अपने पालतू जानवरों के कारण बीमार पड़ सकता है हर चौथा भारतीय: रिपोर्ट

अध्ययन के मुताबिक, पालतू जानवरों के सोफे पर बैठने से न केवल बाल फैलते हैं बल्कि अनजाने में रूसी भी फैलती है, जिसमें वायरस और एलर्जी हो सकती है
 फोटो साभार: विकिमीडिया कॉमन्स,  प्रति एरिक स्ट्रैंडबर्ग
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क्या आप अपने पालतू जानवर को बिस्तर और सोफे पर रहने देते हैं और उन्हें साफ नहीं करते हैं? तो आप बीमार पड़ सकते हैं। एक अध्ययन में यह बात कही गई है। 

पालतू जानवर रखना न केवल मजेदार है बल्कि इसमें आपके पालतू जानवर और आपके स्वास्थ्य सहित सभी प्रकार की जिम्मेदारियां भी शामिल हैं। हाल ही में डायसन द्वारा किए गए एक अध्ययन में इस बात की पुष्टि की गई है।

डायसन ग्लोबल डस्ट अध्ययन के अनुसार, भारतीय पालतू पशु मालिक पालतू जानवरों पर कीड़ों और प्रदूषकों की उपस्थिति के बारे में काफी जागरूक होते हैं। हालांकि, चार में से केवल एक पालतू जानवर का मालिक ही हर दिन अपने घरों की सफाई को प्राथमिकता देता है, इसलिए खुद को और अपने परिवार को पालतू जानवरों की एलर्जी से जुड़े स्वास्थ्य संबंधी खतरों को सामने लाते हैं।

एमडीपीआई ओपन एक्सेस में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, पशुओं में पाए जाने वाले जीवाणु मनुष्यों में संक्रामक रोग फैला सकते हैं। अध्ययन में कहा गया है की बैसिलस एंथ्रेसीस पशुओं में एक घातक बीमारी फैलता है। यह एक रॉड के आकार का जीवाणु है जो एंथ्रेक्स नामक बीमारी कारण बनता है। पशुओं से लोगों के सम्पर्क से यह लोगों को भी संक्रमित करता है तथा स्वास्थ्य के लिए अनिश्चित खतरे पैदा करता है।

अध्ययन के मुताबिक, साल-दर-साल, लोगों की सफाई की आदतों में सकारात्मक बदलाव देखे जा सकते हैं। ज्यादातर लोग अपने घरों की सफाई करते समय अपने गद्दे और सोफे सहित आम तौर पर नजरअंदाज किए जाने वाले कुछ स्थानों को साफ करते रहे हैं। आबादी का 50 फीसदी हिस्सा सफाई को लेकर जागरूक है। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि आमतौर पर धूल में त्वचा के कणों की उपस्थिति के बारे में जागरूकता का अभाव है।

अध्ययन में पालतू जानवरों के बालों, रूसी और त्वचा के कणों से स्वास्थ्य को होने वाले खतरों पर प्रकाश डाला गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि ये प्रदूषक पालतू जानवरों के मालिकों और पालतू जानवरों के आसपास के बच्चों में एलर्जी पैदा कर सकते हैं।

शोध से पता चलता है कि भारत में 42 प्रतिशत पालतू पशु मालिक अपने पालतू जानवरों को सोफे पर बैठने की इजाजत देते हैं, जिससे न केवल बाल फैलते हैं बल्कि अनजाने में रूसी भी फैलती है, जिसमें वायरस फैल सकते हैं, और एलर्जी हो सकती है।

अध्ययन में पाया गया कि केवल 28 फीसदी पालतू पशु मालिक अपने घरों की साफ-सफाई की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। केवल 21 प्रतिशत लोग पालतू जानवरों के रहने वाले चीजों की सफाई को अपनी नियमित सफाई दिनचर्या में शामिल करते हैं। 41 प्रतिशत लोगों का मानना है कि पालतू पशुओं तथा घरेलू धूल एलर्जी हो सकती है।

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अध्ययन के हवाले से डायसन में माइक्रोबायोलॉजी में शोध वैज्ञानिक मोनिका स्टुजेन के अनुसार, पालतू जानवरों के मालिकों को उनकी सफाई को प्राथमिकता देनी चाहिए, यह ध्यान में रखते हुए कि अधिकांश सूक्ष्म कण दिखाई नहीं देते हैं लेकिन स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा कर सकते हैं।

वह कहती हैं, बहुत से लोग सोचते हैं कि पालतू जानवरों के बाल सबसे बड़ी समस्या हैं क्योंकि यह सबसे अधिक दिखाई देते हैं। आश्चर्य की बात नहीं है कि लोग अपने पालतू जानवरों पर मौजूद अन्य कणों से अनजान हैं क्योंकि ये कण आकार में बहुत छोटे होते हैं।

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