एक नए अध्ययन में कहा गया है कि यदि आप ब्रोकोली, अजवाइन के स्वाद का पता तुरंत लगा सकते हैं, तो आप एक अच्छे स्वाद का पता लगाने वाले या सुपरटेस्टर हैं। कड़वे और तीखे स्वाद के पता लगाने की क्षमता आपको कोविड-19 से बचा सकती हैं।
सुपरटेस्टर वे लोग होते हैं जो कड़वाहट या तीखे के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, अथवा उन्हें तीखे या कड़वे स्वाद का पता अति शीघ्र लग जाता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि इन लोगों को कोविड -19 होने की संभावना कम होती है तथा उनके अस्पताल में भर्ती होने की संभावना भी कम होती है।
अध्ययन में पता चला है कि सुपरटेस्टर ने केवल पांच दिनों के लिए ही कोविड-19 के लक्षणों को महसूस किया, जबकि इसके विपरीत जिनको स्वाद का सही से पता नहीं लगता यानी नॉन- टेस्टर लोगों ने औसतन 23 दिनों तक इसके लक्षणों को महसूस किया।
भले ही स्वाद कोविड-19 के जोखिम को प्रभावित करता हो, पर इसे वास्तव में पूरी तरह से समझना कठिन है, लेकिन शोधकर्ताओं के पास इसे समझने का एक सिद्धांत है। कड़वे या तीखे स्वाद के रिसेप्टर्स जिन्हें टी2आर38 के नाम से जाना जाता है, यह हमारी जीभ में पाए जाते हैं।
बैटन रूज, ला में कान, नाक और गले के विशेषज्ञ और शोधकर्ता डॉ. हेनरी बरहम ने कहा जब टी2आर38 को उत्तेजित किया जाता है, तो यह सांस लेने वाले म्यूकोसा में वायरस को मारने या रोकने में मदद करने के लिए नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन करके प्रतिक्रिया करता है। ये म्यूकस मेम्ब्रेन आपके श्वसन तंत्र को सही करते हैं और वायरस के लिए प्रवेश का एक बिंदु प्रदान करते हैं, जिसमें सार्स-सीओवी-2 भी शामिल है, जिसकी वजह से कोविड-19 होता है।
उन्होंने कहा कि कई अध्ययनों में देखा गया है कि कैसे कड़वे या तीखे स्वाद रिसेप्टर्स कोविड-19 और अन्य ऊपरी श्वसन संक्रमणों के जोखिम पर असर डालते हैं। यह अध्ययन जामा नेटवर्क ओपन में ऑनलाइन प्रकाशित किए गए हैं।
स्वाद और कोविड-19 के संबंध को लेकर 1935 लोगों के साथ अध्ययन
इस अध्ययन में करीब 1935 लोग जिनकी औसत उम्र 46 थी, उनको शामिल किया गया था। इनमें 1101, (56.9 फीसदी) महिलाएं थी, 508 (26.3 फीसदी) सुपरटेस्टर थे, 917 (47.4 फीसदी) टेस्टर थे, 510 (26.4 फीसदी) नॉनटेस्टर थे। जिनकी स्वाद की क्षमता का परीक्षण पेपर स्ट्रिप्स का उपयोग करके किया गया था। कोविड-19 होने से पहले सभी का परीक्षण किया गया था, ताकि उनके स्वाद और गंध की क्षमता के बारे में पता लगाया जा सके।
प्रतिभागियों को तीन समूहों में रखा गया था जिनमें नॉनटेस्टर, सुपरटेस्टर और टेस्टर शामिल थे। नॉनटेस्टर वे लोग हैं जो कड़वे या तीखे स्वादों का बिल्कुल भी पता नहीं लगा सकते हैं। दूसरी ओर, सुपरटेस्टर कड़वाहट या तीखे के प्रति अत्यंत संवेदनशील होते हैं और छोटे से छोटे स्तरों का पता लगा सकते हैं। टेस्टर बीच में कहीं फिट हो जाते हैं या जो सामान्य तौर पर स्वाद का पता लगा सकते हैं।
अध्ययन के दौरान, 266 (13.7 फीसदी) प्रतिभागियों में कोविड-19 का पीसीआर परीक्षण पॉजिटिव पाया गया। इनमें से 55 (20.7 फीसदी) प्रतिभागियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ी थी। सुपरटेस्टर के संक्रमित होने की तुलना में नॉनटेस्टर के संक्रमित होने की आशंका बहुत अधिक थी और उन्हें गंभीर कोविड-19 होने के भी अधिक आसार थे। टेस्टर में कोविड-19 के हल्के से मध्यम लक्षण दिखने की आशंका थी, जिन्हें अक्सर अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है।
शिकागो में स्मेल एंड टेस्ट ट्रीटमेंट एंड रिसर्च फाउंडेशन के न्यूरोलॉजिकल डायरेक्टर डॉ एलन हिर्श ने अपना जीवन गंध के नुकसान होने और बीमारी पर स्वाद के प्रभावों का अध्ययन करने में बिताया है। उन्होंने इस अध्ययन के परिणामों की समीक्षा की है। हिर्श ने कहा कि नए निष्कर्ष बहुत मायने रखते हैं और सुझाव दिया कि लोगों को अपनी स्वयं की चखने की स्थिति का पता लगाने से फायदा होगा।
यदि आप कड़वाहट या तीखे का स्वाद का पता नहीं लगा पा रहे हैं, तो आपको अधिक सावधान रहना चाहिए और अपने आपको कोविड-19 से बचने के लिए लंबी अवधि के लिए मास्क पहनने और कोविड नियमों का सख्ती से अनुपालन करना चाहिए। दुर्भाग्य से, उन्होंने कहा, ज्यादातर लोग नहीं जानते कि वे किस प्रकार का स्वाद लेने वाले समूह में शामिल हैं।
घर और कार्यालय आधारित परीक्षण आपको बता सकते हैं कि आप स्वाद क्रम में कहां फिट होते हैं। हिर्श ने कहा लेकिन यहां एक आसान विकल्प है यदि अजवाइन का स्वाद आपको कड़वा या तीखा लगता है तो आप एक सुपरटेस्टर हैं, और यदि ऐसा नहीं होता है, तो आपको सावधान रहने की आवश्यकता है।