
भारत में जंगली जानवरों और सांपों के हमलों में होने वाली मौतों और चोटों के मामलों में 2023 में मामूली इजाफा दर्ज किया गया है।
यह जानकारी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट “एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड्स इन इंडिया 2023” में सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में कुल 1,742 लोग जंगली जानवरों के हमलों या काटने से मारे गए या घायल हुए। इनमें 1,380 पुरुष और 362 महिलाएं शामिल हैं। वहीं 2022 में यह संख्या 1,510 रिकॉर्ड की गई थी।
सांपों के काटने से सबसे ज्यादा मौतें
रिपोर्ट से यह ही पता चला है कि 2023 में सांपों के काटने के 10,144 मामले सामने आए थे, जबकि 2022 में इनकी संख्या 10,085 दर्ज की गई थी। यह भी पता चला है कि 2023 में सांपों के काटने से 6,324 पुरुषों और 3,794 महिलाओं को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। वहीं, 28 पुरुष और आठ महिलाएं इन घटनाओं में घायल हुईं।
सांपों के अलावा अन्य जानवरों, कीड़ों और सरीसृपों के काटने से भी 2023 में 1,172 मौतें और घायल होने के मामले सामने आए हैं। गौरतलब है कि 2022 में यह आंकड़ा 1,077 था। इन घटनाओं में 826 पुरुष और 344 महिलाएं मारी गईं, जबकि तीन पुरुष घायल हुए हैं।
रिपोर्ट में ‘दुर्घटना’ की व्याख्या करते हुए लिखा है कि ये वे घटनाएं हैं जो एकाएक होती हैं और जिससे चोट, मृत्यु, संपत्ति का नुकसान या अन्य तरह की हानि होती है। आंकड़ों के दृष्टिकोण से समझने के लिए दुर्घटनाओं से होने वाली मौतों को दो हिस्सों में बांटा गया है।
पहली वे जो प्राकृतिक कारणों से होती हैं, इनमें बिजली गिरना, लू लगना, ठंड लगना या जानवरों के हमले शामिल हैं। वहीं अन्य कारणों से होने वाली मौतों में मानव लापरवाही या जानबूझकर किए गए कार्यों से होने वाली मौतों को शामिल किया गया है।
प्राकृतिक दुर्घटनाओं में हुई 6,444 मौतें
रिपोर्ट में इस तथ्य को भी उजागर किया गया है कि 2023 के दौरान देश में 6,444 मौतें प्राकृतिक कारणों से हुई हैं। इनमें सबसे ज्यादा 39.7 फीसदी मौतें बिजली गिरने से, जबकि 12.5 फीसदी हीट स्ट्रोक से, और 11.4 फीसदी ठंड लगने से हुईं।
रिपोर्ट के अनुसार प्राकृतिक दुर्घटनाओं में मरने वालों में से 63.6 फीसदी लोग 30 से 60 वर्ष की उम्र के थे। इसमें भी 30 से 45 वर्ष के लोग 34.8 फीसदी, जबकि 45 से 60 वर्ष के लोग 28.8 फीसदी थे।
देश में प्राकृतिक दुर्घटनाओं से हुई मौतों में से 9.3 फीसदी यानी 602 मौतें, 53 बड़े शहरों में दर्ज की गई हैं।