देश के बच्चों में कुपोषण
संसद के शीतकालीन सत्र में विपक्षी पार्टियों का हंगामा लगातार जारी है, इस बीच सदन में उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने इस बात से इनकार किया कि देश में बड़ी संख्या में बच्चे कुपोषित हैं।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित राष्ट्रीय स्वास्थ्य परिवार सर्वेक्षण (एनएचएफएस) में कुपोषण के संकेतों जैसे कम वजन, बौनापन और कमजोरी में लगातार सुधार देखा जा रहा है। एनएफएचएस-पांच (2019-21) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, एनएफएचएस-चार (2015 से 16) की तुलना में पांच साल से कम उम्र के बच्चों के पोषण में सुधार हुआ है।
ईरानी ने राज्यसभा में यह भी बताया कि बौनापन 38.4 फीसदी से घटकर 35.5 फीसदी रह गया है, जबकि कम वजन का प्रचलन 35.8 फीसदी से घटकर 32.1 फीसदी हो गया है।
देश में सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतें
सड़क दुर्घटनाओं को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में आज, राज्यसभा में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी ने कहा कि मंत्रालय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस विभागों से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर हर साल "भारत में सड़क दुर्घटनाओं" पर रिपोर्ट प्रकाशित करता है।
रिपोर्ट का हवाला देते हुए गडकरी ने बताया 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में 1,68,491 लोग मारे गए, जबकि 2021 में 1,53,972 लोग मारे गए। इस प्रकार, देश में सड़क दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
स्कूली शिक्षा में कृषि एक विषय के रूप में शामिल करना
सदन में स्कूली शिक्षा में कृषि को शामिल करने को लेकर उठाए गए एक सवाल के जवाब में आज, शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने शिक्षा में ग्रामीण विकास को जोड़ दिया है। कृषि और ग्रामीण विकास का विषय विभिन्न विषय-वस्तुओं में फैला हुआ है तथा पाठ्यक्रम के साथ जुड़ा हुआ है।
देश में परमाणु ऊर्जा उत्पादन
सदन में उठे के प्रश्न के लिखित उत्तर में आज, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन और प्रधान मंत्री कार्यालय राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में बताया कि परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से वार्षिक बिजली उत्पादन 2013 और 14 में 35334 मिलियन यूनिट से बढ़कर 2022 और 23 में 46982 मिलियन यूनिट (अशक्त सहित) हो गई है। 2013 और 14 में स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता भी 4780 मेगावाट से बढ़कर वर्तमान में 7480 मेगावाट हो गई है।
बहुआयामी गरीबी सूचकांक
सदन में बहुआयामी गरीबी को लेकर उठाए एक एक सवाल के जवाब में आज, लोकसभा में सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि इस बात की संभावना बहुत कम है कि व्यक्तिगत आंकड़ों ('घरेलू' आंकड़ों के बजाय) का उपयोग करके गरीबी को कम करके आंका गया है। उन्होंने 'राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक: एक प्रगति समीक्षा 2023' में गरीबी का आकलन करने के लिए उपयोग किए जाने वाले मापदंडों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा नीति आयोग की यह रिपोर्ट राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर बहुआयामी गरीबी का अनुमान लगाती है। राष्ट्रीय एमपीआई में अनुमान राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस) पर आधारित हैं, जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के समन्वय में अंतर्राष्ट्रीय जनसंख्या विज्ञान संस्थान (आईआईपीएस) द्वारा तैयार की गई है।
वैश्विक एमपीआई की तरह, भारत के राष्ट्रीय एमपीआई के तीन समान महत्व वाले आयाम हैं, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर शामिल हैं। भारत के एमपीआई में 12 संकेतक शामिल किए गए हैं जिनमें पोषण, बाल और किशोर मृत्यु दर, मातृ स्वास्थ्य, स्कूली शिक्षा के वर्ष, स्कूल में उपस्थिति, खाना पकाने का ईंधन, स्वच्छता, पीने का पानी, बिजली, आवास, बैंक खाते और संपत्ति शामिल हैं।
इनमें से, पोषण, मातृ स्वास्थ्य और स्कूल में उपस्थिति जैसे संकेतकों में, यदि घर के भीतर कोई भी व्यक्ति जिसके आंकड़ों के अभाव की ओर इशारा करता है, तो पूरे परिवार को वंचित माना जाता है।
डिब्बाबंद खाने के पैकिंग पर छपी रंग प्रणाली
भोजन संबंधी 'फ्रंट-ऑफ-पैक पोषण लेबल (एफओपीएल)' आजकल भारी चर्चा में है। सदन में उठे के प्रशन के लिखित जवाब में आज, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने लोकसभा में बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) ने 13 सितंबर 2022 को खाद्य सुरक्षा और मानक (लेबलिंग और प्रदर्शन) संशोधन विनियम, 2022 का मसौदा अधिसूचित किया है, जिसमें भारतीय पोषण रेटिंग को फ्रंट ऑफ पैक न्यूट्रिशनल लेबलिंग (एफओपीएल) के रूप में प्रस्तावित किया गया है।
आईएनआर सारांश लेबल हैं जो 0.5 से पांच सितारों तक के सितारों की संख्या के माध्यम से किसी खाद्य उत्पाद की पोषण संबंधी जानकारी प्रदान करते हैं, जो भोजन के समग्र पोषण के लिए जिम्मेदार होते हैं और इसमें "खतरानक पोषक तत्व" (सोडियम, कुल शर्करा, संतृप्त) शामिल होते हैं। वसा और ऊर्जा साथ ही "सकारात्मक पोषक तत्व" (प्रोटीन, आहार फाइबर और फल, सब्जी, फलियां या अखरोट सामग्री का कोई भी पहलू) यह इस सिद्धांत पर आधारित है कि जितने अधिक सितारे, होंगे भोजन उतना ही स्वस्थ और पोषक होगा।
देश में इथेनॉल उत्पादन की क्षमता
संसद में उठाए गए के सवाल के जवाब में आज, ग्रामीण विकास और उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय की राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने लोकसभा में बताया कि 30.नवंबर, 2023 तक, देश में इथेनॉल उत्पादन क्षमता लगभग 1380 करोड़ लीटर है, जिसमें से लगभग 875 करोड़ लीटर गुड़ आधारित है और लगभग 505 करोड़ लीटर अनाज आधारित है।