महामारी से पीड़ित अमेरिकी ट्रंप के भाग्य का करेंगे फैसला

अमेरिकी चुनावों में कोविड-19 महामारी से निपटने का ट्रंप का तरीका एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है
डोनाल्ड ट्रंप। Photo: Flickr
डोनाल्ड ट्रंप। Photo: Flickr
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व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति ट्रप ने चार सालगिरह मनाई हालांकि इसमें चौथी सालगिरह के दौरान कोरोनोवायरस महामारी के दौरान उनके द्वारा किए गए प्रबंधन पर फैसला करने की घड़ी अब गई है। पिछले चार सालों में ट्रंप के पर्यावरणीय और राजनीतिक फैसलों ने अमेरिकी जीवन को बहुत अधिक प्रभावित किया है।

इस बार ट्रंप और बिडेन का उन्मादी चुनावी अभियान बहुत चर्चित रहा। हालांकि यह चर्चा सकारात्मक न होकर नकारात्मक थी। हां यहां यह जरूर ध्यान देना होगा इस बार अमेरिकी मतदाता चुनाव के समय देश कि अनियंत्रित सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा, अर्थ व्यवस्था का संकट, गहरे वैचारिक विभाजन आदि ऐसे मुद्दों को ध्यान में रखेगा जिन्होंने उनके जीवन को पिछले चार सालों में सबसे अधिक प्रभावित किया है।

इस बार अमेरिकी मतदाता कई रिकॉर्ड तोड़ेगे। जैसे महामारी से प्रभावित अमेरिकियों ने पहले से ही इस साल वोट देने के लिए एक दृढ़ संकल्प प्रदर्शित किया है। जैसे कि अक्सर इस बार भविष्यवाणी की गई है कि अमेरिकियों के जीवनकाल का सबसे महत्वपूर्ण चुनाव आखिरकार आ गया है। मंगलवार यानी आज होने वाले चुनावों से पहले डेनवर, डेट्रायट, वाशिंगटन, डी.सी. तक शहरों में कारोबारी सशंकित हैं नागरिक अशांति की संभावना से क्योंकि कई राज्यों में नेशनल गार्ड को तैयार किया जा रहा है। कंस्ट्रक्शन वर्कर फर्नांडो कैसस ने कहा, सभी लोग घबराने लगे हैं, क्योंकि कुछ लोगों ने लॉस एंजिल्स के पास एक शॉपिंग सेंटर में लूटपाट की।  चुनाव प्रशासकों को इस समय महामारी के दौरान चुनाव कराने की दोहरी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

इस संबंध में अमेरिका के सबसे बड़े राज्यों में से एक फिलाडेल्फिया के मेयर जिम केनी कहते हैं कि कृपया धैर्य रखें और उन्होंने मंगलवार को मतदान करने के लिए लंबी लाइन लगे रहने की भविष्यवाणी की है। दूसरी ओर ट्रप और बिडेन दोनों चुनाव के बाद संभावित चुनावी अनियमितता से निपटने के लिए अपने-अपने वकीलों की सेनाएं तैयार कर रहे हैं। इन सबके बावजूद कोविड-19 के अनियंत्रित प्रसार ने निश्चिततौर पर चुनाव पर बहुत अधिक असर डाला है। इस संबंध में सोमवार को व्हाइट हाउस में वायरस टास्क फोर्स के समन्वयक की एक रिपोर्ट ने राष्ट्रपति के बार-बार दावों का खंडन किया कि अमेरिका वायरस को हराने के रास्ते पर है।

कई मतदाता अब भी नर्वस हैं क्योंकि जिस तरह से चार साल पहले हिलैरी क्लिंटन की हार हुई थी, उस दु:स्वप्न से अब भी कई मतदाता उबर नहीं पाए हैं। इस पर न्यू जर्सी के एक हाई स्कूल में इतिहास के शिक्षक केटी पहलन ने विडेन से मिलने के लिए पेंसिल्वेनिया सीमा पार कर ली।

संक्रमण फैलाने और सार्वजनिक स्वास्थ्य के दिशा निर्देशों के उल्घंन के मामले में तो ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंद्वी को काफी पिछे छोड़ दिया है। ध्यान रहे कि ट्रंप ने उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया, मिशिगन और विस्कॉन्सिन में ताबड़तोड़ बड़ी रैलियां कीं। यहां तक कि देश के शीर्ष संक्रामक रोग विशेषज्ञ को भी उन्होंने नहीं बख्शा।

ओहियो और पेंसिल्वेनिया में बिडेन ने तर्क दिया कि जब तक वायरस नियंत्रण में नहीं होता तब तक सामान्य  दिनचर्या में कोई वापसी नहीं हो सकती है। बिडेन ने कहा कि ट्रप के नेतृत्व अमेरिका में 90 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और अब तक 2,30,000 से अधिक लोगों की जीवन लीला समाप्त हो चुकी है। अंत में उन्होंने मतदातों से अपील की है कि वायरस को खत्म करने के लिए केवल एक ही कदम उठाना होगा, वह है मतदाताओं द्वारा डोनाल्ड ट्रप को हराना। वह कहते हैं कि देश को बदलने की शक्ति केवल आपके हाथ में है।  

दूसरी ओर ट्रंप ने शुरूआत से ही मेल-इन मतपत्रों में अविश्वास का बीज बो दिया है। ट्रंप की रैलियों में ज्यादातर श्रमिक वर्ग के मतदाताओं को चुनाव में लुभाने की कोशिश की गई है। ध्यान रहे कि 2016 की अपनी आश्चर्यजनक जीत की यादों को एक बार पुन: ताजा कर ट्रंप का अंतिम पड़ाव ग्रैंड रैपिड्स मिच है। इसी शहर में उन्होंने अपना 2016 का  चुनावी कार्यक्रम पूरा किया था।

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