कोरोना से बचने के लिए अब भी मास्क अनिवार्य: अध्ययन

यह अध्ययन बर्कले स्थित कैलिफोर्निया विश्व विद्यालय के महामारी विशेषज्ञों ने किया
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जब से भारत में टीकारण के आंकड़े एक अरब की संख्या को छुआ है और पिछले दिनों त्यौहारों में जिस गैर जिम्मेदारी से लोगों ने मास्क लगाना लगभग पूरी तरह से बंद ही कर दिया है, यह सोचकर कि अब कोविड-19 का कोई डर नहीं है, ऐसा सोचने वाले लोगों की इस सोच को कोविड-19 महामारी विशेषज्ञों ने पूरी तरह से गलत साबित कर दिया है। कोविड-19 महामारी के विशेषज्ञों की एक टीम ने इस बात को पूरी तरह से नकार दिया है कि मास्क लगाना अनिवार्य नहीं है। क्योंकि आज भी मास्क इस महामारी को रोकने का एक सबसे आसान उपाय बना हुआ है। यही नहीं मास्क इस बीमारी को फैलने से रोकने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभता आ रहा है। यह निष्कर्ष एक अध्ययन में निकलकर आया है।    

अध्ययन में बताया गया है कि सैकड़ों कोविड-19 मामलों के विश्लेषण से पता चलता है कि विशिष्ट परिस्थितियों में फेस मास्क सबसे अधिक सुरक्षात्मक उपाय होते हैं। विशिष्ट परिस्थितियां जैसे कि कोविड-19 प्रभावित वाले व्यक्ति के संपर्क में आना और लगातार तीन घंटे से अधिक समय तक उसके साथ रहना या उस घर में रहना जहां कोविड-19 प्रभावित व्यक्ति रहता है। यह बात अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका नेचर में प्रकाशित एक अध्ययन में कहीं गई है।  

अध्ययन से पता चलता है कि ऐसे कई सामान्य उपाय हैं जिनके उपयोग से कोविड-19 से बचाव अधिक संभव है। जैसे शारीरिक दूरी बनाए रखना, बाहर व्यक्ति से कम से कम सामना करना और लगातार मास्क पहनना आदि। कहने के लिए तो ये उपाय बहुत सामान्य लगते हैं और इसमें किसी प्रकार का खर्च नहीं है लेकिन अध्ययन में यह बात निकलकर आई है कि यही सामान्य उपाय कोविड-19 की मारकता को कम करने में सबसे अधिक उपयोगी साबित हुए हैं। ये उपाय कोविड-19 से बचाव और इस संक्रमण के फैलने से रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं। इस संबंध में बर्कले स्थित कैलिफोर्निया विश्व विद्यालय के महामारी विशेषज्ञ और इस अध्ययन के सह-अध्ययनकर्ता जोसेफ लेवनार्ड कहते हैं कि पिछले अध्ययनों ने यह साबित किया है कि मास्क लगाने से संक्रमण का खतरा कम से कम होता है और अब नवीनतम अध्ययन से भी पता चलता है कि यह तब भी फायदेमंद है जब हम सामान्य दूरी का पालन करते हैं। उनका कहना है कि यद्यपि टीकाकरण और चिकित्सा उपचार महामारी को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। लेकिन असल दुनिया में इसका प्रभाव कितना उपयोगी है, इसे देखना और उसका अंदाजा लगाना अभी मुश्किल है।

इस चुनौती का समाधान करने के लिए कैलिफोर्निया के सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक चिकित्सा महामारी विशेषज्ञ सीमा जैन और उनके सहयोगियों ने कैलिफोर्निया में लगभग 1,280 लोगों के मामलों का अध्ययन किया, जिन्होंने फरवरी और सितंबर 2021 के बीच कोविड-19 परीक्षण किया और ये सभी पॉजिटिव पाए गए। इस अध्ययन में पाया गया कि जिन प्रतिभागियों को पूरी तरह से टीका नहीं लगाया गया था, उनमें संक्रमण का सबसे बड़ा खतरा था। काविड-19 प्रभावित किसी व्यक्ति के संपर्क में आने वाले प्रतिभागियों में संक्रमण की संभावना कम थी, यदि वे आमाना-सामना होने की स्थिति में मास्क नहीं पहने थे। ऐसे में यह मास्क की सुरक्षा उन लोगों के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जिन्हें अभी तक टीका नहीं लगाया गया है। जैन का कहना है कि विश्लेषण से यह भी पता चलता है कि उच्च जोखिम के दौरान मास्क सबसे बड़ा लाभ प्रदान करते हैं। उच्च जोखिम जैसे तीन घंटे से अधिक समय तक साथ रहना और घर के अंदर होते हैं।

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