विशाखापट्टनम में जहरीली गैस का रिसाव, 11 मरे, हजारों बीमार

विशाखापट्टनम गैस लीक: मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि कई लोगों की हालात गंभीर है। कई लोगों में आंखों में जलन और सांस लेने में शिकायत की है
एलजी कंपनी के प्लांट में आज सुबह करीब 3 बजे हुआ हादसा। फोटो: ट्विटर
एलजी कंपनी के प्लांट में आज सुबह करीब 3 बजे हुआ हादसा। फोटो: ट्विटर
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आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में गुरुवार (7 मई) सुबह एक केमिकल प्लांट से पीवीसी (स्टाइरीन) गैस लीक होने से हड़कंप मच गया। गोपालपटनम इलाके में हुए इस हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है और सैकड़ों बीमार बताए जा रहे हैं। मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि कई लोगों की हालात गंभीर है। कई लोगों में आंखों में जलन और सांस लेने में शिकायत की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के मद्देनजर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की बैठक बुलाई है। गृहमंत्री अमित शाह ने इस सिलसिले में एनडीएमए के अधिकारियों से बात की है और कहा है कि हम घटना की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी हादसे पर दुख जताया है और मृतकों के परिजनों को सांत्वना दी है। 

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सड़कों पर महिलाएं और बच्चे बेहोशी ही हालात में पड़े हैं। बुजुर्ग और बच्चे गैस से सबसे अधिक प्रभावित हैं। प्लांट के आसपास के गांवों में अफरातफरी का माहौल है। पुलिस ने आसपास के पांच गांवों को ऐहतियातन खाली करा लिया है। हादसे के कारणों का फिलहाल पता नहीं चला है।

जिस प्लांट में गैस का रिसाव हुआ है, वह एलजी पॉलिमर्स इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का है। यह प्लांट 1961 में बना था। शुरू में हिंदुस्तान पॉलिमर्स का इस पर स्वामित्व था। 1997 में दक्षिण कोरिया की कंपनी एलजी ने इसका अधिग्रहण का लिया था।

जिला अधिकारी का कहना है कि यह दुखद हादसा तब हुआ जब लॉकडाउन के बाद प्लांट को फिर शुरू किया गया। गैर रिसाव पर काबू पाने के लिए मौके पर पुलिस और दमकलकर्मी मौजूद हैं। पीड़ितों का अस्पताल पहुंचाने के लिए 50 एंबुलेंस की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री वाईएस जनमोहन रेड्डी ने प्रभावित इलाके में पर्याप्त बंदोबस्त करने के आदेश दिए हैं। 

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