
दुनिया के कुछ हिस्सों में कोरोना के मामले एक बार फिर रफ्तार पकड़ने लगे हैं, खास तौर पर हांगकांग और सिंगापुर में। सिंगापुर में कोविड-19 की मरीजों की संख्या में 28 फीसदी की वृद्धि होने की खबर, जबकि हांगकांग में मात्र एक हफ्ते में कोरोना से गंभीर रूप से पीड़ित 31 मामले दर्ज किए गए हैं।
सिंगापुर में कोविड-19 को लेकर भारी चेतावनी जारी की गई है, क्योंकि तीन मई से समाप्त में कोविड-19 मामलों की अनुमानित संख्या एक सप्ताह पहले के 11,100 से बढ़कर 14,200 हो गई। रोजमर्रा अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी लगभग 30 फीसदी की वृद्धि देखी गई है।
कहा जा रहा है कि हांगकांग में वायरस काफी उच्च स्तर पर पहुंच गया है। तीन मई को समाप्त सप्ताह में 31 मौतें दर्ज की गई, जो एक साल का उच्चतम स्तर है। कोविड-19 मामलों में इस अचानक वृद्धि ने एक नए प्रकार की आशंकाओं को जन्म दिया है।
सिंगापुर में कोविड-19 के मामलों में भारी वृद्धि देखी गई। सिंगापुर के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, एलएफ.7 और एनबी.1.8, दोनों ही जेएन.1 वैरिएंट के वंशज हैं, जिनका इस्तेमाल नए कोविड-19 टीकों में किया जाता है, देश में फैल रहे हैं। हर दिन अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या 102 से बढ़कर 133 हो गई, लेकिन रोजाना इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या तीन से घटकर दो हो गई।
हांगकांग में कोविड-19 के मरीजों की बात करें तो यहां भी इनमें तेजी से बढ़ोतरी देखी जा रही है, चार सप्ताह पहले 6.21 फीसदी नमूने परीक्षण में पॉजिटिव पाए गए, जो 10 मई से पहले के सप्ताह में 13.66 फीसदी हो गए। हांगकांग में 81 गंभीर मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 30 मौतें हुई हैं, लगभग सभी बुजुर्ग लोग हैं जिनकी स्वास्थ्य स्थिति खराब होने की जानकारी है।
चीन में कोविड-19 के मामले एक बार फिर बढ़ रहे हैं, जो पिछले साल संक्रामक लहर के दौरान देखे गए चरम स्तर के करीब है। चीनी रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र की रिपोर्ट है कि हाल के हफ्तों में परीक्षण पॉजिटिव दर दोगुनी से अधिक हो गई है।
थाईलैंड में रोग नियंत्रण विभाग ने इस साल दो क्लस्टर प्रकोपों की जानकारी दी है और स्वास्थ्य अधिकारी स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहे हैं, इस बात की खबर है। अप्रैल में सोनकरन त्यौहार के बाद मामलों में उछाल देखा गया।
संयुक्त राष्ट्र कोविड-19 टास्क फोर्स की सलाहकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवाएं, रणनीतिकार का कहना है कि हांगकांग और सिंगापुर में पाए गए नए स्ट्रेन में बुखार, खांसी और थकान सहित पिछले वेरिएंट के समान लक्षण हैं। इनकी गंभीरता व्यक्तिगत स्वास्थ्य कारणों के आधार पर अलग-अलग होती है।
श्वसन संबंधी प्रभावों के अलावा, उप-वेरिएंट के लक्षणों में मतली और दस्त के साथ-साथ मस्तिष्क संबंधित समस्या जैसे न्यूरोलॉजिकल लक्षण भी शामिल हैं।
भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय के कोविड-19 बुलेटिन के अनुसार, भारत में 93 सक्रिय मामले हैं, लेकिन कोरोनावायरस की लहर के फिर से उभरने की कोई रिपोर्ट नहीं है। लोगों को बुनियादी सावधानियों का पालन करने की सलाह दी गई है, जैसे भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनना आदि।
भारत में गंभीर लहर के आसार कम हैं, लेकिन सतर्क रहना ही समझदारी भरा कदम है। हालांकि हल्के संक्रमण अभी भी हो सकते हैं, जो अक्सर सामान्य सर्दी या फ्लू के लक्षणों से मिलते जुलते हैं।
संयुक्त राष्ट्र कोविड-19 टास्क फोर्स की सलाहकार, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवाएं, रणनीतिकार का कहना है कि भारत की कोविड स्थिति अपेक्षाकृत स्थिर है, तथा सक्रिय मामलों की संख्या कम है।
कोविड-19 मामलों के प्रति कम होती प्रतिरक्षा को कई देशों में फिर से बढ़ते मामलों के पीछे एक कारण बताया गया है, साथ ही कम बुज़ुर्ग लोगों को बूस्टर शॉट मिल रहे हैं। क्योंकि कोविड-19 अब स्थानीय है, इसलिए समय-समय पर नई लहरें आती रहती हैं। इन लहरों को सामान्य फ्लू के प्रकोप के रूप में देखा जा रहा है। भारत में किसी भी उछाल से निपटने के लिए, यात्रियों का परीक्षण किया जाना चाहिए। यदि जरूरी हो, तो व्यक्ति को अलग-अलग कर दिया जाना चाहिए।