्स-सीओवी-2 वायरस और चिकित्सीय अनुसंधान पर जोर देना महत्वपूर्ण है।

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