भारत में तंबाकू से कैंसर के मामले तेजी से बढ़े: एनसीआरआई

नेशनल कैंसर रजिस्ट्री ऑफ इंडिया एक नई रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कैंसर के बढ़ते मामलों के बारे में बताया गया है
Photo: Pixabay
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भारत में सभी प्रकार के रोगों के मुकाबले तम्बाकू से होने वाले कैंसर के रोगियों की संख्या सबसे अधिक है। 18 अगस्त, 2020 को नेशनल कैंसर रजिस्ट्री ऑफ इंडिया (एनसीआरआई) द्वारा जारी एक नई रिपोर्ट में तम्बाकू सेवन के कारण 27 प्रतिशत कैंसर के मामले सामने आए है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के तहत कार्य कर रही संस्था एनसीआरआई के अनुसार, गैस्ट्रोइन्टेस्टनल कैंसर (19.7 प्रतिशत) और स्तन कैंसर (14.8 प्रतिशत) भारत में अन्य सबसे प्रचलित कैंसर हैं।

रिपोर्ट के अनुसार लिम्फोइड और हेमेटोपोइटिक मैलिग्नेंसी (प्रतिरक्षा प्रणाली और रक्त कैंसर), गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर और डिम्बग्रंथि के कैंसर भारत में अन्य आम कैंसर हैं।

2012-2016 से पंजीकृत मामलों को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट ने कैंसर की व्यापकता को जारी किया। यह अनुमान लगाया गया कि 2020 में कैंसर के मामले 1,392,179 से 2025 में 12 प्रतिशत बढ़कर 2025 में 1,569,793 हो जाएंगे।

रिपोर्ट में भारत में 28 जनसंख्या-आधारित कैंसर पंजीयन (पीबीसीआर) और 58 अस्पताल-आधारित कैंसर पंजीयन (एचबीसीआर) के आंकड़ों को शामिल किया गया है।

पीबीसीआर से आशय है कि किसी एक इलाके, शहर या जिले में दर्ज कैंसर के मामलों से हैं, जबकि एचबीसीआर से आशय है कि अस्पतालों में दर्ज कैंसर के मामलों के पंजीयन से है।

पीबीसीआर ने दिल्ली में सबसे अधिक मामले (60,097) दर्ज किए, इसके बाद मुंबई (53,714), चेन्नई (31,271), बेंगलुरु (29,049) और तिरुवनंतपुरम (27,833) दर्ज किए गए।

पुरुषों में फेफड़े, मुंह, पेट और भोजन की नली के कैंसर सबसे आम पाए गए। जबकि महिलाओं में स्तन और गर्भाशय कैंसर आम पाया गया।

मिजोरम का आइजोल जिला पुरुषों में प्रति 100,000 आबादी पर कैंसर के मामलों में सबसे ऊपर है, इसके बाद मेघालय में पूर्वी खासी हिल्स और असम में कामरूप, मिजोरम राज्य, अरुणाचल प्रदेश में पापुम पारे जिला, मेघालय राज्य, दिल्ली, केरल का तिरुवंतपुरम जिला और असम में कछार जिला शामिल हैं।

महिलाओं में कैंसर मामलों की बात करें तो सबसे अधिक मामले पापुम पारे में पाए गए। इसके बाद आइजोल, मिजोरम, कामरूप, बेंगलुरु, दिल्ली, हैदराबाद और चेन्नई शामिल हैं।

मुंह के कैंसर के मामले सबसे अधिक अहमदाबाद शहरी क्षेत्र में पाए गए। इसके बाद औरंगाबाद, उस्मानाबाद और बीड, बारशी ग्रामीण, पुणे, वर्धा, भोपाल और नागपुर में मुंह के कैंसर के मामले सामने आए हैं।

फेफड़े के कैंसर सबसे अधिक दिल्ली में पाए गए। इसके बाद कोल्लम, तिरुवनंतपुरम, बेंगलुरु, चेन्नई और कोलकाता में फेफड़े के कैंसर पाए गए।
पहले माना जाता है कि यह ज्यादातर चबाने वाले तम्बाकू के कारण होता है और बाद में पाया गया कि धुएं वाले तम्बाकू के कारण भी कैंसर होता है।
रिपोर्ट बताती है कि फेफड़े, सिर और गर्दन के कैंसर बढ़ रहे थे, जबकि पेट के कैंसर में गिरावट थी।

28 साइटों में से 19 में महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले अधिक पाए गए। शेष साइटों में, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर अग्रणी था।

बचपन में कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं। दिल्ली पीबीसीआर ने 0-14 वर्ष (3.7 प्रतिशत) और 0-19 वर्ष आयु समूह (4.9 प्रतिशत) दोनों में बचपन के कैंसर का उच्चतम अनुपात दर्ज किया।

एचबीसीआर डेटा के मुताबिक ल्यूकेमिया कैंसर सबसे आम था, दोनों में 0-14 (लड़के, 46.4 प्रतिशत; लड़कियां, 44.3 प्रतिशत) और 0-19 आयु वर्ग में (लड़के, 43.2 प्रतिशत) लड़कियां; 39.2 प्रतिशत) मामले पाए गए।

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