हिमाचल में स्क्रब टाइफस पीड़ितों की संख्या 1,000 पहुंची, 15 की मौत

ज्यादा बारिश होने और ज्यादा उमस की वजह से इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है
हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में इन दिनों मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है। फोटो : रोहित पराशर
हिमाचल प्रदेश के अस्पतालों में इन दिनों मरीजों की भारी भीड़ उमड़ रही है। फोटो : रोहित पराशर
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हिमाचल में इस साल स्क्रब टायफस के मामलों में रिकाॅर्ड बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले साल के मुकाबले अभी तक दो गुणा से अधिक स्क्रब टायफस के मामले देखने को मिल चुके हैं। पिछले वर्ष 500 स्क्रब टायफस के मामले देखने को मिले थे, वहीं अभी तक संक्रमितों की संख्या 1 हजार से अधिक पहुंच चुकी है और 15 लोगों की जानें जा चुकी हैं। बरसात के मौसम में घास में पनपने वाले पिस्सू के काटने से फैलने वाले इस रोग को देखते हुए राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी जारी की है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों, अस्पताल प्रबंधन और जिला चिकित्सा अधिकारियों को अस्पतालों में पर्याप्त इंतजाम करने को कहा है।

स्टेट एपीडोमोलोजिस्ट उमेश भारती ने डाउन टू अर्थ को बताया कि बढ़ता मौसमी तापमान और आर्द्रता का स्क्रब टायफस बीमारी से सीधा संबध है। उन्होंने बताया कि ज्यों-ज्यों तापमान बढ़ता है और आर्द्रता बढ़ती है, वैसे ही इस रोग का प्रकोप भी बढ़ता है। लोगों को इसके लक्षण दिखने पर इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए और इसके लिए तुरंत डाक्टरी सलाह लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि पिछले साल हमने ‘हेल्थ इन चेंजिंग क्लाइमेट, स्टडी ऑफ शिमला डिस्ट्रिक्ट’ को लेकर एक शोध किया था जिसमें मौसम में आ रहे बदलावों से बीमारियों खासकर स्क्रब टायफस में वृद्धि देखी गई है।

हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि ज्यादा बारिश होने और ज्यादा उमस की वजह से इसके मामलों में वृद्धि देखी गई है। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में स्क्रब टायफस से निपटने के लिए जरूरी इंतजाम करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा उन्होंने स्क्रब टायफस के मामलों की बढ़ती संख्या पर गहन शोध करने की भी बात कही है। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी के वरिष्ठ मेडिकल सुपरिंटेंडेंट राहुल राय ने कहा कि सोमवार को 23 लोगों के टेस्ट किए गए थे जिनमें से 5 पॉजिटिव आए हैं और अभी तक संस्थान में 1,307 लोगों के टेस्ट किए गए हैं, जिनमें से 408 पॉजिटिव आ चुके हैं।

ऐसे होता है स्क्रब टायफस
बरसात के मौसम में घास में पनपने वाले पिस्सू के काटने से यह रोग फैलता है। इस कारण मरीज को सिरदर्द, बुखार के साथ जोड़ों में दर्द, शरीर में दर्द, कंपकंपी और शरीर पर लाल दाने, शरीर का थका होना जैसी समस्या होती है। ऐसे लक्षण होने पर मरीज को तुरंत चिकित्सकों के पास उपचार करवाने आना चाहिए। चिकित्सकों का कहना है कि यदि शुरुआती दिनों में मरीज अस्पताल आ जाएं और जरूरी दवा लें लें तो इससे आसानी से छुटकारा पाया जा सकता है। 

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक इस बार हिमाचल प्रदेश में रिकॉर्ड बारिश हुई है। माॅनसून सीजन 1 जून से 31 अगस्त तक प्रदेश में सामान्य से 33 फीसदी अधिक बारिश हुई हैं। सामान्य परिस्थितियों में प्रदेश में इस दौरान 613 एमएम बारिशें होती थी लेकिन इस बार 816 एमएम बारिश दर्ज की गई है। जानकारों का मानना है कि चूंकि प्रदेश में अधिक बारिश होने से नमी अधिक बनी हुई थी जिससे इस पिस्सू के बढ़ने के लिए अच्छी परिस्थिति मिली। इस वजह से स्क्रब टायफस के मामलों में वृद्धि दर्ज की गई है।  

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