विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक दुनिया भर में 2030 तक टीबी महामारी को खत्म करने के लिए, हमें दवा-प्रतिरोधी टीबी परीक्षण की पहुंच में भारी बढ़ोतरी करनी पड़ेगी, जहां बेहतर दवाओं के साथ अच्छे आहार पर भी जोर देना होगा।
वर्तमान में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा तय की गई, तेजी से पता लगाने या रैपिड डायग्नोस्टिक (डब्ल्यूआरडी) जैसा तरीका नहीं है जो उपचार संबंधी निर्णय लेने के लिए जरूरी हैं।
एक ही परीक्षण से सभी दवाओं के प्रतिरोध का पता नहीं लगाया जा सकता है, न ही कोई डब्ल्यूआरडी है जो नई और फिर से बनी दवाओं के प्रतिरोध का पता लगा सकती है, इन दवाओं में बेडाक्विलिन, लाइनज़ोलिड, डेलामेनिड और प्रीटोमेनिड शामिल है।
वर्तमान में डब्ल्यूआरडी केवल सीमित संख्या में दवाओं के प्रतिरोध का पता लगाते हैं और मात्र एक या कुछ प्रतिरोध से जुड़े जीनों को कवर करते हैं।
अब डब्ल्यूएचओ ने दवा प्रतिरोधी टीबी का पता लगाने के लिए अगली पीढ़ी के अनुक्रमण (टार्गेटेड नेक्स्ट जनरेशन सिक्वेंसिंग, एनजीएस) जांच तकनीक के एक नए समूह की बात की है। यह प्रतिरोध का पता लगाने के लिए स्किन कल्चर आधारित तरीकों के लिए जरूरी समय के आधार पर तेजी और सटीक आनुवंशिक विश्लेषण और प्रतिरोध से जुड़े म्युटेशन का पता लगाने का तरीका प्रदान करता है।
एनजीएस के लिए विभिन्न व्यावसायिक रूप से उपलब्ध "एंड-टू-एंड" परीक्षण हाल के वर्षों में उपलब्ध हैं जो एक साथ कई दवाओं के प्रतिरोध का पता लगा सकते हैं। रोगी के नमूनों पर सीधे परीक्षण के साथ तेजी से परिणाम दे सकते हैं। ये प्रतिरोध के लिए आनुवंशिक निशानों या मार्करों पर नई जानकारी की पहचान करने की क्षमता रखते हैं।
डब्ल्यूएचओ के वैश्विक टीबी कार्यक्रम के निदेशक डॉ टेरेजा कासेवा के मुताबिक, दवा-प्रतिरोधी टीबी से पीड़ित लोगों के लिए एनजीएस जैसे जांच के नए विकल्प महत्वपूर्ण हैं। यह सुनिश्चित करना कि हर जरूरतमंद को दवा प्रतिरोधी टीबी का तेजी और सटीक जांच करने की सुविधा मिल सके, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक, सभी तरह के दवा प्रतिरोधी टीबी का पता लगाना एक चुनौती बनी हुई है। इन दवाओं की और अधिक परीक्षण की आवश्यकता है। टीबी और दवा-प्रतिरोधी टीबी के इलाज के लिए नई दवाओं की शुरुआत और मौजूदा दवाओं के फिर से उपयोग ने तेजी से नए नियम तैयार किए हैं।
जिससे टीबी से पीड़ित व्यक्तियों के लिए उपचार के विकल्प और जीवन की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। हालांकि, जैसे-जैसे इन नई और फिर से बनी दवाओं के प्रति प्रतिरोध धीरे-धीरे बढ़ता है, दवा-प्रतिरोधी टीबी के तेजी से जांच और इससे निपटने के लिए बेहतर विकल्पों की आवश्यकता होती है।
टीबी के निदान के लिए डब्ल्यूएचओ ने सभी दिशानिर्देश जारी किए है। यह इसलिए है, ताकि राष्ट्रीय टीबी कार्यक्रमों और अन्य हितधारकों को टीबी दवा प्रतिरोध का पता लगाने के लिए उपलब्ध विकल्पों में होने वाले महत्वपूर्ण बदलावों के बारे में जानकारी दी जा सके।
डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि, दवा प्रतिरोधी टीबी के बारे में आगे की रणनीति की भी जल्द घोषणा की जाएगी जिसमें अनुक्रमण की शुरुआत के चरणों और म्युटेशन के बारे में नवीनतम जानकारी के साथ-साथ व्यावहारिक जानकारी भी शामिल की जाएगी।