केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने 29 दिसंबर को जारी बयान में कहा है कि ब्रिटेन से लौटे लोगों में से छह को नए स्ट्रेन से संक्रमित पाया गया है। हालांकि अभी तक मंत्रालय ने यह नहीं बताया है कि ये संक्रमित लोग किन-किन राज्यों में हैं। इस बारे में मंत्रालय से सवाल किया गया, लेकिन अभी तक कोई जवाब नहीं आया है।
हालांकि बयान में कहा गया है कि एनआईएमएचएएनएस, बंगलुरु की लैब ने तीन, सीसीएमबी, हैदराबाद की लैब ने दो और एनआईवी, पुणे की लैब ने एक व्यक्ति को नए स्ट्रेन से पॉजिटिव पाया है।
बयान में कहा गया है कि इन सभी संक्रमित लोगों को एक अलग-अलग कमरों में आइसोलेट करके रखा गया है और राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग की ओर से इनकी निगरानी की जा रही है। इसके अलावा इनके नजदीकी लोगों को भी कोरंटीन किया गया है। इसके अलावा इन लोगों के संपर्क में आए लोगों की पहचान की जा रही है। खासकर उनके सहयात्रियों और उनके संपर्कों की पहचान की जा रही है।
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि 25 नवंबर से लेकर 23 दिसंबर की रात तक ब्रिटेन से आए लोगों में से 114 को अब तक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इन सभी सैंपलों को जेनोम के लिए कोलकाता, भुवनेश्वर, पुणे, हैदराबाद, बंगलुरू और दिल्ली की 10 लैब में भेजा गया है।
सरकार बता चुकी है कि 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच ब्रिटेन से लगभग 33 हजार लोग लौटे हैं और दावा किया गया है कि इन सभी को ढूंढ़ लिया गया है और उनका आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया गया है। हालांकि कुछ अन्य रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ब्रिटेन से लौटे 279 लोगों को अता-पता नहीं चल रहा है। ये सभी तेलंगाना के हैं।
यहां यह उल्लेखनीय है कि कौंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) के महा निदेशक सीएस मांडे ने डाउन टू अर्थ के साथ बातचीत में कहा था कि नए स्ट्रेन के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।
डेनमार्क, नीदरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, इटली, स्वीडन, फ्रांस, स्पेन, स्विट्जरलैंड, जर्मनी, कनाडा, जापान, लेबनान और सिंगापुर में नए स्ट्रेन की पुष्टि पहले ही हो चुकी है। अब तक के शोधों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि वैरिएंट 70 प्रतिशत अधिक संक्रमणीय है और इसलिए इससे संक्रमण बहुत तेजी से फैल सकता है।