कोरोना महामारी के दौरान भारत में लगाए गए लॉकडाउन के चलते श्रमिक वर्ग को गहरा मानसिक और शारीरिक आघात झेलना पड़ा। देश में 23 मार्च 2020 को लॉकडाउन की घोषणा होने के बाद सैकड़ों और हजारों की तादाद में श्रमिकों के जत्थे बड़े शहरों से अपने गांव घर को वापस लौटने के लिए मजबूर हो गए। देश में यह पहली दफा था जब इतना बड़ा आंतरिक पलायन देखा और महसूस किया गया।
पहली बार ही शायद यह देश इस बात का भी गवाह बना कि कितनी बड़ी संख्या में बड़े शहरों में प्रवासी श्रमिक काम कर रहे हैं। इस देश में करीब 37 फीसदी आबादी प्रवासियों की है। इनमें महिलाएं और अकुशल मजदूरों की संख्या काफी ज्यादा है। लॉकडाउन के दरमियान सबसे ज्यादा प्रभावित वर्ग यही रहा।