बच्चों की याददाश्त और सीखने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है मोटापा

एक नए अध्ययन से पता चला है कि सामान्य वजन वाले बच्चों की तुलना में मोटापे से ग्रस्त बच्चों में याददाश्त और निर्णय लेने की क्षमता सामान्य से कम होती है
Photo: Pixabay
Photo: Pixabay
Published on

सामान्य वजन वाले बच्चों की तुलना में मोटे बच्चों की याददाश्त तुलनात्मक रूप से कम होती है। जामा पीडियाट्रिक्स जर्नल में छपे एक नए शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। यह अध्ययन यूनिवर्सिटी ऑफ वर्मांट और यूनिवर्सिटी ऑफ येल द्वारा सम्मिलित रूप से किया गया है। अध्ययन के अनुसार इसका सबसे बड़ा कारण मोटे बच्चों में सामान्य की तुलना में पतले प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स का होना है। गौरतलब है कि प्रीफ्रंटल कॉर्टेक्स, सेरेब्रल कॉर्टेक्स का भाग है जोकि ललाट के अग्र भाग को ढंके रहता है। मस्तिष्क का यह हिस्सा जटिल समस्याओं को हल करने, अभिव्यक्ति, निर्णय लेने और सामाजिक व्यवहार को नियंत्रित करने जैसे महत्वपूर्ण कार्य करता है। इससे पहले के अध्ययनों से पता चला है कि जिन बच्चों का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) ज्यादा होता है उनका कोर्टेक्स सामान्य से पतला होता है। वह बच्चों में याददाश्त की कमी का एक कारण हो सकता है।

उच्च बीएमआई वाले बच्चों में सामान्य से पतला होता है सेरेब्रल कॉर्टेक्स 

वरमोंट विश्वविद्यालय में नर्सिंग विभाग की एसोसिएट प्रोफेसर जेनिफर लॉरेंट ने बताया कि "हमारे परिणाम बच्चों में मोटापे और याददाश्त के बीच के महत्वपूर्ण संबंध को दिखाते हैं। जिन बच्चों का बीएमआई ज्यादा होता है उनका सेरेब्रल कॉर्टेक्स विशेष रूप से प्रीफ्रंटल क्षेत्र में सामान्य से पतला होता है।" यह अध्ययन 10 साल की अवधि में 10,000 किशोरों पर किये गए शोध और उसके आंकड़ों पर आधारित है। जिसके लिए हर दो साल में उनसे इस विषय पर साक्षात्कार किया गया। उनके अनेक टेस्ट लिए गए। साथ ही उनके रक्त के नमूनों के साथ ही मस्तिष्क के स्कैन भी किए गए थे। जिसके लिए नौ से 10 वर्ष के 21 एबीसीडी साइटों पर भर्ती 3,190 बच्चों के परिणामों का विश्लेषण किया गया है। इस अनुसंधान का भी नतीजा अपने पूर्ववर्ती निष्कर्षों जैसे ही पाया गया। जो दिखाता है कि उच्च बीएमआई वाले बच्चों की यादाश्त, सामान्य की तुलना में कम थी। अध्ययन के एक अन्य शोधकर्ताओं ने बताया कि "हमें सेरेब्रल कॉर्टेक्स के व्यापक रूप से पतले होने का पता चला है। जोकि अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि हम जानते हैं कि हमारी स्मृति और योजना बनाने और निर्णय लेने की क्षमता जैसी चीजें मस्तिष्क के इसी क्षेत्र द्वारा नियंत्रित होती हैं।"

Related Stories

No stories found.
Down to Earth- Hindi
hindi.downtoearth.org.in