चीन में प्लेग के दो मामले सामने आए हैं। इससे दो साल पहले मेडागास्कर में प्लेग का असर देखा गया था। हालांकि चीन के अधिकारियों का कहना है कि अब तक केवल दो मामले सामने आए हैं और उनका इलाज चल रहा है। लोगों को घबराने की कोई जरूरत नहीं है।
चीनी न्यूज एजेंसी Xinhua की रिपोर्ट के मुताबिक, बीजिंग नगर स्वास्थ्य आयोग ने न्यूमोनिक प्लेग के दोनों मामलों की पुष्टि की है। नए अपडेट में कहा गया है कि एक मरीज की हालत स्थिर है, जबकि दूसरा गंभीर रूप से बीमार है। दोनों मरीज चीन के भीतरी मंगोलिया स्वायत्त क्षेत्र से हैं। उनका इलाज चोयांग जिले के एक अस्पताल में चल रहा है।
दोनों बीमार व्यक्तियों के नजदीकी लोगों की भी जांच की गई है। समाचार एजेंसी ने कहा कि अब तक रोगियों के साथ संपर्क में रहने वाले लोगों की भी मेडिकल जांच की गई है, लेकिन उनमें से किसी ने भी बुखार या अन्य असामान्य लक्षणों की सूचना नहीं दी है।
प्लेग अभी भी एक जोखिम है
संयुक्त राज्य अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, प्लेग यर्सिनिया पेस्टिस नाम के जीवाणु के कारण होता है। मनुष्य को आमतौर पर ऐसे रोडेंट पिस्सू के काटने से प्लेग होता है, जो किसी प्लेग संक्रमित जानवर को काट चुका हो या खुद प्लेग बैक्टरिया से पीड़ित हो। मध्य युग के दौरान, यूरोप में प्लेग की वजह से लाखों लोगों की मौत हो गई थी। यह चौदहवीं शताब्दी के दौरान ‘ब्लैक डेथ’ के रूप में जाना जाता था, जिससे यूरोप में 50 मिलियन (5 करोड़) से अधिक मौतें हुईं।
आमतौर पर, जीवाणु, यर्सिनिया पेस्टिस, लिम्फ नोड को संक्रमित करता है जिसे तब ‘बुबो’ के रूप में संदर्भित किया जाता है, और इसे बुबोनिक प्लेग कहा जाता है। यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता है। हालांकि, अगर बुबोनिक प्लेग फेफड़ों में जाता है तो यह न्यूमोनिक प्लेग हो जाता है और इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। इस प्लेग की ऊष्मायन अवधि 24 घंटे जितनी कम हो सकती है।
डब्लूएचओ के अनुसार, दुनिया भर में 2010-2015 के दौरान प्लेग के 3284 मामले सामने आए, इनमें 584 लोगों की मौत हुई। 2017 में मेडागास्कर में प्लेग का अंतिम प्रकोप दिखाई दिया। इस अफ्रीकी देश से 202 लोगों की मौत सहित 2348 मामले सामने आए।