केंद्र सरकार भविष्य में महामारियों से निपटने के लिए 65,560.98 करोड़ रुपए के विशेष व्यय वित्त मेमोरेंडम पर विचार कर रही है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने 14 सितंबर 2020 को लोकसभा में कहा कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत होने वाले आवंटन से शोध, स्वास्थ्य सेवाओं और स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर निवेश सुनिश्चित होगा। खासकर महामारी के प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।
मंत्री ने बताया कि देश अब यात्रा संबंधी मामलों को प्रबंधित करने में कामयाब हो गया है। अब मामले क्लस्टर स्तर पर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर सामने आ रहे मामले स्थानीय ट्रांसमिशन के कारण हैं। उन्होंने बड़े पैमाने पर ट्रांसमिशन की बात स्वीकार की लेकिन कम्युनिटी ट्रांसमिशन शब्द से परहेज किया।
उन्होंने कहा कि संक्रमण शहरों से ग्रामीण क्षेत्रों में बहुत तेजी से फैला है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, बिहार, तेलंगाना, ओडिशा, असम, केरल और गुजरात में सबसे अधिक मामले और मृत्यु दर्ज की गई है। मंत्री ने बताया कि इन सभी राज्यों ने 1,00,000 से अधिक सामने आए हैं।
मंत्री ने बताया कि भारत में सामने आए मामलों में कम से कम 92 प्रतिशत हल्के लक्षण वाले हैं। उन्होंने कहा कि केवल 5.8 प्रतिशत मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी की जरूरत होती है। यह बीमारी मात्र 1.7 प्रतिशत मामलों में गंभीर हो सकती है जिन्हें गहन देखभाल की आवश्यकता होती है।
वैश्विक स्तर पर किए गए दो दर्जन से अधिक अध्ययनों से पता चला है कि मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का कोविड-19 रोगियों पर कोई सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ा है, लेकिन भारत सरकार ने दवा के उपयोग को जारी रखा है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के उत्पादन को कई गुणा बढ़ा दिया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 11 सितंबर, 2020 तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की 10.84 करोड़ गोलियां जारी की थीं।”
केंद्रीय आयुष मंत्रालय कोविड-19 की रोकथाम और पोस्ट कोविड रिकवरी प्रोटोकॉल के लिए कई आयुर्वेदिक दवाओं को शामिल कर चुका है। विशेषज्ञों ने कई बार पूछा कि क्या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक आधार है।
वर्धन के अनुसार, आयुष मंत्रालय ने आयुष-संजीवनी ऐप शुरू किया है। इसके माध्यम से कोविड-19 की रोकथाम में दवाओं की प्रभावशीलता, स्वीकार्यता और उसके उपयोग का मूल्यांकन किया जा रहा है। हालांकि उन्होंने इसके परिणामों पर कुछ नहीं कहा। मंत्री ने मंत्री ने स्वास्थ्य कर्मियों की प्रशंसा की है लेकिन उनके संबंध में कोई घोषणा नहीं की।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने मंत्री को दो बार टोका और उनसे अपना वक्तव्य टेबल करने को कहा क्योंकि पूरा वक्तव्य पढ़ने पर बहुत समय लगेगा। उन्होंने वर्धन को पहली बार तब टोका जब उन्होंने मुश्किल से चार मिनट बोला था। करीब 13 मिनट बाद अध्यक्ष ने फिर उन्हें टोका और अपना भाषण टेबल करने को कहा। हर्षवर्धन के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपनी बात रखने को कहा गया।