वैज्ञानिकों को मिली बड़ी सफलता, जल्द तैयार होगी टीबी की वैक्सीन

अभी दुनिया भर में टीबी की रोकथाम के लिए 1921 में तैयार वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन वैज्ञानिकों का दावा है कि वे जल्द ही नई वैक्सीन तैयार कर लेंगे
Photo: GettyImages
Photo: GettyImages
Published on

वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वे जल्द ही दुनिया के सबसे घातक व संक्रामक रोग टीबी के उपचार के लिए एक नई वैक्सीन तैयार कर लेंगे। अभी दुनिया भर में 1921 में तैयार वैक्सीन का इस्तेमाल किया जा रहा है।

इस नए वैक्सीन का तीन अफ्रीकी देशों में परीक्षण किया गया। ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन के शोधकर्ताओं ने कहा कि जिन लोगों को इस नई वैक्सीन का परीक्षण किया गया, उनमें तीन साल लगभग 50 फीसदी असर देखागया। ये वे लोग थे, जिनके शरीर में पहले से टीबी बैक्टीरिया थे, लेकिन ये बैक्टीरिया एक्टिव नहीं हो पाए थे, जिस कारण वे बीमारी से ग्रस्त नहीं थे।

जीएसके वैक्सीन के मुख्य चिकित्सा अधिकारी थॉमस ब्रेयर ने कहा कि, इन परिणामों से पता चलता है कि लगभग एक सदी के बाद टीबी जैसी खतरनाक बीमारी से बचने के लिए एक बड़ा कारगर उपाय मिल गया है। टीबी पर काम कर रहे शोधकर्ताओं ने कहा कि केन्या, दक्षिण अफ्रीका और ज़ाम्बिया में परीक्षण किए गिए, जिसमें 3,000 से अधिक वयस्क शामिल थे, जहां परिणाम सफल रहे।

दक्षिण अफ्रीका में टीबी वैक्सीन की पहल करने वाले निदेशक मार्क हाथेरील्ल ने कहा कि एक ऐसी वैक्सीन, जो टीबी को फैलने से रोक सकती है और इससे होने वाली महामारी पर नियंत्रण पाने का यह एकमात्र तरीका होगा। यदि यह वैक्सीन सफल रही तो, टीबी के लाखों नए मामलों का इलाज आसानी से किया जा सकेगा और दुनिया भर में लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है।

न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित रिपोर्ट में वैज्ञानिकों ने कहा कि इस वैक्सीन के और अधिक परिणामों को जानने के लिए इसका गहन परीक्षण किया जाना अभी बाकी है। ब्रेयर ने कहा कि परीक्षणों को पूरा करने और एक वैक्सीन के लिए लाइसेंस प्राप्त करने में अभी कई साल लगेंगे।

दुनिया भर में चार में से एक व्यक्ति टीबी के बैक्टीरिया से संक्रमित हैं लेकिन बीमार नहीं हैं, और इनसे बीमारी नहीं फैलती है। 5 से 15 फीसदी लोगों में तेजी से टीबी की बीमारी होती है। एचआईवी से पीड़ित लोगों, जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, इन लोगों के बीमार पड़ने की आशंका अधिक होती है।

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in