यह चिप बता सकती है कोविड-19 का 99.9 फीसदी सटीक परिणाम

इस तकनीक के जरिए वैज्ञानिक अधिक सटीकता से कोरोना का पता लगा सकते हैं, साथ ही इसके द्वारा कोरोना के नए वेरिएंट की उपस्थिति के बारे में आसानी और तेजी से पता चल जाता है।
Photo : Wikimedia Commons
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वैज्ञानिकों ने एक ऐसी चिप विकसित की है जो तीव्र गति और आसानी से कोविड-19 का पता लगा सकती है, यह इसी तरह के, खासकर सांस से संबंधित वायरस के जीनोम अनुक्रमण पर आधारित है। यह कारनामा न्यू मैक्सिको विश्वविद्यालय में कम्प्यूटेशनल जीनोमिक्स एंड टेक्नोलॉजी (सीजीएटी) प्रयोगशाला के निदेशक जेरेमी एडवर्ड्स और पालो अल्टो, कैलिफोर्निया और वेस्ट वर्जीनिया विश्वविद्यालय में सेंट्रल टेक्नोलॉजीज के उनके सहयोगियों ने मिल कर किया है।

शोध के एक हिस्से के रूप में, वैज्ञानिकों ने एक टाइल युक्त जीनोम सारणी बनाई है, जो तेजी से संक्रमित जीनोम को पनु: अनुक्रमण (री-सीक्वेंसिंग) के लिए विकसित करता है। जो सार्स-सीओवी-2 के विशिष्ट टाइल युक्त जीनोम सारणी को तेजी से और सटीकता से रोगियों से प्राप्त आठ लक्षणों के नमूनों में संक्रमित जीनोम का पता लगाता है, इस तरह यह बहुत तेजी से सार्स-सीओवी-2 के परीक्षण करने में सफल है।

आखिरकार वैज्ञानिक 99.9 प्रतिशत से अधिक की सटीकता के साथ प्रत्येक नमूने के जीनोम का 95 प्रतिशत अनुक्रम करने में सफल रहे, या कह सकते है कि उन्होंने कोरोना के 99.9 फीसदी तक सही परीक्षण किए।   

यूएनएम के रसायन विज्ञान और रासायनिक जीव विज्ञान विभाग में प्रोफेसर एडवर्ड्स ने कहा कि यह नई तकनीक कोरोना वायरस और अन्य सांस से संबंधित वायरसों को तेजी से और अधिक सटीकता के साथ पता लगाने में सक्षम है।

इस तकनीक से कोरोना के नए वेरिएंट की उपस्थिति के बारे में आसानी और तेजी से पता लगाया जा सकता है। इस तकनीक के जरिए वैज्ञानिक अधिक सटीकता से कोरोना का पता लगाने तथा उसे ट्रैक करने और अगली महामारी की शुरुआत को रोकने में सक्षम होंगे।    

दुनिया भर में करोड़ों लोग चाहते हुए भी कोरोना वायरस के संपर्क में जाते हैं। इस तकनीक का उद्देश्य कोविड-19 का परीक्षण अधिक सतर्कता के साथ करके इसके प्रसार को धीमा करना है। यह इस सबका सबसे प्रभावी तरीका भी है।

नैदानिक परीक्षण के पारंपरिक तरीके अक्सर कोरोना की गलत रिपोर्ट दे, देते हैं, जिसमें अक्सर जिस व्यक्ति को कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं है उसे पॉजिटिव और जिसे है उसे नेगेटिव दिखा दिया जाता है। साथ ही  कोरोना वायरस का पता लगाने (अनुक्रमण) के पारंपरिक तरीके समय लेने वाली और महंगे हैं। यह नई तकनीक इन सभी बाधाओं को लगभग समाप्त कर देगी।

एडवर्ड्स ने कहा इस तकनीक के बारे में बताने के बाद से, इसमें सुधार सटीकता और संवेदनशीलता बढ़ी है। चिप तकनीक बड़े पैमाने पर संक्रमित जीनोम और संक्रमित वेरिएंट की निगरानी के लिए अभी तक की सबसे अच्छी उपलब्ध तकनीक है। यह तकनीक केवल इस महामारी को नियंत्रित करने बल्कि भविष्य की महामारियों को रोकने में मदद कर सकती है। यह शोध अमेरिकन केमिकल सोसायटी की पत्रिका लैंगमुइर में प्रकाशित हुआ है।

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