केवल 45 फीसदी भारतीय एक दिन में दो बार दांत साफ करते हैं: अध्ययन

अध्ययन के मुताबिक, भारत में 32 फीसदी रोगी ऐसे थे जिन्होंने बहुत अधिक मीठा भोजन करने की जानकारी दी
फोटो साभार : विकिमीडिया कॉमन्स
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ओरल हेल्थ या मुंह के स्वास्थ्य और दांतों की स्वच्छता बनाए रखने के लिए अपने दांतों को ब्रश करना एक बहुत जरूरी कदम है। यह, नियमित दांतों की जांच के साथ-साथ सही तरीके से ब्रश और फ्लॉसिंग तकनीकों का उपयोग करके, बैक्टीरिया और दांतों की सड़न को दूर रखने के लिए स्वस्थ आहार का सेवन आवश्यक है।

नवीनतम वैश्विक ओरल हेल्थ या मुंह के स्वास्थ्य मूल्यांकन निष्कर्षों के अनुसार, अधिकांश भारतीय दिन में दो बार ब्रश नहीं करते हैं। जिन छह देशों के आंकड़े उपलब्ध है, उनमें चीन, कोलंबिया, इटली और जापान शामिल हैं। इनमें 78 से 83 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया कि वे हर दिन दो बार ब्रश करते हैं, जबकि केवल 45 प्रतिशत भारतीय दिन में ऐसा करते हैं।

ओरल हेल्थ ऑब्जर्वेटरी (ओएचओ) के द्वारा किए गए अध्ययन, जिसे 12 देशों में आयोजित किया गया। अध्ययन में कहा गया कि, भारत में, रोगियों ने 32 प्रतिशत मीठे भोजन के सेवन करने की जानकारी दी। यहां बताते चलें कि ओएचओ की स्थापना जिनेवा स्थित वर्ल्ड डेंटल फेडरेशन (एफडीआई ) द्वारा की गई थी, जो 10 लाख दंत चिकित्सकों का प्रतिनिधित्व करता है।

अध्ययन में यह भी पाया गया कि चीन और भारत में मरीज मुख्य रूप से नाश्ते से पहले अपने दांत ब्रश करते हैं, जबकि कोलंबिया, इटली और जापान में खाने के बाद लोगों की अपने दांत साफ करने की संभावना सबसे अधिक होती है। भारत में 32 प्रतिशत रोगियों ने चीन में केवल 11 प्रतिशत की तुलना में अधिक मीठा भोजन करने की जानकारी दी।

अध्ययन यह भी पाया कि चीन और भारत में दांत की रोगी दंत चिकित्सक के पास सबसे कम या नहीं जाते हैं। अध्ययन में कहा गया है, सभी देशों में, अधिकांश रोगियों ने पिछले एक साल में अपने आपकों दांतों के चिकित्सक को दिखाया, जबकि भारत में 51 प्रतिशत लोगों ने ऐसा किया और जापान के लिए यह आंकड़ा 80 प्रतिशत के बीच था।

दंत चिकित्सक से न मिलने का सबसे आम कारण गंभीर समस्याएं न होना या बहुत व्यस्त होना और दंत चिकित्सकों से डरना या पसंद न करना भी था। एक दांतों के डॉक्टर के मुताबिक, भारतीय अपने ओरल स्वास्थ्य को प्राथमिकता नहीं देते हैं।

यह तब तक चलता रहता है जब तक कि उनके दांतों में कोई समस्या उत्पन्न नहीं हो जाती है। इसके पीछे जागरूकता की कमी एक कारण है और प्राथमिकता की कमी दूसरा लेकिन मुख्य कारण है। यह तभी प्राथमिकता बन जाती है जब उन्हें दांतों की समस्या का सामना करना पड़ता है।

कई मरीज दंत चिकित्सा के समझाने के बाद दिन में दो बार ब्रश करना शुरू करते हैं और उनके दंत चिकित्सक उन्हें दिन में दो बार ब्रश करने की सलाह देते हैं। हालांकि, इस सलाह पर लंबे समय तक गौर नहीं किया जाता है।

अध्ययन में कहा गया है कि जापान को छोड़कर ज्यादातर मरीजों ने अपने ओरल स्वास्थ्य के अच्छे या बहुत अच्छे होने का दावा किया। 80 प्रतिशत जापानी रोगियों ने अपने ओरल स्वास्थ्य को खराब या बहुत खराब बताया। पिछले 12 महीनों में देश भर के अधिकांश रोगियों ने दर्द या खाने या चबाने में कठिनाई की शिकायत की।

कोविड-19 महामारी की शुरुआत तक एकत्र किए गए छह देशों के आंकड़े अब उपलब्ध है, जिनमें भारत, चीन, कोलंबिया, इटली, जापान और लेबनान शामिल थे। यह अध्ययन इंटरनेशनल डेंटल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।

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